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योगी सरकार ने 79 लाख बैंक खाते सीज कर बचाए 8000 करोड़ रुपए, जानिए पूरा मामला - योगी सरकार की ताजी कार्रवाई

यूपी की योगी सरकार ने जालसाजों पर शिकंजा कसा है. विभिन्न योजनाओं में फर्जी नामों से खुलवाए गए 79 लाख बैंक खातों को सीज कर बंद कर दिया गया है. इनमें भेजी जाने वाली करीब आठ हजार करोड़ की धनराशि बचा ली गई है.

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Published : Aug 8, 2022, 10:57 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जालसाजी पर बड़ा शिकंजा कसा है. केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों के उन खातों पर पैसा जा रहा था, जिनका कोई पता नहीं था. पूर्ववर्ती सरकारों में साठगांठ और जालसाजी करके खातों में पैसा जा रहा था, उन खातों को बंद कराया गया है. सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों की जब योगी सरकार ने स्क्रीनिंग कराई तब यह बड़ी जालसाजी का मामला सामने आया है. सरकार ने प्रदेश में कई योजनाओं से संबंधित लाभार्थियों के करीब 79 लाख बैंक खातों को सीज कर बंद करा दिया है. इनमें जाने वाली करीब 8000 करोड़ से ज्यादा की धनराशि को बचा लिया गया है.


शासन के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार करीब 8062 करोड़ रुपए की यह रकम ऐसे फर्जी खातों में भेजी जा रही थी जिनका कोई अता पता नहीं था. इस धनराशि को भेजे जाने से रोक कर इस पैसे की बचत कराई गई है. सरकार ने ऐसे सभी फर्जी खातों को बंद कराते हुए पैसा ट्रांसफर करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है.


उत्तर प्रदेश सरकार केंद्र व राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित 30 से अधिक विभागों की लगभग 167 लाभार्थी योजनाएं संचालित कर रही है. इन विभागों में मुख्य रूप से खाद एवं रसद विभाग, शिक्षा विभाग, मत्स्य विभाग, समाज कल्याण विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, श्रम विभाग परिवार कल्याण महिला कल्याण जैसे विभाग शामिल हैं, योगी सरकार ने इन विभागों के लाभार्थियों कि जब स्क्रीनिंग कराई तब यह बड़ा मामला सामने आया. फर्जी पते व नाम के आधार पर जो करीब 79 लाख बैंक खातों में पैसा जा रहा था उन्हें सरकार ने बंदा दिया है. इनमें जाने वाली आठ हजार करोड़ की धनराशि को बचा लिया गया है.

मुख्य रूप से 55 लाख से अधिक राशन कार्ड धारकों के बैंक खाते हैं जिनमें 4259 करोड़ रुपए की धनराशि को भेजे जाने से रोका गया है. इसके साथ ही 2.7 लाख पेंशन खाते हैं जिनमें 163 करोड़ रुपए भेजने से बचाया गया है. इसके अलावा फर्जी छात्रवृत्ति से संबंधित बैंक खातों को बंद करते हुए करीब 1694 करोड़ रुपए की बचत की गई है. वहीं, 15 लाख निशुल्क पोशाक भेजे जाने से संबंधित फर्जी बैंक खाते बंद कराए गए हैं, इससे करीब 166 करोड रुपए की धनराशि बचाई गई है.

1 लाख 31 छात्रवृत्ति से संबंधित फर्जी खाते बंद कराए गए हैं जिनमें 169 करोड़ रुपए की बचत हुई है. 2 लाख 70 हजार विधवा पेंशन के फर्जी खाते बंद कराए गए हैं जिनमें 163 करोड़ रुपए की बचत हुई है. 34000 वृद्धा पेंशन के फर्जी खाते बंद कराए गए हैं इससे 16 करोड़ की बचत हुई है. 84 हजार 176 सामान्य वर्ग से जुड़े छात्रवृत्ति के खाते बंद हुए हैं जो फर्जी थे और इनमें जाने वाली करीब 97 करोड़ रुपए की धनराशि बचा ली गई है. उत्तर प्रदेश सरकार के एमएसएमई व सूचना विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्यवाही की जा रही है. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद लाभार्थी खाताधारकों की स्क्रीनिंग कराई गई है जिनमें यह गड़बड़ी पाई गई और कार्रवाई की गई है.

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लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जालसाजी पर बड़ा शिकंजा कसा है. केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों के उन खातों पर पैसा जा रहा था, जिनका कोई पता नहीं था. पूर्ववर्ती सरकारों में साठगांठ और जालसाजी करके खातों में पैसा जा रहा था, उन खातों को बंद कराया गया है. सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों की जब योगी सरकार ने स्क्रीनिंग कराई तब यह बड़ी जालसाजी का मामला सामने आया है. सरकार ने प्रदेश में कई योजनाओं से संबंधित लाभार्थियों के करीब 79 लाख बैंक खातों को सीज कर बंद करा दिया है. इनमें जाने वाली करीब 8000 करोड़ से ज्यादा की धनराशि को बचा लिया गया है.


शासन के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार करीब 8062 करोड़ रुपए की यह रकम ऐसे फर्जी खातों में भेजी जा रही थी जिनका कोई अता पता नहीं था. इस धनराशि को भेजे जाने से रोक कर इस पैसे की बचत कराई गई है. सरकार ने ऐसे सभी फर्जी खातों को बंद कराते हुए पैसा ट्रांसफर करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है.


उत्तर प्रदेश सरकार केंद्र व राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित 30 से अधिक विभागों की लगभग 167 लाभार्थी योजनाएं संचालित कर रही है. इन विभागों में मुख्य रूप से खाद एवं रसद विभाग, शिक्षा विभाग, मत्स्य विभाग, समाज कल्याण विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, श्रम विभाग परिवार कल्याण महिला कल्याण जैसे विभाग शामिल हैं, योगी सरकार ने इन विभागों के लाभार्थियों कि जब स्क्रीनिंग कराई तब यह बड़ा मामला सामने आया. फर्जी पते व नाम के आधार पर जो करीब 79 लाख बैंक खातों में पैसा जा रहा था उन्हें सरकार ने बंदा दिया है. इनमें जाने वाली आठ हजार करोड़ की धनराशि को बचा लिया गया है.

मुख्य रूप से 55 लाख से अधिक राशन कार्ड धारकों के बैंक खाते हैं जिनमें 4259 करोड़ रुपए की धनराशि को भेजे जाने से रोका गया है. इसके साथ ही 2.7 लाख पेंशन खाते हैं जिनमें 163 करोड़ रुपए भेजने से बचाया गया है. इसके अलावा फर्जी छात्रवृत्ति से संबंधित बैंक खातों को बंद करते हुए करीब 1694 करोड़ रुपए की बचत की गई है. वहीं, 15 लाख निशुल्क पोशाक भेजे जाने से संबंधित फर्जी बैंक खाते बंद कराए गए हैं, इससे करीब 166 करोड रुपए की धनराशि बचाई गई है.

1 लाख 31 छात्रवृत्ति से संबंधित फर्जी खाते बंद कराए गए हैं जिनमें 169 करोड़ रुपए की बचत हुई है. 2 लाख 70 हजार विधवा पेंशन के फर्जी खाते बंद कराए गए हैं जिनमें 163 करोड़ रुपए की बचत हुई है. 34000 वृद्धा पेंशन के फर्जी खाते बंद कराए गए हैं इससे 16 करोड़ की बचत हुई है. 84 हजार 176 सामान्य वर्ग से जुड़े छात्रवृत्ति के खाते बंद हुए हैं जो फर्जी थे और इनमें जाने वाली करीब 97 करोड़ रुपए की धनराशि बचा ली गई है. उत्तर प्रदेश सरकार के एमएसएमई व सूचना विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्यवाही की जा रही है. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद लाभार्थी खाताधारकों की स्क्रीनिंग कराई गई है जिनमें यह गड़बड़ी पाई गई और कार्रवाई की गई है.

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