कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा जमकर प्रचार कर रही है. इस सिलसिले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बंगाल के मेदिनीपुर पहुंचे.
पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा है.
सीएम योगी ने कहा, 10 वर्षों से बंगाल में टीएमसी की सरकार है, लेकिन बंगाल की बदहाली और गरीबी को दूर नहीं कर पाई. 10 वर्षों में बंगाल में दीदी ने कोई उद्योग नहीं लगने दिया. उद्योग नहीं लगेंगे, तो विकास नहीं होगा, नौजवानों को रोजगार नहीं मिलेगा. हर योजना में टोलाबाजी और लूट है.
उन्होंने कहा, ममता दीदी गरीबों, मछुआरों या किसानों का विकास नहीं करना चाहतीं, क्योंकि वह सिर्फ और सिर्फ टीएमसी का विकास चाहती हैं. उनका नारा 'मेरा विकास और टीएमसी का विकास' है, जबकि भाजपा का नारा 'सबका साथ सबका विकास' है.
उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें राज्य के विकास में कोई रुचि नहीं है और वह केवल गुंडों और उगाही करने वालों को बढ़ावा देना चाहती हैं.
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल शासन की समाप्ति की उल्टी गिनती शुरू हो गई है और भाजपा विकास एवं प्रगति के नए युग की शुरुआत के लिए 35 दिन बाद राज्य में सरकार का गठन करेगी.
दक्षिण 24 परगना जिले में सागर विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए योगी ने कहा, एक समय पर पश्चिम बंगाल आधुनिक और प्रगतिशील राज्य था, लेकिन कांग्रेस, वाम दल और फिर तृणमूल कांग्रेस ने राज्य के औद्योगिक विकास को अवरुद्ध किया और भ्रष्टाचार पनपने लगा.
उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल ने केंद्र द्वारा चक्रवात अम्फान से निपटने के लिए दी गई राहत राशि हड़प ली.
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उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात अम्फान से निपटने के लिए राज्य को एक हजार करोड़ रुपये दिए थे, लेकिन पैसा जनता तक नहीं पहुंच पाया और तृणमूल के नेताओं ने इसे हड़प लिया.
उन्होंने कहा कि उनके राज्य के लोगों को अगर पीएम आवास योजना, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत और किसान सम्मान निधि, जैसी योजनाओं का लाभ मिल सकता है, तो पश्चिम बंगाल के लोग इनके लाभ से वंचित क्यों हैं?
उन्होंने कहा, यह दर्शाता है कि तृणमूल कांग्रेस को पश्चिम बंगाल के विकास की कोई चिंता नहीं है.
योगी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में और केंद्र में एक ही पार्टी के सत्ता में होने से राज्य के लोगों को फायदा होगा.
पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए 27 मार्च से लेकर 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में चुनाव होगा. दो मई को मतगणना की जाएगी.