कासगंजः योग गुरु स्वामी रामदेव जिले के तीन दिवसीय दौरे पर है. इस दौरान वह योग चिकित्सा शिविर में लोगों को अपने योग के माध्यम से निरोग रहने की जीवन शैली के बारे में बता रहे हैं. कासगंज के बारह पत्थर मैदान पर योग गुरु से योगासन सीखने और जीवन निरोग बनाए रखने की कला सीखने के लिए 50 हजार की संख्या में लोग शिवर में भाग लेने के लिए पहुंच रहे हैं. शिविर में योग गुरु लोगों को रोगमुक्त करने के लिए आयुर्वेदिक दवाओं और जड़ी बूटियों को जीवन में अपनाने पर भी जोर दे रहे हैं.
रविवार को शिविर से निकलने के बाद योग गुरु रामदेव ने ईटीवी भारत से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में धार्मिक आतंकवाद चल रहा है. इसके साथ ही मेडिकल आतंकवाद, राजनीतिक आतंकवाद, सामाजिक आतंकवाद और कॉरपोरेट आतंकवाद चल रहा है. चारों तरफ लूट खसोट तबाही का मंजर है. जब तक निष्काम भाव से लोग जगत की सेवा नहीं करेंगे, तब तक संसार आगे नहीं बढ़ पाएगा. इसीलिए हमने ऐसे ढाई सौ सनातन धर्म के कर्मयोगी, योगी और राष्ट्रवादी जो सनातन धर्म के साथ-साथ राष्ट्र धर्म को सर्वोपरि रखें. ऐसे सन्यासी तैयार किए. इसका एक ही प्रयोजन है कि संसार में दोबारा से सत्य और न्याय के धर्म की प्रतिष्ठा हो.
एलोपैथी दवाओं का बहिष्कार करने को लेकर योग गुरु ने कहा कि जिसकी उपयोगिता एक प्रतिशत हो, सिर्फ इमरजेंसी ट्रीटमेंट में उसको लोग अपने जीवन में धारण करें रोज दवा खा-खा कर अपने शरीर में जहर डालें ये उचित नहीं है. इसीलिए वो कहते हैं कि 99 प्रतिशत योग और आयुर्वेद से आपकी समस्याओं का समाधान हो सकता है तो इसे क्यों न अपनाएं?
स्वामी रामदेव ने आगे कहा कि हमारे कई शास्त्रों और ग्रंथों में मिलावट है. जो स्वार्थ के कारण प्रलोभन के कारण, राजा महाराजाओं के दबाव के कारण से जो लोगों से श्लोक और सूत्र गढ़वा कर शास्त्रों में डाल दिए गए, इसमें संशोधन की आवश्यकता है. जिसे हम सब मिलकर करेंगे. हमारे वैदिक परम्पराओं के जो महान विद्वान हैं उनकी कमेटी बनाकर उनका परिशोधन करेंगे.
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