देहरादून (उत्तराखंड): योग से ज्यादा अक्सर बाबा रामदेव आजकल अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. बाबा रामदेव चाहे अनचाहे में कुछ ऐसा कह जाते हैं जो उन्हें विवादों का 'गुरु' बना देता है. BHEL (Bharat Heavy Electricals Limited) को लेकर दिया गया बाबा रामदेव का ऐसा ही एक बयान आजकल खबरों में है. जिसे लेकर बाबा रामदेव का विरोध भी शुरू हो गया है. क्या है बाबा रामदेव से जुड़ा नया विवाद? BHEL को लेकर क्या कह गये योगगुरु? आइये आपको विस्तार से बताते हैं.
स्कूल के एनुअल फंक्शन में बाबा रामदेव ने दिया बयान: योगगुरु बाबा रामदेव का जो बयान विवादों में हैं वो हरिद्वार डीपीएस रानीपुर के एनुअल फंक्शन में दिया गया. यह विवादित बयान बाबा रामदेव ने भारत सरकार के नवरत्नों में से एक भेल को लेकर दिया. केंद्र सरकार की इस महत्वपूर्ण यूनिट पर बाबा रामदेव के इस बयान के बाद BHEL कर्मचारियों में रोष है.
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योगगुरु बाबा रामदेव ने क्या कहा: दरअसल, स्वामी रामदेव को दिल्ली पब्लिक स्कूल रानीपुर के एनुअल फंक्शन में विशेष अतिथि के तौर पर बुलाया गया था. इस दौरान कई नेता, अधिकारी, स्कूली बच्चे और बड़ी संख्या में लोग भी वहां मौजूद थे. कार्यक्रम में बाबा रामदेव लोगों को संबोधित करने मंच पर पहुंचे. तब बाबा रामदेव ने अपने पुराने दिनों को याद किया. उन्होंने कहा वे शुरुआती दौर में BHEL (Bharat Heavy Electricals Limited) आए थे. तब उन्होंने पहली बार BHEL जितनी बड़ी कंपनी देखी थी. इस बीच बाबा रामदेव ने BHEL की जमकर तारीफ भी की. इसके परिसर, कर्मचारी, संख्या और दूसरी चीजों को तब जो बाबा रामदेव को अचरज लगा उसके बारे में उन्होंने विस्तार से बताया. अपने संबोधन को आगे बढ़ाते हुए बीच में ही बाबा रामदेव ने डीपीएस मैनेजमेंट से पूछा क्या यहां पर कोई भेल का अधिकारी बैठा है या नहीं? इसके बाद वहां मौजूद भेल के अधिकारी ने खड़े होकर बाबा रामदेव की बात का जवाब दिया.
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पतंजलि योगपीठ और BHEL की कर दी तुलना: बाबा रामदेव ने तब मंच से BHEL के अधिकारी से पूछा भेल का सालाना टर्नओवर कितना है? इसका जवाब देते हुए भेल अधिकारी ने बताया BHEL का सालाना टर्नओवर लगभग ₹2100 करोड़ का है. इसके बाद बाबा रामदेव हंसने लगे. इसके बाद उनका वो बयान आया जिसको लेकर विवाद खड़ा हो गया है. अधिकारी से सालाना टर्नओवर का जवाब मिलने के बाद बाबा रामदेव ने कहा उनकी कंपनी पतंजलि योगपीठ 2004 में बनी. आज पतंजलि योगपीठ का टर्नओवर लगभग ₹45,000 करोड़ का है और यह जल्द ही ₹50,000 करोड़ हो जाएगा. इसके बाद बाबा यहीं नहीं रुके. बाबा रामदेव ने अपने आचार्यकुलम और डीपीएस की तुलना भी कर दी. बस अब उनके इन्हीं बयानों का विरोध हो रहा है.
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बाबा के बयान के भेल कर्मचारियों में आक्रोश: BHEL यूनियन नेता राजवीर ने कहा, भेल की जमीन पर खड़े होकर इस तरह की बयानबाजी सही नहीं है. भेल का अपना एक इतिहास है. किसी को भी हक नहीं है कि वो इस तरह की बातें करे. उन्होंने कहा भेल ने देश के लिए बहुत कुछ बनाया है. स्वामी रामदेव के बयान के बाद भेल कर्मचारियों में भी आक्रोश है.
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वहीं, BHEL निवासी वरुण वालियान ने कहा, यह देखने वाली बात है कि शिक्षा के मंदिर में किन-किन लोगों को बुलाया जा रहा है. स्कूल में शिक्षा के कार्यक्रमों में वैज्ञानिक, प्रोफेसरों या अन्य गणमान्य लोगों को बुलाना चाहिए. नेताओं और बाबाओं से जुड़े लोगों को ऐसे कार्यक्रमों से दूर रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा जिस कार्यक्रम में स्वामी रामदेव को बुलाया गया था वो हकीकत में बच्चों के लिए था मगर यहां इस मंच का इस्तेमाल अपनी छवि चमकाने के लिए किया गया. उन्होंने कहा स्वामी रामदेव पहले भी आपत्तिजनक बयानबाजी कर चुके हैं. भेल हरिद्वार का गौरव है. स्वामी रामदेव को ये बिल्कुल नहीं भूलना चाहिए.
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विवाद पर बाबा रामदेव की सफाई: BHEL को लेकर विवाद बढ़ा तो इस पर बाबा रामदेव ने भी सफाई दी. बाबा रामदेव ने कहा उनके लिए भेल गौरव की बात है. उनके बयान को कुछ लोगों ने गलत तरीके से लिया है. बाबा रामदेव ने कहा मुझे याद है हरिद्वार में सबसे पहले वे भेल कर्मियों के ही योग शिविर में आ चुके हैं. भेल भारत का रत्न है. उनके बयान को किसी ने गलत तरीके से अगर लिया है तो वो सही नहीं है. बाबा रामदेव ने कहा उनका ये बयान यहां पढ़ रहे बच्चों के परिपेक्ष में था. उन्होंने कहा जो बच्चे यहां पढ़ते हैं वो भेल और पतंजलि की तरह बड़ी बड़ी कंपनिया बनायें, उनके बयान का ये मतलब था.