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कोविड प्रोटोकॉल के साथ होगा योग दिवस का आयोजन : प्रहलाद पटेल

21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है. 2014 में ही जब मोदी सरकार आई थी तब से ही योग को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में सरकार ने काफी प्रयास किया. कोविड के मौजूदा हालात में किस तरह से योग दिवस मनाया जाएगा, क्या तैयारियां हैं. इन्हीं सब बातों पर ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना ने पर्यटन व संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल से बातचीत की.

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Published : Jun 20, 2021, 6:31 PM IST

Updated : Jun 20, 2021, 7:20 PM IST

नई दिल्ली : पर्यटन व संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री 75 धरोहरों में मौजूद योगकर्ताओं सहित पूरे देश को वर्चुअली संबोधित करेंगे. इसके अलावा देश के 75 धरोहर पर कोरोना वायरस प्रोटोकॉल का पालन करते हुए लोग योग करेंगे और योग की महत्ता को समझेंगे.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी ऐसे ही एक धरोहर पर मौजूद रहेंगे. इसके अलावा कई विशेष गणमान्य अतिथि भी अलग-अलग धरोहरों पर मौजूद होकर प्रधानमंत्री के साथ वर्चुअल योग में भाग लेंगे. पिछले 2 साल से कोरोना की महामारी की वजह से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सरकार वर्चुअल कार्यक्रमों का ही आयोजन कर रही है. दिल्ली में इस मौके पर खुद पर्यटन व संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल लाल किले पर मौजूद रहेंगे.

पटेल ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में बताया कि कोरोना वायरस के बाद जब लोग ठीक हो रहे. मंत्रालय और पूरी सरकार इस बात की कोशिश कर रही है कि न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन ही लोग योग के महत्व को समझे बल्कि पूरे साल योग करने की प्रवृत्ति को अपनाएं, जिससे वे बीमारियों से बचे रहें.

कुछ दिन पहले ही देश के सभी धरोहरों को और ऐतिहासिक महत्व की इमारतों को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है. इस पर पर्यटकों का क्या रिस्पांस मिल रहा है. इस सवाल पर पर्यटन मंत्री का कहना था कि धीरे-धीरे लोग आ रहे हैं. जाहिर तौर पर कोरोना वायरस खत्म नहीं हुआ है लेकिन मंत्रालय इस बात का एहतियात बरत रहा है कि इन धरोहरों पर जो भी लोग आएं वे प्रोटोकॉल को पूरी तरह से अपनाएं और सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन का ध्यान रखें.

प्रहलाद पटेल से बातचीत

उन्होंने कहा कि जो बड़े धरोहर हैं उसमें तो लोगों का आना-जाना शुरू हो गया है. इस बात का ख्याल रखा जा रहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना प्रोटोकॉल में कोई कमी नहीं आए. इसी वजह से इन धरोहरों और इमारतों की जो टिकटिंग व्यवस्था है वह ऑनलाइन कर दी गई है ताकि लोग भीड़ में लाइन लगाकर टिकट न खरीदें. जिससे कोरोना की महामारी का रिस्क बढ़ सकता है.

इस सवाल पर कि कोरोना केस महामारी के दौरान सबसे ज्यादा असर पर्यटन पर पड़ा है और पर्यटन रोजगार लगभग ठप सा पड़ गया है. अगर देखा जाए तो अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को वापस भारत की तरफ जाने के लिए सरकार क्या प्रयास कर रही है. इस पर प्रहलाद पटेल ने कहा कि पहले तो सरकार अपने घरेलू पर्यटकों पर ध्यान दे रही है क्योंकि अभी अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का आना शुरू नहीं हुआ है.

यह भी पढ़ें-International Yoga Day : 7वां समारोह कल, पीएम मोदी करेंगे संबोधित

पहले यह कोशिश है कि घरेलू पर्यटक ही धीरे-धीरे सोशल डिस्टेंसिंग और तमाम एहतियात बरतते हुए बाहर निकलें. उसके बाद ही अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का आना शुरू होगा क्योंकि अभी कोरोना वायरस खत्म नहीं हुआ है. ऐसे में कहीं न कहीं अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या कम हो गई है.

नई दिल्ली : पर्यटन व संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री 75 धरोहरों में मौजूद योगकर्ताओं सहित पूरे देश को वर्चुअली संबोधित करेंगे. इसके अलावा देश के 75 धरोहर पर कोरोना वायरस प्रोटोकॉल का पालन करते हुए लोग योग करेंगे और योग की महत्ता को समझेंगे.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी ऐसे ही एक धरोहर पर मौजूद रहेंगे. इसके अलावा कई विशेष गणमान्य अतिथि भी अलग-अलग धरोहरों पर मौजूद होकर प्रधानमंत्री के साथ वर्चुअल योग में भाग लेंगे. पिछले 2 साल से कोरोना की महामारी की वजह से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सरकार वर्चुअल कार्यक्रमों का ही आयोजन कर रही है. दिल्ली में इस मौके पर खुद पर्यटन व संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल लाल किले पर मौजूद रहेंगे.

पटेल ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में बताया कि कोरोना वायरस के बाद जब लोग ठीक हो रहे. मंत्रालय और पूरी सरकार इस बात की कोशिश कर रही है कि न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन ही लोग योग के महत्व को समझे बल्कि पूरे साल योग करने की प्रवृत्ति को अपनाएं, जिससे वे बीमारियों से बचे रहें.

कुछ दिन पहले ही देश के सभी धरोहरों को और ऐतिहासिक महत्व की इमारतों को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है. इस पर पर्यटकों का क्या रिस्पांस मिल रहा है. इस सवाल पर पर्यटन मंत्री का कहना था कि धीरे-धीरे लोग आ रहे हैं. जाहिर तौर पर कोरोना वायरस खत्म नहीं हुआ है लेकिन मंत्रालय इस बात का एहतियात बरत रहा है कि इन धरोहरों पर जो भी लोग आएं वे प्रोटोकॉल को पूरी तरह से अपनाएं और सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन का ध्यान रखें.

प्रहलाद पटेल से बातचीत

उन्होंने कहा कि जो बड़े धरोहर हैं उसमें तो लोगों का आना-जाना शुरू हो गया है. इस बात का ख्याल रखा जा रहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना प्रोटोकॉल में कोई कमी नहीं आए. इसी वजह से इन धरोहरों और इमारतों की जो टिकटिंग व्यवस्था है वह ऑनलाइन कर दी गई है ताकि लोग भीड़ में लाइन लगाकर टिकट न खरीदें. जिससे कोरोना की महामारी का रिस्क बढ़ सकता है.

इस सवाल पर कि कोरोना केस महामारी के दौरान सबसे ज्यादा असर पर्यटन पर पड़ा है और पर्यटन रोजगार लगभग ठप सा पड़ गया है. अगर देखा जाए तो अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को वापस भारत की तरफ जाने के लिए सरकार क्या प्रयास कर रही है. इस पर प्रहलाद पटेल ने कहा कि पहले तो सरकार अपने घरेलू पर्यटकों पर ध्यान दे रही है क्योंकि अभी अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का आना शुरू नहीं हुआ है.

यह भी पढ़ें-International Yoga Day : 7वां समारोह कल, पीएम मोदी करेंगे संबोधित

पहले यह कोशिश है कि घरेलू पर्यटक ही धीरे-धीरे सोशल डिस्टेंसिंग और तमाम एहतियात बरतते हुए बाहर निकलें. उसके बाद ही अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का आना शुरू होगा क्योंकि अभी कोरोना वायरस खत्म नहीं हुआ है. ऐसे में कहीं न कहीं अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या कम हो गई है.

Last Updated : Jun 20, 2021, 7:20 PM IST
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