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उदयनिधि स्टालिन के बयान पर भड़के यति नरसिंहानंद गिरी, सर्वोच्च न्यायालय को खून से लिखा पत्र - सर्वोच्च न्यायालय

Yati Narasimhanand Giri furious over Udhayanidhi Stalin statement: गाजियाबाद में डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने खून से सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा है. जिसमें उनके कारनामों पर ध्यान देने का अनुरोध किया है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 5, 2023, 3:23 PM IST

Updated : Sep 5, 2023, 5:26 PM IST

डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर यति नरसिंहानंद गिरी.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने अपने शिष्यों के खून से सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने आईएसआईएस और उदयनिधि स्टालिन के कारनामों पर ध्यान देने का अनुरोध किया है. पत्र में कहा है कि एक तरफ आतंकी संगठन आईएसआईएस हिंदुओं को जलाने और मूर्तियों को तोड़ने का आदेश दे रहा है. वहीं, उदयनिधि स्टालिन जैसे लोग भी इसी काम को बढ़ावा दे रहे हैं. ये लोग केवल बोल नहीं रहे बल्कि अपनी पूरी ताकत भी लगा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय सहित भारत की सभी संवैधानिक संस्थाएं विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका, पत्रकारिता इनके लक्ष्यों और कृत्यों की अनदेखी कर रही है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टॉलिन के बेटे और राज्य के खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टाॉलिन का कहना है कि सनातन धर्म को खत्म किया जाना चाहिए. हिंदू धर्म के खिलाफ कोई भी किसी प्रकार का बयान देता है तो उस पर कोई रोक नहीं लगती है. इस दौरान डॉ. उदिता त्यागी सहित यति रणसिंहानंद, यति सत्यानंद, सनोज शास्त्री, अरुण त्यागी मौजूद रहे.

दरअसल, तमिलनाडु की द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम सरकार में युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन के 'सनातम धर्म' को लेकर दिए बयान पर बवाल मचा हुआ है. शनिवार को तमिल में बैठक को संबोधित करते हुए सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना महामारी से की. उदयनिधि ने कहा था किसनातन का मतलब क्या है? शाश्वत मतलब इसे बदला नहीं जा सकता. कोई भी कोई सवाल नहीं उठा सकता और यही इसका असली मतलब है.

उदय निधि स्टालिन के सनातन धर्म को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान की चौतरफा निंदा भी हो रही है. इस मामले में आगे किस तरह से कानूनी कार्रवाई की जानी है, इसको लेकर भी मंदिर में चर्चा की जा रही है.

यह भी पढ़ें- महिला से सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में कोर्ट ने तीन दोषियों को सुनाई मौत की सजा

डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर यति नरसिंहानंद गिरी.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने अपने शिष्यों के खून से सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने आईएसआईएस और उदयनिधि स्टालिन के कारनामों पर ध्यान देने का अनुरोध किया है. पत्र में कहा है कि एक तरफ आतंकी संगठन आईएसआईएस हिंदुओं को जलाने और मूर्तियों को तोड़ने का आदेश दे रहा है. वहीं, उदयनिधि स्टालिन जैसे लोग भी इसी काम को बढ़ावा दे रहे हैं. ये लोग केवल बोल नहीं रहे बल्कि अपनी पूरी ताकत भी लगा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय सहित भारत की सभी संवैधानिक संस्थाएं विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका, पत्रकारिता इनके लक्ष्यों और कृत्यों की अनदेखी कर रही है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टॉलिन के बेटे और राज्य के खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टाॉलिन का कहना है कि सनातन धर्म को खत्म किया जाना चाहिए. हिंदू धर्म के खिलाफ कोई भी किसी प्रकार का बयान देता है तो उस पर कोई रोक नहीं लगती है. इस दौरान डॉ. उदिता त्यागी सहित यति रणसिंहानंद, यति सत्यानंद, सनोज शास्त्री, अरुण त्यागी मौजूद रहे.

दरअसल, तमिलनाडु की द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम सरकार में युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन के 'सनातम धर्म' को लेकर दिए बयान पर बवाल मचा हुआ है. शनिवार को तमिल में बैठक को संबोधित करते हुए सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना महामारी से की. उदयनिधि ने कहा था किसनातन का मतलब क्या है? शाश्वत मतलब इसे बदला नहीं जा सकता. कोई भी कोई सवाल नहीं उठा सकता और यही इसका असली मतलब है.

उदय निधि स्टालिन के सनातन धर्म को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान की चौतरफा निंदा भी हो रही है. इस मामले में आगे किस तरह से कानूनी कार्रवाई की जानी है, इसको लेकर भी मंदिर में चर्चा की जा रही है.

यह भी पढ़ें- महिला से सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में कोर्ट ने तीन दोषियों को सुनाई मौत की सजा

Last Updated : Sep 5, 2023, 5:26 PM IST
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