हैदराबाद : जेएनयू की पहली महिला कुलपति बनीं शांतिश्री धूलिपुड़ी - शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित जेएनयू की पहली महिला कुलपति बनी हैं. उनकी नियुक्ति के बाद लेफ्ट संगठनों ने विरोध जताया था. कुलपति के रूप में उनकी नियुक्ति तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने की थी. उनका कार्यकाल पांच साल की अवधि के लिए है. वह सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय की प्रोफेसर रह चुकी हैं. उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से एमफिल और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है.
बुकर पुरस्कार पाने वाली लेखिका गीतांजलि श्री - पहली बार किसी हिंदी लेखिका को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के लिए चुना गया. उनका नाम है गीतांजलि श्री. उनकी किताब का नाम है 'रेत समाधि'. यह 2018 में प्रकाशित हुई थी. 2022 में इस किताब को पेंगुइन इंडिया ने अंग्रेजी में पब्लिश किया. इसका अनुवाद डेजी रॉकवेल ने किया. गीतांजलि को इस अनुदित किताब के लिए प्रतिष्ठित बुकर पुरस्कार मिला है. गीतांजलि श्री का जन्म उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में हुआ है.
पहली आदिवासी महिला एयरहोस्टेस - गोपिका गोविंद पहली आदिवासी महिला हैं, जो एयर होस्टेस बनी हैं. वह केरल के कन्नूर की रहने वाली हैं. वह एक गरीब परिवार से आती हैं. उन्होंने कहा कि उनके लिए कोर्स करना बहुत ही मुश्किल था, क्योंकि उनके पास इतने पैसे नहीं थे. इसलिए उन्हें कई बार लगा कि वह अपने सपने को पूरा नहीं कर पाएंगी. इसके बावजूद उन्होंने अपनी हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर अपनी पढ़ाई जारी रखी.
भारतीय थल सेना की पहली महिला फाइटर पायलट - कैप्टन अभिलाषा बराक लड़ाकू विमान उड़ाने वाली भारतीय थल सेना की पहली महिला पायलट बन गईं. कैप्टन अभिलाषा बराक ने थल सेना के आर्मी एयर डिफेंस कोर से अपना कोर्स पूरा कर यह गौरव हासिल किया. साल 2018 में अवनी चतुर्वेदी ने इंडियन एयरफोर्स की तरफ से पहली लड़ाकू महिला पायलट बनने का गौरव प्राप्त किया था, जबकि अभिलाषा आर्मी की ओर से पायलट बनी हैं.
सेबी की पहली महिला अध्यक्ष - माधबी पुरी बुच भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड की अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला बनी हैं. सेबी के अध्यक्ष की नियुक्ति वित्तीय क्षेत्र नियामक नियुक्ति खोज समिति करती है. समिति अपना सुझाव कैबिनेट को भेजती है. इस समिति की अध्यक्षता कैबिनेट सचिव करते हैं. माधबी ने 1989 में आईसीआईसीआई बैंक से अपने करियर की शुरुआत की थी. आईसीआईसीआई बैंक की एमडी और सीईओ रह चुकी हैं.
द. ध्रुव पर पहुंचने वाली पहली महिला हरप्रीत- दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाली भारतीय मूल की पहली महिला हरप्रीत चंडी हैं. वह ब्रिटिश सेना में अधिकारी हैं. वह 32 साल की हैं. अंटार्कटिका (दक्षिण ध्रुव) पृथ्वी पर सबसे ठंडा, सबसे ऊंचा, सबसे शुष्क जगह है. वह 'पोलर प्रीत' के नाम से जानी जाती हैं. उन्होंने 40 दिनों में यह सफर पूरा किया. सफर में उन्होंने 700 मील (1,127 किलोमीटर) की यात्रा की.
द्रौपदी मुर्मू बनीं राष्ट्रपति - 25 जुलाई 2022 की तारीख उस समय स्वर्ण अच्छरों में अंकित हो गई जब एक आदिवासी महिला ने देश के राष्ट्रपति पद की शपथ ली. ओडिशा के एक पिछड़े गांव से निकलकर उनका देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होना हर देशवासी के लिए गौरव की बात है. 20 जून 1958 को ओडिशा में एक साधारण संथाल आदिवासी परिवार में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू ने देश के सर्वोच्च पद की शपथ लेकर ये साबित कर दिया कि परिस्थितियां कैसी भी हों लेकिन जीवन में ऊंचाइयां हासिल की जा सकती हैं. वह जिन परिस्थितियो से निकलकर यहां तक पहुंचीं, उसकी राह आसान नहीं थी, इसे वह खुद भी स्वीकार करती हैं. शपथ लेने के बाद अपने पहले संबोधन में उन्होंने इसका जिक्र भी किया. मुर्मू ने कहा कि 'राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना, मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, ये भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है. मेरा निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है.'
महिला क्रिकेटर झूलन का संन्यास - भारतीय तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने 25 सितंबर 2022 को खेल से संन्यास लेने की घोषणा की. 'चकदा एक्सप्रेस' के नाम से मशहूर झूलन गोस्वामी दुनिया की सबसे तेज और सबसे अधिक विकेट हासिल करने वाली गेंदबाज हैं. 6 जनवरी 2002 को अपना करियर शुरू करने वाली झूलन ने 19 साल के अपने क्रिकेट करियर में कुल 284 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले. उन्होंने 355 विकेट चटकाए. उनके नाम महिला विश्वकप में सर्वाधिक 43 विकेट लेने का रिकॉर्ड है. इसके साथ साथ उन्होंने 1924 रन भी बनाए हैं, जिसमें 3 अर्धशतक शामिल हैं.
डोर्नियर विमान पर सवार महिला अधिकारियों ने रचा इतिहास - भारतीय नौसेना में पांच महिलाओं ने उस वक्त इतिहास रच दिया, जब उन्होंने उत्तरी अरब सागर में पहली बार अपने दम पर समुद्री टोही और निगरानी अभियान पूरा किया. वह डोर्नियर विमान पर सवार थीं. विमान की कैप्टन लेफ्टिनेंट कमांडर आंचल शर्मा थीं, जिनके साथ सहयोगी पायलट के रूप में लेफ्टिनेंट शिवांगी और लेफ्टिनेंट अपूर्वा गीते, सामरिक तथा सेंसर अधिकारी लेफ्टिनेंट पूजा पांडा और सब लेफ्टिनेंट पूजा शेखावत थीं.
संगीत के एक युग का अवसान - भारत रत्न और स्वर कोकिला लता मंगेशकर का 6 फरवरी 2022 को निधन हो गया. मुंबई के शिवाजी पार्क में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. दिग्गज गायिका ब्रीच कैंडी अस्तपाल में भर्ती थीं, जहां उन्होंने 92 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. लता मंगेशकर के निधन पर दो दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया. उनकी अंतिम यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई हस्तियां शामिल हुई थीं. म्यूजिक के क्षेत्र में उनका योगदान अमूल्य है. लता ने संगीत के सुरों की पहली शिक्षा अपने पिता दीनानाथ मंगेशकर से ली थी. महज पांच साल की उम्र में ही लता ने नाटकों में काम करना शुरू कर दिया था. लता ने 1942 में बतौर सिंगर 13 साल की उम्र में अपना करियर शुरू किया. उन्होंने संत जोगलेकर की मराठी फिल्म 'किटी हसाल' के लिए अपना पहला गाना गाया था. लता ने कई भारतीय भाषाओं में गाने गाए. उन्होंने तकरीबन 30 हजार से ज्यादा गाने रिकॉर्ड किए हैं. उनके पार्श्व गायन की बदौलत उन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' (2001) से नवाजा गया था.
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