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ब्राह्मणों को रिझाने की कोशिश, अटल बिहार वाजपेयी के नाम पर होगा यमुना एक्सप्रेसवे !

योगी सरकार यमुना एक्सप्रेस वे (yamuna expressway) का नाम बदलने पर विचार कर रही है. बताया जा रहा है कि एक्सप्रेसवे का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (ex pm atal bihari vajpayee) के नाम पर रखा जाएगा. कहा जा रहा है कि जेवर एयरपोर्ट के भूमि पूजन के दौरान इसकी घोषणा की जा सकती है.

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Published : Nov 23, 2021, 12:16 PM IST

अटल बिहार वाजपेयी
अटल बिहार वाजपेयी

लखनऊ: नाम बदलने की सियासत विधानसभा चुनाव के ठीक पहले तक चलती हुई नजर आ रही है. उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 में नाराज ब्राह्मणों को लुभाने को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी (ex pm atal bihari vajpayee) के नाम को लेकर भारतीय जनता पार्टी आगे बढ़ती हुई नजर आ रही है. अखिलेश यादव सरकार में 2012 में शुरू होने वाले यमुना एक्सप्रेसवे (yamuna expressway ) का नाम अब अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर करने की तैयारी लगभग की जा चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शिलान्यास के अवसर पर इसका एलान करेंगे.

हालांकि उत्तर प्रदेश शासन के बड़े अफसर अभी इस पूरे मामले पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. मामला प्रधानमंत्री से जुड़ा होने के कारण अधिकारी इसकी जानकारी होने से ही इंकार कर रहे हैं. अपर मुख्य सचिव गृह विभाग व एक्सप्रेस-वे का निर्माण करने वाली एजेंसी यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश अवस्थी ने ईटीवी भारत से ऐसी जानकारी होने से इंकार किया है.
वहीं सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को नोएडा में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास करने वाले हैं और उसी दौरान यमुना एक्सप्रेसवे का भी नाम बदलने का काम किया जाएगा.

दरअसल, उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में सियासी लाभ लेने को लेकर भारतीय जनता पार्टी हर स्तर पर अपनी चुनावी तैयारियों को आगे बढ़ाने का काम कर रही है. योगी सरकार में ब्राह्मणों की नाराजगी का मुद्दा लगातार हावी रहा है. ऐसे में इस वर्ग को लुभाने के लिए ब्राह्मण समाज के सर्वमान्य नेता पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम के सहारे बीजेपी अपनी चुनावी नैया पार करना चाहती है.

इसे भी पढ़ें-मनीष तिवारी ने नई किताब में 26/11 हमले को लेकर मनमोहन सरकार पर उठाए सवाल

इसी रणनीति के आधार पर बीजेपी नेतृत्व यमुना एक्सप्रेस वे का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर करने का लगभग फैसला कर लिया है. बस अब इस पर औपचारिक मुहर लगना बाकी है. यमुना एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट मायावती सरकार का था. आगरा से नोएडा को जोड़ने वाले इस यमुना एक्सप्रेसवे का निर्माण मायावती सरकार के समय शुरू हुआ था, लेकिन सरकार बदलने के बाद अखिलेश यादव ने इसका उद्घाटन साल 2012 में किया था. इसके नाम बदलने के बाद उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों की तरफ से भारतीय जनता पार्टी पर हमले भी शुरू हो जाएंगे.

165.5 किमी लंबा है यमुना एक्सप्रेस-वे
यमुना एक्सप्रेसवे या ताज एक्सप्रेसवे एक 6-लेन चौड़ा और 165.5 किमी लंबा एक्सप्रेसवे है, जो भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में आगरा में NH-2 पर कुबेरपुर के साथ ग्रेटर नोएडा में परी चौक को जोड़ता है. यह वर्तमान में फरवरी 2017 के बाद से भारत का तीसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है.

लखनऊ: नाम बदलने की सियासत विधानसभा चुनाव के ठीक पहले तक चलती हुई नजर आ रही है. उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 में नाराज ब्राह्मणों को लुभाने को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी (ex pm atal bihari vajpayee) के नाम को लेकर भारतीय जनता पार्टी आगे बढ़ती हुई नजर आ रही है. अखिलेश यादव सरकार में 2012 में शुरू होने वाले यमुना एक्सप्रेसवे (yamuna expressway ) का नाम अब अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर करने की तैयारी लगभग की जा चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शिलान्यास के अवसर पर इसका एलान करेंगे.

हालांकि उत्तर प्रदेश शासन के बड़े अफसर अभी इस पूरे मामले पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. मामला प्रधानमंत्री से जुड़ा होने के कारण अधिकारी इसकी जानकारी होने से ही इंकार कर रहे हैं. अपर मुख्य सचिव गृह विभाग व एक्सप्रेस-वे का निर्माण करने वाली एजेंसी यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश अवस्थी ने ईटीवी भारत से ऐसी जानकारी होने से इंकार किया है.
वहीं सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को नोएडा में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास करने वाले हैं और उसी दौरान यमुना एक्सप्रेसवे का भी नाम बदलने का काम किया जाएगा.

दरअसल, उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में सियासी लाभ लेने को लेकर भारतीय जनता पार्टी हर स्तर पर अपनी चुनावी तैयारियों को आगे बढ़ाने का काम कर रही है. योगी सरकार में ब्राह्मणों की नाराजगी का मुद्दा लगातार हावी रहा है. ऐसे में इस वर्ग को लुभाने के लिए ब्राह्मण समाज के सर्वमान्य नेता पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम के सहारे बीजेपी अपनी चुनावी नैया पार करना चाहती है.

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इसी रणनीति के आधार पर बीजेपी नेतृत्व यमुना एक्सप्रेस वे का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर करने का लगभग फैसला कर लिया है. बस अब इस पर औपचारिक मुहर लगना बाकी है. यमुना एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट मायावती सरकार का था. आगरा से नोएडा को जोड़ने वाले इस यमुना एक्सप्रेसवे का निर्माण मायावती सरकार के समय शुरू हुआ था, लेकिन सरकार बदलने के बाद अखिलेश यादव ने इसका उद्घाटन साल 2012 में किया था. इसके नाम बदलने के बाद उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों की तरफ से भारतीय जनता पार्टी पर हमले भी शुरू हो जाएंगे.

165.5 किमी लंबा है यमुना एक्सप्रेस-वे
यमुना एक्सप्रेसवे या ताज एक्सप्रेसवे एक 6-लेन चौड़ा और 165.5 किमी लंबा एक्सप्रेसवे है, जो भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में आगरा में NH-2 पर कुबेरपुर के साथ ग्रेटर नोएडा में परी चौक को जोड़ता है. यह वर्तमान में फरवरी 2017 के बाद से भारत का तीसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है.

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