नई दिल्ली: महिला पहलवानों के यौन शोषण केस में भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की मुसीबत बढ़ गई है. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एक एफआईआर पोक्सो के तहत भी दर्ज की है, जिसमें दोषी पाए जाने पर सात साल तक की सजा का प्रावधान है. हालांकि, सूत्रों के अनुसार, फिलहाल दिल्ली पुलिस उनको गिरफ्तार नहीं करेगी. पहले उनको पूछताछ करने के लिए नोटिस जारी करेगी. वहीं, सभी शिकायतकर्ता महिला पहलवानों को दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा उपलब्ध करा दी है.
सूत्रों के मुताबिक, जिस नाबालिग की शिकायत पर सांसद के खिलाफ पाक्सो के तहत मामला दर्ज किया गया है वह पीड़िता अब बालिग हो चुकी है. उसने कहा है कि जब उससे छेड़छाड़ हुई थी तब वह नाबालिग थी. इन धाराओं में न्यूनतम पांच साल व अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है. दूसरी एफआइआर छह महिला पहलवानों की शिकायत पर छेड़छाड़ की धाराओं में दर्ज है. इनमें तीन से सात साल की सजा का प्रावधान है.
गिरफ्तारी का खतरा नहींः चूंकि दोनों मामलों में अधिकतम 7 साल की सजा है, इसलिए यह जरूरी नहीं है कि पुलिस सांसद को गिरफ्तार करे. इसलिए फिलहाल सांसद की गिरफ्तारी का कोई खतरा नहीं है. हालांकि, पुलिस उन्हें जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेज सकती है. इससे पहले सभी पीड़ितों के बयान दर्ज किए जाएंगे. शिकायत में महिला पहलवानों ने बृजभूषण पर वर्ष 2012 से 2022 तक अलग-अलग जगहों पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है. सभी पीड़ित हरियाणा की रहने वाली हैं.
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7 महिला अफसरों की बनी टीमः सूत्रों के अनुसार, मामले की जांच के लिए एसीपी स्तर की 7 महिला पुलिस अधिकारियों को लगाया गया है. सभी महिला अधिकारी एक-एक पीड़िता से संपर्क करके उनसे पूछताछ करेंगी और आरोपों की पुष्टि करेंगी. जरूरत पड़ी तो उन सभी छह महिला पहलवानों से क्रॉस क्वेश्चन भी होगा.
सातों महिला खिलाड़ियों ने आरोप लगाया है कि 2012 से लेकर 2022 के बीच में वे जहां-जहां खेलने गई वहां वहां सांसद ने उनसे छेड़छाड़ की. ऐसे में जांच अधिकारी उन सभी जगहों पर जाकर पीड़िताओं के आरोप को वेरीफाई करेंगी.
विदेश जाएगी पुलिस टीमः महिला पहलवानों ने बृजभूषण पर अंतरराष्ट्रीय इवेंट के दौरान विदेश में भी यौन शोषण का आरोप लगाया है. ऐसे में दिल्ली पुलिस की टीम विदेश जाकर भी जांच करने के लिए तैयारी कर रही है. गौरतलब है कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ शिकायत पर कार्रवाई न होने पर पहलवान 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए धरने पर बैठे थे.