नई दिल्ली : 18 दिन की फरारी के बाद गिरफ्तार हुआ सुशील पहलवान पुलिस से बचने के लिए किसी शातिर अपराधी की तरह इंटरनेट कॉल का इस्तेमाल कर रहा था. फरारी के दौरान वह दिल्ली, यूपी, हरिद्वार, पंजाब और हरियाणा में छिपा रहा. वहीं, गिरफ्तारी के समय वह जिस स्कूटी पर सवार होकर जा रहा था, वह एक महिला खिलाड़ी की बताई जा रही है. इस स्कूटी पर सवार होकर दोनों आरोपी अपने एक सहयोगी से रुपये लेने जा रहे थे, लेकिन स्पेशल सेल ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
प्राथमिक पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला है कि सुशील वारदात के बाद से अपना मोबाइल इस्तेमाल नहीं कर रहा था. वह शुरू में दो सिम कार्ड लेकर उनसे कॉल कर रहा था, लेकिन बाद में वह इंटरनेट कॉल का इस्तेमाल करने लगा.
रेसलिंग की दुनिया में बनाए गए संपर्क का फायदा उठाते हुए वह पुलिस से बचने के लिए अलग-अलग ठिकानों पर बीते 18 दिन से छिप रहा था. दिल्ली के अलावा हरिद्वार, यूपी, हरियाणा और पंजाब में भी वह फरारी के दौरान छिपा रहा. यहां उसके संपर्क के लोगों ने छिपने में उसकी मदद की.
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पंजाब में करना चाहता था सरेंडर
आरोपी सुशील ने पुलिस को बताया कि स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलिजेंस टीम लगातार उसकी तलाश में दबिश दे रही थी. वह दो मौकों पर गिरफ्तारी से बाल-बाल बच गया. वह काफी दबाव महसूस कर रहा था. इसके चलते वह परेशान था और पंजाब में आत्मसमर्पण करना चाहता था.
उसने पंजाब में पुलिस के पास आत्मसमर्पण की तैयारी भी कर ली थी, लेकिन बाद में उसने अपना प्लान बदल लिया. वहां से सुशील दिल्ली आ रहा था, लेकिन रास्ते में एक बार फिर उसने प्लान चेंज कर लिया. वह रास्ते से दिल्ली की जगह गुरुग्राम चला गया. यहां आकर वह शनिवार दोपहर गुरुग्राम में अपने एक दोस्त से मिला, जिसने उसे दिल्ली कैंट तक छोड़ दिया था.
महिला खिलाड़ी ने की सुशील की मदद
दिल्ली कैंट से उसे एक महिला अपने हरि नगर स्थित घर ले गई थी. यह महिला राष्ट्रीय स्तर की हैंडबॉल प्लेयर है और एशियन गेम्स में भारत की तरफ से खेल चुकी है. वह उन्हें हरी नगर स्थित अपने घर ले गई, जहां से उसकी स्कूटी पर वह रविवार सुबह निकले थे.
मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास उन्हें अपने किसी साथी से रुपये लेने थे, लेकिन उसके आने से पहले ही पुलिस टीम ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी सुशील ने पुलिस को बताया कि छत्रसाल स्टेडियम में इस महिला खिलाड़ी की दोस्ती उससे चार साल पहले हुई थी.
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18 दिन में किन जगहों पर ली शरण
पूछताछ के दौरान सुशील ने पुलिस को बताया है कि दिल्ली से फरार होने के बाद वह उत्तराखंड गया था. वहां पर एक रात रुकने के बाद वह ऋषिकेश गया, जहां दोस्त ने उसकी मदद करने से इंकार कर दिया. वहां से लौटते समय वह कुछ देर के लिए मुजफ्फरनगर में ठहरा था.
यूपी से लौटने के बाद वह बहादुरगढ़ गया और वहां से जींद चला गया. दो पुराने पहलवानों से जींद में वह मिला, जिन्होंने चंडीगढ़ जाने में उसकी मदद की. दो दिन तक वह चंडीगढ़ में रहा और इसके बाद भटिंडा चला गया. भटिंडा से वह मोहाली गया, जहां पर उसने पंजाब पुलिस से संपर्क कर सरेंडर करने की बात कही थी, लेकिन बाद में उसने अपना मन बदल लिया और वह दिल्ली पुलिस के समक्ष सरेंडर करना चाहता था.
मोहाली से वह दिल्ली आने की जगह गुरुग्राम चला गया. वहां पर अपने दोस्त से सुशील से मिला. उसने सुशील और अजय को दिल्ली कैंट इलाके में छोड़ा जहां से महिला खिलाड़ी दोनों को हरि नगर स्थित अपने घर ले गई थी.
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क्राइम ब्रांच कर रही अब पूरे मामले की छानबीन
इस पूरे मामले की छानबीन अब दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंपी जा चुकी है. सभी दस्तावेजों के साथ ही सुशील और अजय को भी क्राइम ब्रांच को सौंपा जाएगा. क्राइम ब्रांच पूरे मामले को लेकर उससे पूछताछ करेगी और यह जानने की कोशिश करेगी कि आखिरकार किस तरीके से इस पूरी वारदात को अंजाम दिया गया था.