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Congress asks EAM Jaishankar : 'क्या विदेश मंत्री चीन के एफएम के साथ एलएसी के नुकसान को मजबूती से उठाएंगे'

चीन के विदेश मंत्री किन गैंग के भारत दौरे के दौरान कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि 'क्या चीन के विदेश मंत्री से वार्ता के दौरान इतनी मजबूती से बात की जा रही है कि पेट्रोलिंग प्वाइंट भारत को वापस मिल जाएं.' ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट.

Congress spokesperson Pawan Khera
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा
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Published : Mar 3, 2023, 10:08 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या वह अपने चीनी समकक्ष किन गैंग से पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 65 में से 26 गश्त बिंदुओं के नुकसान के बारे में पूछेंगे (Congress asks EAM Jaishankar).

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा (Congress spokesperson Pawan Khera) ने कहा, 'चीनी विदेश मंत्री भारत की धरती पर हैं. अतीत में, हमने गलवान घाटी संघर्ष (2020) के दौरान 20 सैनिकों को खो दिया था. हमने एलएसी पर कुल 65 पेट्रोलिंग पॉइंट्स में से 26 खो दिए हैं. सरकार कहती थी कि वह सीमा घुसपैठ पर चीन को लाल आंखें दिखाएगी, लेकिन हमने देखा कि उसके स्वागत के लिए लाल कालीन बिछाया गया था. भारतीय विदेश मंत्री उनके साथ एलएसी पर चर्चा कर रहे हैं. हम यह जानना चाहेंगे कि क्या वह इस मुद्दे को इतनी मजबूती से उठा रहे हैं कि पेट्रोलिंग प्वाइंट वापस मिल सकें.'

उन्होंने कहा कि 'हमने 2020 से पीपी 10, 11, 11 ए पर डेपसांग मैदानों और घोगरा हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में अन्य पेट्रोलिंग प्वाइंट पर गश्त के अधिकार खो दिए हैं.' कांग्रेस नेता ने 2020 में पीएम मोदी की पहले की टिप्पणी का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि 'किसी ने भी भारतीय सीमा में प्रवेश नहीं किया'. उन्होंने कहा कि 'अगर कोई घुसपैठ नहीं हुई थी तो दोनों पक्षों ने सेना के कमांडरों के बीच हुई बातचीत के विभिन्न दौरों के दौरान क्या चर्चा की है.'

खेड़ा ने कहा कि 'ऐसा लगता है कि पीएम मोदी का चीन से एकतरफा प्रेम संबंध है.' कांग्रेस नेता ने कहा कि पीएम मोदी जब पहले गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब वे अक्सर चीन जाते थे और यहां तक ​​कि उन्होंने अपने राज्य में चीन द्वारा निर्मित एक स्मार्ट सिटी का वादा भी किया था.

खेड़ा ने कहा कि 'हम जानते हैं कि उन्हें चीन का वीजा मिल जाएगा, लेकिन अमेरिका या ब्रिटेन का नहीं. हम चीन के साथ उनके संबंधों को जानते हैं. अगर आप चीन से कड़े सवाल पूछने से डरते हैं तो हम 2024 में ऐसा करेंगे.'

उन्होंने कहा कि 'गुजरात में स्मार्ट सिटी कभी नहीं बनी लेकिन चीन ने अरुणाचल प्रदेश में हमारी जमीन पर स्मार्ट सिटी बनाई.' कांग्रेस नेता ने कहा कि जब सरकार चीनी विदेश मंत्री के साथ सीमा मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार थी, तो केंद्र संसद में इस मुद्दे पर चर्चा क्यों कर रहा था?'

खेड़ा ने कहा कि ' एलएसी के मुद्दे पर संसद में चर्चा होनी चाहिए. सरकार चीनियों को बता सकती है कि वह इस मुद्दे पर घरेलू दबाव का सामना कर रही है. अगर सरकार साहसिक कदम उठाती है तो पूरा देश उसका समर्थन करेगा लेकिन पहले उसे इस मुद्दे पर स्टैंड लेना होगा.'

कांग्रेस नेता ने हाल ही में विदेश मंत्री के उस बयान की भी आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत चीन से मुकाबला नहीं कर सकता क्योंकि यह नई दिल्ली की तुलना में बड़ी अर्थव्यवस्था है.

खेड़ा ने कहा कि 'राजनयिकों को एक बात करने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया जाता है कि वे जानते हैं कि क्या और कब कहा जाना चाहिए. लेकिन विदेश मंत्री की टिप्पणी ने राजनयिक समुदाय के साथ विश्वासघात किया.'

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि जब पीएम हाल ही में उत्तर-पूर्वी राज्यों में भाजपा की चुनावी सफलता का जश्न मना रहे थे तो वह चीनी खतरे की अनदेखी कर रहे थे. सिलीगुड़ी कॉरिडोर जो इस क्षेत्र को मुख्य भूमि से जोड़ता है उसे इस खतरे का सामना करना पड़ा.

पढ़ें- India China discuss border areas issue : भारत-चीन ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाली पर की चर्चा

नई दिल्ली : कांग्रेस ने शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या वह अपने चीनी समकक्ष किन गैंग से पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 65 में से 26 गश्त बिंदुओं के नुकसान के बारे में पूछेंगे (Congress asks EAM Jaishankar).

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा (Congress spokesperson Pawan Khera) ने कहा, 'चीनी विदेश मंत्री भारत की धरती पर हैं. अतीत में, हमने गलवान घाटी संघर्ष (2020) के दौरान 20 सैनिकों को खो दिया था. हमने एलएसी पर कुल 65 पेट्रोलिंग पॉइंट्स में से 26 खो दिए हैं. सरकार कहती थी कि वह सीमा घुसपैठ पर चीन को लाल आंखें दिखाएगी, लेकिन हमने देखा कि उसके स्वागत के लिए लाल कालीन बिछाया गया था. भारतीय विदेश मंत्री उनके साथ एलएसी पर चर्चा कर रहे हैं. हम यह जानना चाहेंगे कि क्या वह इस मुद्दे को इतनी मजबूती से उठा रहे हैं कि पेट्रोलिंग प्वाइंट वापस मिल सकें.'

उन्होंने कहा कि 'हमने 2020 से पीपी 10, 11, 11 ए पर डेपसांग मैदानों और घोगरा हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में अन्य पेट्रोलिंग प्वाइंट पर गश्त के अधिकार खो दिए हैं.' कांग्रेस नेता ने 2020 में पीएम मोदी की पहले की टिप्पणी का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि 'किसी ने भी भारतीय सीमा में प्रवेश नहीं किया'. उन्होंने कहा कि 'अगर कोई घुसपैठ नहीं हुई थी तो दोनों पक्षों ने सेना के कमांडरों के बीच हुई बातचीत के विभिन्न दौरों के दौरान क्या चर्चा की है.'

खेड़ा ने कहा कि 'ऐसा लगता है कि पीएम मोदी का चीन से एकतरफा प्रेम संबंध है.' कांग्रेस नेता ने कहा कि पीएम मोदी जब पहले गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब वे अक्सर चीन जाते थे और यहां तक ​​कि उन्होंने अपने राज्य में चीन द्वारा निर्मित एक स्मार्ट सिटी का वादा भी किया था.

खेड़ा ने कहा कि 'हम जानते हैं कि उन्हें चीन का वीजा मिल जाएगा, लेकिन अमेरिका या ब्रिटेन का नहीं. हम चीन के साथ उनके संबंधों को जानते हैं. अगर आप चीन से कड़े सवाल पूछने से डरते हैं तो हम 2024 में ऐसा करेंगे.'

उन्होंने कहा कि 'गुजरात में स्मार्ट सिटी कभी नहीं बनी लेकिन चीन ने अरुणाचल प्रदेश में हमारी जमीन पर स्मार्ट सिटी बनाई.' कांग्रेस नेता ने कहा कि जब सरकार चीनी विदेश मंत्री के साथ सीमा मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार थी, तो केंद्र संसद में इस मुद्दे पर चर्चा क्यों कर रहा था?'

खेड़ा ने कहा कि ' एलएसी के मुद्दे पर संसद में चर्चा होनी चाहिए. सरकार चीनियों को बता सकती है कि वह इस मुद्दे पर घरेलू दबाव का सामना कर रही है. अगर सरकार साहसिक कदम उठाती है तो पूरा देश उसका समर्थन करेगा लेकिन पहले उसे इस मुद्दे पर स्टैंड लेना होगा.'

कांग्रेस नेता ने हाल ही में विदेश मंत्री के उस बयान की भी आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत चीन से मुकाबला नहीं कर सकता क्योंकि यह नई दिल्ली की तुलना में बड़ी अर्थव्यवस्था है.

खेड़ा ने कहा कि 'राजनयिकों को एक बात करने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया जाता है कि वे जानते हैं कि क्या और कब कहा जाना चाहिए. लेकिन विदेश मंत्री की टिप्पणी ने राजनयिक समुदाय के साथ विश्वासघात किया.'

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि जब पीएम हाल ही में उत्तर-पूर्वी राज्यों में भाजपा की चुनावी सफलता का जश्न मना रहे थे तो वह चीनी खतरे की अनदेखी कर रहे थे. सिलीगुड़ी कॉरिडोर जो इस क्षेत्र को मुख्य भूमि से जोड़ता है उसे इस खतरे का सामना करना पड़ा.

पढ़ें- India China discuss border areas issue : भारत-चीन ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाली पर की चर्चा

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