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World Trauma Day 2023 : सड़क हादसों से मौत के मामलों में भारत टॉप पर, हर घंटे 18 से ज्यादा लोग गंवाते हैं जान - 17 October Day Special Story

साल 2011 से हर साल 17 अक्टूबर को विश्व ट्रॉमा दिवस मनाया जाता है. यह दिवस हादसा या आपदा के बाद पीड़ितों को समय पर मेडिकल सुविधा और मानसिक सांत्वना की मदद से जिंदगी व अन्य आघात से बचाने के लिए तत्काल प्रतिक्रिया के बारे में परिचित कराता है. विश्व ट्रॉमा दिवस का इतिहास, थीम और उपगोगिता के बारे में जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...World Trauma Day 2023, World Trauma Day History, Trauma Day History Theme, Timely Response Saves lives.

World Trauma Day 2023
विश्व ट्रामा दिवस
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 17, 2023, 12:01 AM IST

Updated : Oct 17, 2023, 12:24 PM IST

हैदराबाद : विश्व सड़क सांख्यिकी 2020 के अनुसार सड़क हादसों के मामलों में भारत दूसरे पायदान पर है. वहीं सड़क हादसों से होने वाली मौत के मामलों में दुनिया में पहले नंबर पर है. इसके अलावा कई अन्य कारणों से घायलों को समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण मौतें हो जाती हैं. सड़क हादसा, प्राकृतिक आपदा, घरेलू हिंसा या अन्य कारणों से होने वाले घायलों को समय पर इलाज (गोल्डन पीरियड) के साथ-साथ मानसिक सदमा से निकालना बेहद जरूरी है. यहां ट्रॉमा का तात्पर्य इलाज के साथ-साथ मानसिक पीड़ा से निकालने के लिए सामूहिक पहल है.

  • आघातों से सुरक्षा के लिए जागरुकता और सावधानी रखें। सजग और सतर्क रहें, अपना और दूसरों का जीवन सुरक्षित बनाएं।#WorldTraumaDay#HealthForAll pic.twitter.com/aPiLnGs5Yv

    — Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) October 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

विश्व ट्रॉमा दिवस 2023 के लिए थीम 'समय पर प्रतिक्रिया जीवन बचाती है' रखा गया है. ज्यादातर लोग पुलिस का डर या कानूनी पचड़े से बचने के लिए पीड़ितों की मदद के लिए आगे नहीं आते हैं. इसका उद्देश्य घायलों को समय मेडिकल सुविधा के साथ-साथ मानसिक पीड़ा से निकालने के लिए मौके पर मौजूद लोगों को आगे आने के लिए जागरुक करना है.

  • World Trauma Day - Empowering Voices, Healing Wounds Together!

    Let’s encourage social change and resources allocation towards trauma-informed approaches for better overall mental health.

    Kamalnayan Bajaj Hospital - World Trauma Day 2023#WorldTraumaDay #BajajHospital pic.twitter.com/1Nh6nvquDx

    — Kamalnayan Bajaj Hospital (@bajaj_hospital) October 16, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

विश्व ट्रॉमा दिवस का इतिहास
विश्व ट्रामा दिवस की शुरूआत साल 2011 में नई दिल्ली में हुई थी. अप्रैल 2023 में संसद की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार देश में हर दिन औसतन 400 से ज्यादा लोग मर जाते हैं. समय पर घायलों को अगर ट्रामा (मेडिकल) की सुविधा मिल जाय तो सड़क हादसे में सालाना होने वाली मौतों की संख्या के साथ-साथ हादसे में अपंग होने वालों की संख्या को कम किया जा सकता है. विश्व ट्रॉमा दिवस का उद्देश्य सड़क हादसे के दौरान होने वाले घायलों के लिए के लिए समय पर ट्रामा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.

  • आघातों से सुरक्षा के लिए जागरुकता और सावधानी रखें। सजग और सतर्क रहें, अपना और दूसरों का जीवन सुरक्षित बनाएं।#WorldTraumaDay#HealthForAll pic.twitter.com/U7c3cXC7W6

    — Central Bureau of Communication, Aligarh (@CBCAligarh) October 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

देश में हर घंटे 47 हादसे होते हैं
अप्रैल 2023 में संसद की ओर से जारी एक नोट के अनुसार दुनिया में सड़क नेटवर्क के मामलों में 62.1 लाख किलोमीटर सड़क के साथ भारत दूसरे स्थान पर है. 2001 के आंकड़ों के अनुसार भारत में हर साल 1.5 लाख लोगों की मौतें सड़क हादसों में हो जाती है. हर दिन 1130 सड़क हादसे होते हैं. इनमें 422 लोगों की मौतें हो जाती हैं. यह कहें तो हर घंटे 47 हादसे होते हैं और 18 लोगों की मौतें हो जाती है.

हादसों के बाद मदद करने वालों को कानूनी सुरक्षा
भारत में हादसों के बाद घायलों को मदद करने या मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने वालों के लिए कानूनी प्रावधान किया गया है. इसका मक्सद हादसे वाले स्थल के पास मौजूद या गुजरने वाले बिना किसी कानूनी डर-भर के मदद के लिए आगे आयें. विश्व ट्रॉमा दिवस के अवसर पर ऐसे मामलों के बारे में लोगों की जानकारी दी जाती है और मदद के लिए अपील की जाती है.

ट्रामा के कारण

  1. घरेलू और बाल शोषण
  2. शारीरिक, यौन और भावनात्मक शोषण
  3. किसी प्रियजन से अचानक, बिना कारण अलगाव
  4. शारीरिक और मानसिक तरीके से अत्याचार करना
  5. सड़क यातायात दुर्घटनाएं
  6. जातिवाद, भेदभाव और उत्पीड़न
  7. समुदाय में हिंसा, युद्ध, या आतंकवाद

विश्व आघात दिवस उद्धरण

  • 'उपचार की शुरुआत दर्द को समझने से होती है.'
  • 'एक साथ मिलकर, हम टूटे हुए टुकड़ों को जोड़ते हैं.'
  • 'उत्तरजीवी की कहानियां भीतर लचीलेपन को प्रेरित करती हैं.'
  • 'दर्द को ताकत में बदलना, एकजुट होकर उपचार करना.'
  • 'सहानुभूति पुनर्प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करती है.'

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हैदराबाद : विश्व सड़क सांख्यिकी 2020 के अनुसार सड़क हादसों के मामलों में भारत दूसरे पायदान पर है. वहीं सड़क हादसों से होने वाली मौत के मामलों में दुनिया में पहले नंबर पर है. इसके अलावा कई अन्य कारणों से घायलों को समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण मौतें हो जाती हैं. सड़क हादसा, प्राकृतिक आपदा, घरेलू हिंसा या अन्य कारणों से होने वाले घायलों को समय पर इलाज (गोल्डन पीरियड) के साथ-साथ मानसिक सदमा से निकालना बेहद जरूरी है. यहां ट्रॉमा का तात्पर्य इलाज के साथ-साथ मानसिक पीड़ा से निकालने के लिए सामूहिक पहल है.

  • आघातों से सुरक्षा के लिए जागरुकता और सावधानी रखें। सजग और सतर्क रहें, अपना और दूसरों का जीवन सुरक्षित बनाएं।#WorldTraumaDay#HealthForAll pic.twitter.com/aPiLnGs5Yv

    — Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) October 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

विश्व ट्रॉमा दिवस 2023 के लिए थीम 'समय पर प्रतिक्रिया जीवन बचाती है' रखा गया है. ज्यादातर लोग पुलिस का डर या कानूनी पचड़े से बचने के लिए पीड़ितों की मदद के लिए आगे नहीं आते हैं. इसका उद्देश्य घायलों को समय मेडिकल सुविधा के साथ-साथ मानसिक पीड़ा से निकालने के लिए मौके पर मौजूद लोगों को आगे आने के लिए जागरुक करना है.

  • World Trauma Day - Empowering Voices, Healing Wounds Together!

    Let’s encourage social change and resources allocation towards trauma-informed approaches for better overall mental health.

    Kamalnayan Bajaj Hospital - World Trauma Day 2023#WorldTraumaDay #BajajHospital pic.twitter.com/1Nh6nvquDx

    — Kamalnayan Bajaj Hospital (@bajaj_hospital) October 16, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

विश्व ट्रॉमा दिवस का इतिहास
विश्व ट्रामा दिवस की शुरूआत साल 2011 में नई दिल्ली में हुई थी. अप्रैल 2023 में संसद की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार देश में हर दिन औसतन 400 से ज्यादा लोग मर जाते हैं. समय पर घायलों को अगर ट्रामा (मेडिकल) की सुविधा मिल जाय तो सड़क हादसे में सालाना होने वाली मौतों की संख्या के साथ-साथ हादसे में अपंग होने वालों की संख्या को कम किया जा सकता है. विश्व ट्रॉमा दिवस का उद्देश्य सड़क हादसे के दौरान होने वाले घायलों के लिए के लिए समय पर ट्रामा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.

  • आघातों से सुरक्षा के लिए जागरुकता और सावधानी रखें। सजग और सतर्क रहें, अपना और दूसरों का जीवन सुरक्षित बनाएं।#WorldTraumaDay#HealthForAll pic.twitter.com/U7c3cXC7W6

    — Central Bureau of Communication, Aligarh (@CBCAligarh) October 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

देश में हर घंटे 47 हादसे होते हैं
अप्रैल 2023 में संसद की ओर से जारी एक नोट के अनुसार दुनिया में सड़क नेटवर्क के मामलों में 62.1 लाख किलोमीटर सड़क के साथ भारत दूसरे स्थान पर है. 2001 के आंकड़ों के अनुसार भारत में हर साल 1.5 लाख लोगों की मौतें सड़क हादसों में हो जाती है. हर दिन 1130 सड़क हादसे होते हैं. इनमें 422 लोगों की मौतें हो जाती हैं. यह कहें तो हर घंटे 47 हादसे होते हैं और 18 लोगों की मौतें हो जाती है.

हादसों के बाद मदद करने वालों को कानूनी सुरक्षा
भारत में हादसों के बाद घायलों को मदद करने या मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने वालों के लिए कानूनी प्रावधान किया गया है. इसका मक्सद हादसे वाले स्थल के पास मौजूद या गुजरने वाले बिना किसी कानूनी डर-भर के मदद के लिए आगे आयें. विश्व ट्रॉमा दिवस के अवसर पर ऐसे मामलों के बारे में लोगों की जानकारी दी जाती है और मदद के लिए अपील की जाती है.

ट्रामा के कारण

  1. घरेलू और बाल शोषण
  2. शारीरिक, यौन और भावनात्मक शोषण
  3. किसी प्रियजन से अचानक, बिना कारण अलगाव
  4. शारीरिक और मानसिक तरीके से अत्याचार करना
  5. सड़क यातायात दुर्घटनाएं
  6. जातिवाद, भेदभाव और उत्पीड़न
  7. समुदाय में हिंसा, युद्ध, या आतंकवाद

विश्व आघात दिवस उद्धरण

  • 'उपचार की शुरुआत दर्द को समझने से होती है.'
  • 'एक साथ मिलकर, हम टूटे हुए टुकड़ों को जोड़ते हैं.'
  • 'उत्तरजीवी की कहानियां भीतर लचीलेपन को प्रेरित करती हैं.'
  • 'दर्द को ताकत में बदलना, एकजुट होकर उपचार करना.'
  • 'सहानुभूति पुनर्प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करती है.'

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Last Updated : Oct 17, 2023, 12:24 PM IST
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