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World Rose Day 2023 : भारत में कैंसर से 3 साल में 22.54 लाख लोगों की मौत, हर साल मृतकों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी

कैंसर की मरने वालों की संख्या साल दर साल बढ़ रही है. विश्व स्वास्थ संगठन के अनुसार हर 6 मौतों में एक व्यक्ति की मौत कैंसर से होती है. कैंसर पीड़ितों और इससे होने वाले मौतों की संख्या में बढ़ोतरी जारी है. कैंसर मरीजों के बारें में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए आज के दिन World Rose Day मनाया जाता है. पढ़ें पूरी खबर..

World Rose Day
मेलिंडा रोज
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 22, 2023, 2:02 AM IST

Updated : Feb 2, 2024, 4:52 PM IST

हैदराबद : दुनिया भर में कैंसर के मामलों में लगातार बढ़ोतरी जारी है. विश्व स्वास्थ संगठन के अनुसार 2020 में दुनिया भर में कैंसर के कारण एक करोड़ लोगों की मौत हो गई थी. वहीं भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार इस 7 लाख 70 के करीब कैंसर पीड़ितों की मौत हो गई. देश-दुनिया में कैंसर के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हम सबों के लिए चिंता की बात है. कैंसर मरीजों के वेलफेयर और उनमें जागरूकता पैदा करने के लिए मेलिंडा रोज के योगदान को याद करने के लिए हर साल 22 सितंबर को वर्ल्ड रोज डे (World Rose Day 2023) मनाया जाता है.

World Rose Day 2023
World Rose Day 2023

मेलिंडा रोज की याद में मनाया जाता है विश्व गुलाब दिवस
विश्व गुलाब दिवस कनाडा की 12 साल की बच्ची मेलिंडा रोज (Melinda Rose) के नाम पर रखा गया. 14 फरवरी 1994 को जांच के बाद डॉक्टरों ने मेलिंडा में दुर्लभ कैंसर Askins Tumor पाया. इसके बाद डॉक्टरों ने कहा कि एक से दो सप्ताह में उसकी मौत हो जायेगी. लेकिन अपने हिम्मत और हौंसले के कारण मेलिंडा 6 माह तक जीवित रही. इस दौरान उन्होंने कैंसर मरीजों के साथ समय बीताया और उनके हौंसले को बढ़ाने के लिए और उनके जीवन में खुशियां लाने के लिए कई काम किए. उनके जिंदादिली और कैंसर मरीजों के जनकल्याण के लिए उनके काम को याद करते हुए हर साल 22 सितंबर को विश्व गुलाब दिवस मनाया जाता है.

World Rose Day
विश्व गुलाब दिवस

कैंसर से महिलाओं की मौत पुरूषों से ज्यादा
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (National Library of Medicine-NLM) ने आने वाले समय में देश से होने वाली मौतों के मामलों में बढ़ोतरी होने का अनुमान किया है. एनएलएम के 2022 में कैंसर के 14.60 लाख मामले पाये गये हैं, 2025 में एक साल में कैंसर के मामल 15.70 लाख तक पहुंचने का अनुमान. 2022 में एक लाख की आबादी पर भारत में 100.4 नये लोगों में कैंसर के मामले पाये गये या उनकी मौत हो गई. यह दर पुरूषों में 95.6 है, वहीं महिलाओं में यह दर 105.4 है.

World Rose Day
विश्व गुलाब दिवस

साल 2020 में 7 लाख से ज्यादा लोगों की गई थी जान
फरवरी 2022 में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने 11 फरवरी 2022 को लोक सभा में एक लिखित प्रश्न के जवाब में कैंसर के बारे में बताया कि 2018 से 2020 तक 40 लाख लोगों में कैंसर पाये गये. वहीं इस दौरान कैंसर से 22.54 लाख लोगों की मौत हो गई.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार जांच के बाद 2020 में 13,92,179 लोग कैंसर से पीड़ित पाये गये. वहीं 2019 में 13,58,415 मामले और 2018 में 13,25,232 लोग कैंसर से पीड़ित पाये गये थे. कैंसर से मरने वालों की बात करें तो 2020 में 7,70,230, 2019 में 7,51,517 और 2018 में 7,33,139 लोग कैंसर के कारण जान गंवा चुके हैं. केंद्र सरकार का मानना है कि कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी के पीछे मुख्य कारण मानक के अनुरूप जीवन शैली और आहार पर ध्यान नहीं दिया जाना सबसे ज्यादा प्रमुख है. इसके साथ-साथ तंबाकू उत्पादों का उपयोग, शराब सहित अन्य नशीले पदार्थों का सेवन, वायु और जल प्रदूषण भी कैंसर के कारण हैं.

स्तन कैंसर से 37.2 फीसदी महिलाओं की होती है मौत
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने 29 जुलाई को एक कार्यक्रम के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि भारत में स्तन कैंसर से 2020 में 37.2 फीसदी महिलाओं की मृत्यु हुई. जबकि एशियाई दर 37 फीसदी के करीब है, वही वैश्विक दर 30 फीसदी है. इसके पीछे मुख्य कारण कैंसर के लक्ष्ण, इलाज सहित अन्य पहलुओं के बारे में जागरूकता का आभाव है.

एक तिहाई कैंसर से मौतों का कारण तंबाकू
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 3 फरवरी 2022 की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में मौतों का एक मुख्य कारण कैंसर है. 2020 में कैसर के कारण एक करोड़ लोग कैंसर से मृत हुए. या कहें कुल 6 मौत में एक व्यक्ति की मौत कैंसर से हुई. सबसे आम स्तन कैंसर है. इसके अलावा फेफड़े (lung), मलाशय (rectum) और प्रोस्टेट कैंसर (prostate cancers) के मामले आते हैं. कैंसर से पीछे बड़ा तंबाकू का सेवन माना जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कैंसर से मरने वालों में एक तिहाई लोग तंबाकू सेवन करते थे. इसके अलावा उच्च बॉडी मास इंडेक्स, शराब का सेवन और सही पोषक पदार्थों का आभाव को कैंसर के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार यदि कैंसर समय से पता चल जाय और सही इलाज हो तो मरीजों की जान बच सकती है.

World Rose Day
भारत सरकार के अस्पतालों में कैंसर मरीजों की पहचान के आंकड़े

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वार्षिक 2022-23 तक की रिपोर्ट जारी की गई है. रिपोर्ट में सितंबर 2022 तक की रिपोर्ट के अनुसार देश में कैंसर के मामलों की संख्या में लगातर बढ़ोतरी हो रही है. केंद्र सरकार के अधीन स्वास्थ्य संस्थानों में 5 करोड़ 14 लाख 65 हजार 654 लोगों का स्वास्थ परीक्षण किया गया. इस दौरान जांच में 1 लाख 61 हजार 308 लोगों में कैंसर के मामले पाये गये. बता दें कि कैंसर के मामलों में साल-दर-साल बढ़ोतरी है. 2014-15 में 11385, 2015-16 में 13262, 16-17 में 39081, 2017-18 में 71911, 2018-19 में 145430, 2019-20 में 77293, 2021-22 में 160365, 2022-23 में 161308 (सितंबर 2022) लोगों में कैंसर के मामले पाये गये.

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हैदराबद : दुनिया भर में कैंसर के मामलों में लगातार बढ़ोतरी जारी है. विश्व स्वास्थ संगठन के अनुसार 2020 में दुनिया भर में कैंसर के कारण एक करोड़ लोगों की मौत हो गई थी. वहीं भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार इस 7 लाख 70 के करीब कैंसर पीड़ितों की मौत हो गई. देश-दुनिया में कैंसर के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हम सबों के लिए चिंता की बात है. कैंसर मरीजों के वेलफेयर और उनमें जागरूकता पैदा करने के लिए मेलिंडा रोज के योगदान को याद करने के लिए हर साल 22 सितंबर को वर्ल्ड रोज डे (World Rose Day 2023) मनाया जाता है.

World Rose Day 2023
World Rose Day 2023

मेलिंडा रोज की याद में मनाया जाता है विश्व गुलाब दिवस
विश्व गुलाब दिवस कनाडा की 12 साल की बच्ची मेलिंडा रोज (Melinda Rose) के नाम पर रखा गया. 14 फरवरी 1994 को जांच के बाद डॉक्टरों ने मेलिंडा में दुर्लभ कैंसर Askins Tumor पाया. इसके बाद डॉक्टरों ने कहा कि एक से दो सप्ताह में उसकी मौत हो जायेगी. लेकिन अपने हिम्मत और हौंसले के कारण मेलिंडा 6 माह तक जीवित रही. इस दौरान उन्होंने कैंसर मरीजों के साथ समय बीताया और उनके हौंसले को बढ़ाने के लिए और उनके जीवन में खुशियां लाने के लिए कई काम किए. उनके जिंदादिली और कैंसर मरीजों के जनकल्याण के लिए उनके काम को याद करते हुए हर साल 22 सितंबर को विश्व गुलाब दिवस मनाया जाता है.

World Rose Day
विश्व गुलाब दिवस

कैंसर से महिलाओं की मौत पुरूषों से ज्यादा
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (National Library of Medicine-NLM) ने आने वाले समय में देश से होने वाली मौतों के मामलों में बढ़ोतरी होने का अनुमान किया है. एनएलएम के 2022 में कैंसर के 14.60 लाख मामले पाये गये हैं, 2025 में एक साल में कैंसर के मामल 15.70 लाख तक पहुंचने का अनुमान. 2022 में एक लाख की आबादी पर भारत में 100.4 नये लोगों में कैंसर के मामले पाये गये या उनकी मौत हो गई. यह दर पुरूषों में 95.6 है, वहीं महिलाओं में यह दर 105.4 है.

World Rose Day
विश्व गुलाब दिवस

साल 2020 में 7 लाख से ज्यादा लोगों की गई थी जान
फरवरी 2022 में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने 11 फरवरी 2022 को लोक सभा में एक लिखित प्रश्न के जवाब में कैंसर के बारे में बताया कि 2018 से 2020 तक 40 लाख लोगों में कैंसर पाये गये. वहीं इस दौरान कैंसर से 22.54 लाख लोगों की मौत हो गई.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार जांच के बाद 2020 में 13,92,179 लोग कैंसर से पीड़ित पाये गये. वहीं 2019 में 13,58,415 मामले और 2018 में 13,25,232 लोग कैंसर से पीड़ित पाये गये थे. कैंसर से मरने वालों की बात करें तो 2020 में 7,70,230, 2019 में 7,51,517 और 2018 में 7,33,139 लोग कैंसर के कारण जान गंवा चुके हैं. केंद्र सरकार का मानना है कि कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी के पीछे मुख्य कारण मानक के अनुरूप जीवन शैली और आहार पर ध्यान नहीं दिया जाना सबसे ज्यादा प्रमुख है. इसके साथ-साथ तंबाकू उत्पादों का उपयोग, शराब सहित अन्य नशीले पदार्थों का सेवन, वायु और जल प्रदूषण भी कैंसर के कारण हैं.

स्तन कैंसर से 37.2 फीसदी महिलाओं की होती है मौत
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने 29 जुलाई को एक कार्यक्रम के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि भारत में स्तन कैंसर से 2020 में 37.2 फीसदी महिलाओं की मृत्यु हुई. जबकि एशियाई दर 37 फीसदी के करीब है, वही वैश्विक दर 30 फीसदी है. इसके पीछे मुख्य कारण कैंसर के लक्ष्ण, इलाज सहित अन्य पहलुओं के बारे में जागरूकता का आभाव है.

एक तिहाई कैंसर से मौतों का कारण तंबाकू
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 3 फरवरी 2022 की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में मौतों का एक मुख्य कारण कैंसर है. 2020 में कैसर के कारण एक करोड़ लोग कैंसर से मृत हुए. या कहें कुल 6 मौत में एक व्यक्ति की मौत कैंसर से हुई. सबसे आम स्तन कैंसर है. इसके अलावा फेफड़े (lung), मलाशय (rectum) और प्रोस्टेट कैंसर (prostate cancers) के मामले आते हैं. कैंसर से पीछे बड़ा तंबाकू का सेवन माना जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कैंसर से मरने वालों में एक तिहाई लोग तंबाकू सेवन करते थे. इसके अलावा उच्च बॉडी मास इंडेक्स, शराब का सेवन और सही पोषक पदार्थों का आभाव को कैंसर के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार यदि कैंसर समय से पता चल जाय और सही इलाज हो तो मरीजों की जान बच सकती है.

World Rose Day
भारत सरकार के अस्पतालों में कैंसर मरीजों की पहचान के आंकड़े

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वार्षिक 2022-23 तक की रिपोर्ट जारी की गई है. रिपोर्ट में सितंबर 2022 तक की रिपोर्ट के अनुसार देश में कैंसर के मामलों की संख्या में लगातर बढ़ोतरी हो रही है. केंद्र सरकार के अधीन स्वास्थ्य संस्थानों में 5 करोड़ 14 लाख 65 हजार 654 लोगों का स्वास्थ परीक्षण किया गया. इस दौरान जांच में 1 लाख 61 हजार 308 लोगों में कैंसर के मामले पाये गये. बता दें कि कैंसर के मामलों में साल-दर-साल बढ़ोतरी है. 2014-15 में 11385, 2015-16 में 13262, 16-17 में 39081, 2017-18 में 71911, 2018-19 में 145430, 2019-20 में 77293, 2021-22 में 160365, 2022-23 में 161308 (सितंबर 2022) लोगों में कैंसर के मामले पाये गये.

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Last Updated : Feb 2, 2024, 4:52 PM IST
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