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नैनो मूर्तियों के लिए विश्व में प्रसिद्ध हुए गणेश सुब्रमण्यम

केरल के प्रसिद्ध शिल्पकार गणेश सुब्रमण्यम ने एक से बढ़कर एक नैनो मूर्तियां बनायी हैं. उनकी कलाकृतियों को देखने के लिए आपको माइक्रोस्कोप की आवश्यकता होगी. वर्षों की कड़ी मेहनत से गणेश सुब्रमण्यम से इस दुर्लभ और कठिन कला में महारत हासिल की है.

World record holder in microscopic sculptures; Ganesh is favourite among celebrities
नैनो मूर्तियों के लिए विश्व में प्रसिद्ध हुए गणेश सुब्रमण्यम
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Published : May 15, 2022, 9:36 AM IST

Updated : May 15, 2022, 11:17 AM IST

तिरुवनंतपुरम: प्रसिद्ध अनंत पद्मनाभ स्वामी की लेटी हुई स्थिति में सुंदर मूर्ति और एक खूबसूरत नटराज की मूर्ति को देखकर आप हैरान रह जाएंगे. इन सभी मूर्तियों को गणेश सुब्रमण्यम ने सटीकता के साथ गढ़ा है. लेकिन इन मूर्तियों को देखने के लिए एक माइक्रोस्कोप की आवश्यकता होती है क्योंकि ये आकार में सिर्फ मिलीमीटर में हैं. यह नैनो मूर्तिकार पहले से ही अपनी महान कलात्मकता और सटीकता के लिए चर्चा में है.

केरल के प्रसिद्ध शिल्पकार गणेश सुब्रमण्यम

वर्षों की कड़ी मेहनत ने गणेश सुब्रमण्यम को इस दुर्लभ और कठिन कला में महारत हासिल करने में मदद की है. उन्होंने सबसे पहले अनंत पद्मनाभ स्वामी की मूर्ति को सोने के दानों से तराशा और उसका आकार केवल 3.5 मिमी है. उन्होंने इसे त्रावणकोर के पूर्व राजा उथरादम तिरुनल मार्तंडवर्मा को उपहार के रूप में प्रदान करने के लिए गढ़ा था. जब मार्तंडवर्मा ने लेंस की मदद से मूर्ति को देखा तो वे बहुत प्रभावित हुए और गणेश से इसे एक आभूषण में लगाने के लिए कहा. इसके बाद गणेश ने एक अंगूठी 'अनंत विजयम' गढ़ी, जिसमें मूर्ति को बड़ा करने के लिए एक लेंस लगाया और इसे मार्तंडवर्मा को उपहार में दिया.

जब प्रसिद्ध अभिनेता मोहनलाल को इसके बारे में पता चला तो वे भी गणेश से इसी तरह के सामान बनाने की मांग की. इसके बाद गणेश ने एक सूक्ष्म नटराज की मूर्ति के साथ एक अंगूठी डिजाइन की और मोहनलाल को भेंट की. जब कहानी फैली तो कई प्रसिद्ध हस्तियां इसी तरह की मूर्तियों के लिए गणेश के पास जाने लगीं. अब तक गणेश ने मदर टेरेसा, मक्का-मदीना, जीसस क्राइस्ट और कथकली सहित कई नैनो मूर्तियां गढ़ी हैं.

ये भी पढ़ें- आईएमडी ने केरल में एर्नाकुलम, इडुक्की जिलों के लिए जारी किया रेड अलर्ट

उन्होंने हाल ही में कोविड महामारी पर काबू पाने के लिए मानवता के संघर्ष का विवरण देते हुए एक सामाजिक संदेश 'एस्केप फ्रॉम कोविड' के साथ एक मूर्ति भी बनाई है. गणेश के नाम दुनिया में सबसे छोटे नंबर का लॉक बनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है. सोने के दानों से बने इस ताले की ऊंचाई 3 मिमी और व्यास मात्र 1 मिमी है. तिरुवनंतपुरम में उनकी एक गैलरी भी है, जिसमें उनकी कलाकृतियां प्रदर्शित हैं.

तिरुवनंतपुरम: प्रसिद्ध अनंत पद्मनाभ स्वामी की लेटी हुई स्थिति में सुंदर मूर्ति और एक खूबसूरत नटराज की मूर्ति को देखकर आप हैरान रह जाएंगे. इन सभी मूर्तियों को गणेश सुब्रमण्यम ने सटीकता के साथ गढ़ा है. लेकिन इन मूर्तियों को देखने के लिए एक माइक्रोस्कोप की आवश्यकता होती है क्योंकि ये आकार में सिर्फ मिलीमीटर में हैं. यह नैनो मूर्तिकार पहले से ही अपनी महान कलात्मकता और सटीकता के लिए चर्चा में है.

केरल के प्रसिद्ध शिल्पकार गणेश सुब्रमण्यम

वर्षों की कड़ी मेहनत ने गणेश सुब्रमण्यम को इस दुर्लभ और कठिन कला में महारत हासिल करने में मदद की है. उन्होंने सबसे पहले अनंत पद्मनाभ स्वामी की मूर्ति को सोने के दानों से तराशा और उसका आकार केवल 3.5 मिमी है. उन्होंने इसे त्रावणकोर के पूर्व राजा उथरादम तिरुनल मार्तंडवर्मा को उपहार के रूप में प्रदान करने के लिए गढ़ा था. जब मार्तंडवर्मा ने लेंस की मदद से मूर्ति को देखा तो वे बहुत प्रभावित हुए और गणेश से इसे एक आभूषण में लगाने के लिए कहा. इसके बाद गणेश ने एक अंगूठी 'अनंत विजयम' गढ़ी, जिसमें मूर्ति को बड़ा करने के लिए एक लेंस लगाया और इसे मार्तंडवर्मा को उपहार में दिया.

जब प्रसिद्ध अभिनेता मोहनलाल को इसके बारे में पता चला तो वे भी गणेश से इसी तरह के सामान बनाने की मांग की. इसके बाद गणेश ने एक सूक्ष्म नटराज की मूर्ति के साथ एक अंगूठी डिजाइन की और मोहनलाल को भेंट की. जब कहानी फैली तो कई प्रसिद्ध हस्तियां इसी तरह की मूर्तियों के लिए गणेश के पास जाने लगीं. अब तक गणेश ने मदर टेरेसा, मक्का-मदीना, जीसस क्राइस्ट और कथकली सहित कई नैनो मूर्तियां गढ़ी हैं.

ये भी पढ़ें- आईएमडी ने केरल में एर्नाकुलम, इडुक्की जिलों के लिए जारी किया रेड अलर्ट

उन्होंने हाल ही में कोविड महामारी पर काबू पाने के लिए मानवता के संघर्ष का विवरण देते हुए एक सामाजिक संदेश 'एस्केप फ्रॉम कोविड' के साथ एक मूर्ति भी बनाई है. गणेश के नाम दुनिया में सबसे छोटे नंबर का लॉक बनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है. सोने के दानों से बने इस ताले की ऊंचाई 3 मिमी और व्यास मात्र 1 मिमी है. तिरुवनंतपुरम में उनकी एक गैलरी भी है, जिसमें उनकी कलाकृतियां प्रदर्शित हैं.

Last Updated : May 15, 2022, 11:17 AM IST
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