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नाशपाती के आकार का दुनिया का सबसे बड़ा सफेद हीरा, 'द रॉक' ₹168 करोड़ में बिका - हीरे की कीमत

दुनिया के सबसे बड़े सफेद हीरे 'द रॉक' की नीलामी जिनेवा के लक्ज़री होटल डेस बर्ग्यूज़ में हुई. यह नीलाम होने वाला अब तक का सबसे बड़ा सफेद हीरा है. यह क्रिस्टी की बिक्री का एक हिस्सा था. जिसमें 200 कैरेट से अधिक वजन वाले दो हीरे बिक्री के लिए मौजूद थे. नाशपाती के आकार का 'द रॉक' 168 करोड़ रुपये में बिका.

द रॉक
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Published : May 12, 2022, 1:03 PM IST

जिनेवा : दुनिया का सबसे बड़ा सफेद हीरा नीलाम हो गया है. यह नीलाम होने वाला अबतक का सबसे बड़ा हीरा है. इस हफ्ते जिनेवा में इस हीरो को बिक्री के लिए रखा गया. इस बिक्री में दो हीरे नीलाम होने थे 'द रॉक' और 'रेड क्रॉस'. नीलामी में बेचा जाने वाला अब तक का सबसे बड़ा सफेद हीरा 'द रॉक' बुधवार को जिनेवा में 21.6 मिलियन स्विस फ़्रैंक ($ 21.75 मिलियन) यानी 168 करोड़ रुपए में बेचा गया. जिसमें फीस भी शामिल है. हालांकि, निलामी के आयेजकों को इससे 30 मिलियन डॉलर तक मिलने की उम्मीद थी.

'द रॉक' 228 कैरेट का नाशपाती के आकार का जी-कलर हीरा है. जिसका वजन प्लैटिनम पेंडेंट माउंटिंग के साथ 61.3 ग्राम (2.2 औंस) और आयाम 5.4 सेंटीमीटर गुणा 3.1 सेंटीमीटर का है. जिनेवा में क्रिस्टी के आभूषण विभाग के प्रमुख मैक्स फॉसेट ने बताया कि यह कुछ-कुछ एक मध्यम मुर्गी के अंडे से भी मिलता जुलता है. फॉसेट ने बताया कि यह पूरी तरह से नाशपाती के आकार का है और नीलामी में बेचे जाने वाले सबसे दुर्लभ रत्नों में से एक है. महामारी प्रतिबंधों के खत्म होने से वीआईपी कार्यक्रमों की वापसी से हीरे की कीमतों में तेजी आई है.

हालांकि यह 'जी-कलर' का हीरा उच्चतम ग्रेड का नहीं है. डी-कलर डायमंड्स सबसे निम्न स्तर के माने जाते हैं. लेकिन फिर भी अपने शेप में अनूठेपन के कारण यह काफी खास हीरा माना जा रहा है. क्रिस्टी के आभूषण विभाग के प्रमुख मैक्स फॉसेट ने बताया कि यह नीलामी में पेश किया जाने वाला अब तक का सबसे बड़ा सफेद हीरा है. जिनेवा के लक्जरी होटल डेस बर्ग्यूज में मैग्निफिसेंट ज्वेल्स की नीलामी हुई. रॉक, वर्तमान में उत्तरी अमेरिका के एक अनाम मालिक के हाथों में थी. विशेषज्ञ ने कहा कि द रॉक के समान आकार और गुणवत्ता के कुछ ही हीरे थे. इसी तरह के सफेद हीरे के लिए क्रिस्टी का रिकॉर्ड 33.7 मिलियन डॉलर है. जो 2017 में जेनेवा में ही 163.41-कैरेट के हीरे के लिए मिला था. बड़े हीरे को 2000 के दशक की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका की एक खदान से निकाला गया था. जिनेवा में बिक्री से पहले दुबई, ताइपे और न्यूयॉर्क में भी इसपर बोली लगाई जा चुकी है.

रेड क्रॉस की बोली लगनी बाकी : द रॉक के साथ रेड क्रॉस के साथ एक सदी से भी अधिक समय से जुड़ा हुआ है. रेड क्रॉस ऐतिहासिक पीला हीरा है जो निलामी के लिए तैयार है. रेड क्रॉस हीरा एक कुशन के आकार का, 205.07-कैरेट कैनरी पीला हीरा है. जिसकी कीमत सात से 10 मिलियन स्विस फ़्रैंक ($ 7.09 से $ 10.13 मिलियन) यानी 78 करोड़ रुपये से ज्यादा है. फॉसेट ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि बिक्री के दिन यह अच्छी बोली हासिल करेगा. आय का एक बड़ा हिस्सा रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति को दान किया जाएगा, जिसका मुख्यालय जिनेवा में है.

रेड क्रॉस हीरा 1901 में दक्षिण अफ्रीका में डी बीयर्स कंपनी की खदान में पाया गया था. कहा जाता है कि इसका वजन लगभग 375 कैरेट था. दुनिया के सबसे बड़े हीरों में से एक रैंकिंग के साथ-साथ, इसकी एक आकर्षक विशेषता इसका मंडप है, जो स्वाभाविक रूप से एक माल्टीज़ क्रॉस का आकार धारण किए हुए है. रेड क्रॉस को पहली बार 10 अप्रैल, 1918 को लंदन के क्रिस्टीज में बिक्री के लिए रखा गया था. यह ब्रिटिश रेड क्रॉस सोसाइटी और ऑर्डर ऑफ सेंट जॉन की सहायता में डायमंड सिंडिकेट द्वारा पेश किया गया था. रेड क्रॉस डायमंड ने आज के पैसे में £10,000 - लगभग £600,000 (74 लाख डॉलर) प्राप्त किया. इसे लंदन के ज्वैलर्स एस.जे. फिलिप्स ने हासिल किया था. इसे 1973 में क्रिस्टीज द्वारा जेनेवा में फिर से बेचा गया, जिससे 1.8 मिलियन स्विस फ़्रैंक प्राप्त हुए, और अब इसे तीसरी बार नीलामी घर द्वारा पेश किया जा रहा है.

जिनेवा : दुनिया का सबसे बड़ा सफेद हीरा नीलाम हो गया है. यह नीलाम होने वाला अबतक का सबसे बड़ा हीरा है. इस हफ्ते जिनेवा में इस हीरो को बिक्री के लिए रखा गया. इस बिक्री में दो हीरे नीलाम होने थे 'द रॉक' और 'रेड क्रॉस'. नीलामी में बेचा जाने वाला अब तक का सबसे बड़ा सफेद हीरा 'द रॉक' बुधवार को जिनेवा में 21.6 मिलियन स्विस फ़्रैंक ($ 21.75 मिलियन) यानी 168 करोड़ रुपए में बेचा गया. जिसमें फीस भी शामिल है. हालांकि, निलामी के आयेजकों को इससे 30 मिलियन डॉलर तक मिलने की उम्मीद थी.

'द रॉक' 228 कैरेट का नाशपाती के आकार का जी-कलर हीरा है. जिसका वजन प्लैटिनम पेंडेंट माउंटिंग के साथ 61.3 ग्राम (2.2 औंस) और आयाम 5.4 सेंटीमीटर गुणा 3.1 सेंटीमीटर का है. जिनेवा में क्रिस्टी के आभूषण विभाग के प्रमुख मैक्स फॉसेट ने बताया कि यह कुछ-कुछ एक मध्यम मुर्गी के अंडे से भी मिलता जुलता है. फॉसेट ने बताया कि यह पूरी तरह से नाशपाती के आकार का है और नीलामी में बेचे जाने वाले सबसे दुर्लभ रत्नों में से एक है. महामारी प्रतिबंधों के खत्म होने से वीआईपी कार्यक्रमों की वापसी से हीरे की कीमतों में तेजी आई है.

हालांकि यह 'जी-कलर' का हीरा उच्चतम ग्रेड का नहीं है. डी-कलर डायमंड्स सबसे निम्न स्तर के माने जाते हैं. लेकिन फिर भी अपने शेप में अनूठेपन के कारण यह काफी खास हीरा माना जा रहा है. क्रिस्टी के आभूषण विभाग के प्रमुख मैक्स फॉसेट ने बताया कि यह नीलामी में पेश किया जाने वाला अब तक का सबसे बड़ा सफेद हीरा है. जिनेवा के लक्जरी होटल डेस बर्ग्यूज में मैग्निफिसेंट ज्वेल्स की नीलामी हुई. रॉक, वर्तमान में उत्तरी अमेरिका के एक अनाम मालिक के हाथों में थी. विशेषज्ञ ने कहा कि द रॉक के समान आकार और गुणवत्ता के कुछ ही हीरे थे. इसी तरह के सफेद हीरे के लिए क्रिस्टी का रिकॉर्ड 33.7 मिलियन डॉलर है. जो 2017 में जेनेवा में ही 163.41-कैरेट के हीरे के लिए मिला था. बड़े हीरे को 2000 के दशक की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका की एक खदान से निकाला गया था. जिनेवा में बिक्री से पहले दुबई, ताइपे और न्यूयॉर्क में भी इसपर बोली लगाई जा चुकी है.

रेड क्रॉस की बोली लगनी बाकी : द रॉक के साथ रेड क्रॉस के साथ एक सदी से भी अधिक समय से जुड़ा हुआ है. रेड क्रॉस ऐतिहासिक पीला हीरा है जो निलामी के लिए तैयार है. रेड क्रॉस हीरा एक कुशन के आकार का, 205.07-कैरेट कैनरी पीला हीरा है. जिसकी कीमत सात से 10 मिलियन स्विस फ़्रैंक ($ 7.09 से $ 10.13 मिलियन) यानी 78 करोड़ रुपये से ज्यादा है. फॉसेट ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि बिक्री के दिन यह अच्छी बोली हासिल करेगा. आय का एक बड़ा हिस्सा रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति को दान किया जाएगा, जिसका मुख्यालय जिनेवा में है.

रेड क्रॉस हीरा 1901 में दक्षिण अफ्रीका में डी बीयर्स कंपनी की खदान में पाया गया था. कहा जाता है कि इसका वजन लगभग 375 कैरेट था. दुनिया के सबसे बड़े हीरों में से एक रैंकिंग के साथ-साथ, इसकी एक आकर्षक विशेषता इसका मंडप है, जो स्वाभाविक रूप से एक माल्टीज़ क्रॉस का आकार धारण किए हुए है. रेड क्रॉस को पहली बार 10 अप्रैल, 1918 को लंदन के क्रिस्टीज में बिक्री के लिए रखा गया था. यह ब्रिटिश रेड क्रॉस सोसाइटी और ऑर्डर ऑफ सेंट जॉन की सहायता में डायमंड सिंडिकेट द्वारा पेश किया गया था. रेड क्रॉस डायमंड ने आज के पैसे में £10,000 - लगभग £600,000 (74 लाख डॉलर) प्राप्त किया. इसे लंदन के ज्वैलर्स एस.जे. फिलिप्स ने हासिल किया था. इसे 1973 में क्रिस्टीज द्वारा जेनेवा में फिर से बेचा गया, जिससे 1.8 मिलियन स्विस फ़्रैंक प्राप्त हुए, और अब इसे तीसरी बार नीलामी घर द्वारा पेश किया जा रहा है.

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