हैदराबाद : आज के समय में भूख, खाद्य सुरक्षा और सबों के लिए पौष्टिक भोजन उपलब्ध करना वैश्विक चुनौती है. इन समस्याओं से लड़ने के लिए लोगों की सामुहिक सहभागित सुनिश्चित करने के लिए हर साल 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन की स्थापना 16 अक्टूबर 1945 को रोम में किया गया था. इस कारण विश्व खाद्य दिवस 16 अक्टूबर को मनाया जाता है.
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World Food Day 2023 focuses on the theme, ‘Water is Life, Water is Food. Leave No One Behind’#ICAR #WorldFoodDay @nstomar @KailashBaytu @PMOIndia @AgriGoI pic.twitter.com/Q1XxWgRRdr
— Indian Council of Agricultural Research. (@icarindia) October 16, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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संयुक्त राष्ट्र फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना के 34 साल बाद साल 1979 में उसके वार्षिक सम्मेलन में भूख और खाद्य संकट की समस्या को देखते हुए विश्व खाद्य दिवस मनाने का प्रस्ताव लाया गया. प्रस्ताव पर सम्मेलन में मौजूद 150 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधियों ने सहमति दी. इसके बाद से हर साल विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है. वहीं विश्व खाद्य दिवस के लिए थीम निर्धारण 1981 से किया जा रहा है.
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On #WorldFoodDay, Arch Biotech wishes for a world where soil and seed unite to feed a thriving planet. 🌎🌱 Let's join hands in creating a future where everyone can succeed. 🍽️
— Arch Biotech Pvt Ltd (@archbiotech) October 16, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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.#MondayMotivation #FoodBank #MondayVibes #Foodforall #TrendingNow pic.twitter.com/pAk3vaxetY
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हर साल विश्व खाद्य दिवस के लिए थीम में जरूरत के हिसाब से बदलाव किया जाता है. खेती के लिए पानी की महत्ता को देखते हुए 2023 के लिए थीम 'जल ही जीवन है, जल ही भोजन है' किसी को पीछे न छोड़ें' रखा गया है. धरती पर जीवन के लिए जल आवश्यक है. यह धरती के बड़े हिस्से को कवर करता है. मानव शरीर में यह 50 फीसदी से ज्यादा है. यही नहीं यह हमारे भोजन के उत्पादन और जीवन यापन में अमूल्य स्थान रखता है. संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन के अनुसार पानी अनंत नहीं है. हमें इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. हमारा भोजन या कहें भोजन कैसे उत्पादित होता है. यह सब पानी पर निर्भर करता है. समय आ गया है कि हम भोजन के लिए पानी की दिशा में कदम उठायें और बदलाव लाएं.
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#DYK that only 2.5% of water is fresh, suitable for drinking and agriculture?
— Food and Agriculture Organization (@FAO) October 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
We have to take #WaterAction now! Let’s make every drop count!#WorldFoodDay pic.twitter.com/Hwh6aDrU4y
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आपदा के कारण भारी मात्रा में कृषि उत्पाद का होता है नुकसान
संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन की ओर से 13 अक्टूर 2023 की एक आपदा का खेती पर प्रभाव से संबंधित रिपोर्ट के अनुसार बीते 30 सालों में आपदा के कारण 3.8 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के मूल्य की फसलें और पशुधन नष्ट हो गये. यह सालान औसतन 123 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर है. यह आंकड़ा वैश्विक कृषि सकल घरेलू उत्पाद के 5 फीसदी के बराबर है.
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Water is life, water is food.
— Food and Agriculture Organization (@FAO) October 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
What we eat & how we produce food affects water.
📢 Let's take #WaterAction for food to make sure no one is left behind!#WorldFoodDay pic.twitter.com/llEHxfXyl0
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— Food and Agriculture Organization (@FAO) October 12, 2023
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What we eat & how we produce food affects water.
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💧Water is life, water is food. Leave no one behind.
— Food and Agriculture Organization (@FAO) October 11, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Water is essential to life on Earth. What we eat, and how that food is produced all affect water.
Let’s do our part and take #WaterAction for food!#WorldFoodDay pic.twitter.com/NUUHErJAIk
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— Food and Agriculture Organization (@FAO) October 11, 2023
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भारत में भोजन की बर्बादी
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की ओर से जारी खाद्य बर्बादी सूचकांक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय घरों में सालाना 68.7 मिलियन टन भोजन बर्बाद होता है. सामान्य भाषा में कहें तो यह बर्बादी प्रति व्यक्ति लगभग 50 किलोग्राम है. भोजन बर्बाद के मामले में चीन पहले स्थान पर है. वहीं चीन दूसरे पैदान पर है. भारत में कुल उत्पादित भोजन का एक तिहाई हिस्सा खाने से पहले बर्बाद हो जाता है. भारत में बर्बाद होने वाले भोजन की सिर्फ 40 फीसदी का मूल्य 89,000 करोड़/सालान है. यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद या कहें जीडीपी के एक फीसदी के बराबर है. या कहें तो एक फीसदी के बराबर जीडीपी के बराबर भोजन सालान कूडे़दान में बर्बाद हो जाता है और वहीं लाखों लोग भूखे रहने को मजबूर हैं.
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Water is food, and food is water!
— Food and Agriculture Organization (@FAO) October 14, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
8 actions everyone can take to save water every day 👇#WaterAction #SDG6 #WorldFoodDay pic.twitter.com/hROEY4zbDm
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भारत में भूख की समस्या
भोजन की बर्बादी को रोककर देश में कुपोषण और भुखमरी की समस्या को काफी हद तक रोका जा सकता है. फीडिंग इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार देश में लगभग 194.4 मिलियन लोग या कहें तो 14. 3 फीसदी के करीब आबादी को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पा रहा है. वहीं ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 की बात करें तो 125 देशों की सूची में भारत 111वें पायदान पर खड़ा है, जो देश में भूख की गंभीर समस्या को दर्शाता है.