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दुनिया की पहली रोबोटिक बम डिफ्यूजिंग मशीन, वायु सेना ने 22 मशीनों का दिया ऑर्डर

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एक विशेष मशीन तैयार की है जो बम डिफ्यूज करती है. इसे गांधीनगर के डिफेंस एक्सपो 2022 में प्रदर्शित किया गया है (Defence Expo 2022).

World First Robotics Bomb Defusal Machine
रोबोटिक बम डिफ्यूजिंग मशीन
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Published : Oct 20, 2022, 5:41 PM IST

गांधीनगर : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एक विशेष बम डिफ्यूजिंग मशीन तैयार की है, जिसे कोई व्यक्ति नहीं बल्कि रिमोट कंट्रोल की मदद से संचालित किया जाता है. दावा है कि ऐसी बम डिफ्यूजिंग मशीन पूरी दुनिया में केवल भारत में है जो रिमोट कंट्रोल और रोबोटिक विज्ञान की मदद से काम कर रही है (World First Robotics Bomb Defusal Machine). इसका नाम यूएक्सओआर (अनएक्सप्लोडेड ऑडिनेंस हैंडलिंग मशीन) है. गांधीनगर में डिफेंस एक्सपो 2022 में इसे प्रदर्शित किया गया है.

देखिए वीडियो

कैसे काम करेगा रोबोटिक बम डिफ्यूजन सिस्टम : DRDO अधिकारी देवी प्रसाद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि यह सिस्टम रिमोट कंट्रोल की मदद से संचालित होता है. रिमोट की मदद से बम डिफ्यूज किया जाएगा. जिस स्थान पर वायु सेना या सेना को पता चलेगा कि बम गिराया गया है लेकिन फटा नहीं है वह बहुत खतरनाक है. उसके किसी भी समय फटने की संभावना है. अगर इस तरह का बम फटता है तो यह कई किलोमीटर के क्षेत्र में भारी नुकसान पहुंचा सकता है. फिर ऐसे बमों का पता लगाने के बाद यह रोबोट बम डिस्पोजल मशीन खुद ही डिस्पोजल का काम करती है ताकि किसी भी कर्मचारी को नुकसान होने की संभावना शून्य हो जाए.

मशीन में 11 सीसीटीवी कैमरे : इस मशीन में विभिन्न कोणों पर कुल 11 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. इन सीसीटीवी कैमरों को कंट्रोल स्टेशन पर नियंत्रित किया जाता है. इस मशीन का उपयोग उन बमों को खोजने और डिफ्यूज करने के लिए किया जाता है. यह मशीन दो किलोमीटर के दायरे में काम कर सकती है. डीआरडीओ अधिकारी देवी प्रसाद ने बताया कि इसका ट्रायल जैसलमेर समेत दूसरी जगह पर किया गया है. पहले चरण में 22 मशीनों का ऑर्डर वायु सेना द्वारा डीआईडी ​​को दिया गया है.

पढ़ें- LOC पर तैनात होंगी त्रिशूल ऑटोमेटिक गन, 300 मीटर की रेंज में दुश्मन का करेगी खात्मा

गांधीनगर : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एक विशेष बम डिफ्यूजिंग मशीन तैयार की है, जिसे कोई व्यक्ति नहीं बल्कि रिमोट कंट्रोल की मदद से संचालित किया जाता है. दावा है कि ऐसी बम डिफ्यूजिंग मशीन पूरी दुनिया में केवल भारत में है जो रिमोट कंट्रोल और रोबोटिक विज्ञान की मदद से काम कर रही है (World First Robotics Bomb Defusal Machine). इसका नाम यूएक्सओआर (अनएक्सप्लोडेड ऑडिनेंस हैंडलिंग मशीन) है. गांधीनगर में डिफेंस एक्सपो 2022 में इसे प्रदर्शित किया गया है.

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कैसे काम करेगा रोबोटिक बम डिफ्यूजन सिस्टम : DRDO अधिकारी देवी प्रसाद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि यह सिस्टम रिमोट कंट्रोल की मदद से संचालित होता है. रिमोट की मदद से बम डिफ्यूज किया जाएगा. जिस स्थान पर वायु सेना या सेना को पता चलेगा कि बम गिराया गया है लेकिन फटा नहीं है वह बहुत खतरनाक है. उसके किसी भी समय फटने की संभावना है. अगर इस तरह का बम फटता है तो यह कई किलोमीटर के क्षेत्र में भारी नुकसान पहुंचा सकता है. फिर ऐसे बमों का पता लगाने के बाद यह रोबोट बम डिस्पोजल मशीन खुद ही डिस्पोजल का काम करती है ताकि किसी भी कर्मचारी को नुकसान होने की संभावना शून्य हो जाए.

मशीन में 11 सीसीटीवी कैमरे : इस मशीन में विभिन्न कोणों पर कुल 11 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. इन सीसीटीवी कैमरों को कंट्रोल स्टेशन पर नियंत्रित किया जाता है. इस मशीन का उपयोग उन बमों को खोजने और डिफ्यूज करने के लिए किया जाता है. यह मशीन दो किलोमीटर के दायरे में काम कर सकती है. डीआरडीओ अधिकारी देवी प्रसाद ने बताया कि इसका ट्रायल जैसलमेर समेत दूसरी जगह पर किया गया है. पहले चरण में 22 मशीनों का ऑर्डर वायु सेना द्वारा डीआईडी ​​को दिया गया है.

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