हैदराबाद : 1980 में आयोजित 21वें संयुक्त राष्ट्र आम सम्मेलन के दौरान ऑडियो-विजुअल के लिए उठाये गये कदमों को Dयाद करने के लिए हर साल विश्व ऑडियो विजुअल विरासत दिवस के रूप में मनाया जाता है. ऑडियो-विजुअल महत्व के बारे में लोगों के बीच सामान्य जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण सालाना अवसर है. सोशल मीडिया के वर्तमान युग के ऑडियो-विजुअल का संरक्षण काफी जटिल था. सामान्य लोगों के लिए इसका पहले असंभव था.
विश्व ऑडियो विजुअल विरासत दिवस 2023 के लिए थीम 'योर विंडो टू द वर्ल्ड' तय कियी गया है. इस उत्सव आने वाली पीढ़ियों के लिए हमारी विरासत को संरक्षित करने के लिए ऑडियोविजुअल पेशेवरों, संस्थानों के योगदान को याद करने के लिए यूनेस्को व ऑडियो विजुअल आर्काइव एसोसिएशन (सीसीएएए) की सामूहिक पहल है. संरक्षित रखे गये ऑडियो विजुअल हमें और आने वाली पीढ़ियों को उन घटनाओं के बारे में अवगत कराता है, जो हमारे समय का नहीं है. ध्वनी, फिल्में और वीडियो सांस्कृतिक संपदा है.
यूनेस्को की ओर से सदस्य देशों को ऑडियो-विजुअल को डिजिटल फॉर्म में संरक्षित करने के लिए 2015 में कई सिफारिश भी किया गया था. विश्व ऑडियो विजुअल विरासत दिवस सभी देशओं को अपने यहां ऑडियो-विजुअल को डिजिटल फॉर्म में दस्तावेजों के संरक्षण के लिए उठाये गये कदमों का मूल्यांकन का भी अवसर देता है.
संयुक्त राष्ट्र की ओर से विरासत को संभालने के लिए नोडल एजेंसी राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन है, जिसे यूनेस्को के नाम से जाना जाता है. यूनेस्को के पास दुनिया भर में घटित दुर्लभ राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक घटनाओं से संबंधित 17 लाख से ज्यादा दस्तावेज डिजिटल फार्मेट में आर्काइव में उपलब्ध हैं. की वर्ड की मदद से कोई व्यक्ति इसे देख-सुन सकता है. लेकिन फिर से इसका किसी रूप में उपयोग से पहले यूनेस्को की इजाजत जरूरी है.