नई दिल्ली : आईडीएफ वर्ल्ड डेयरी समिट इस साल भारत में 12 से 15 सितंबर तक उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में आयोजित किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार दिवसीय वैश्विक कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे. इसमें डेयरी किसान, सहकारी समितियां और उद्योग हितधारक डेयरी फार्मिंग की अपनी प्रणाली का प्रदर्शन करेंगे.
इससे पहले भारत में 48 साल पहले 1974 में भारत में समिट आयोजित किया गया था. चार दिवसीय शिखर सम्मेलन के दौरान सहकारी समितियों से जुड़े लगभग 800 भारतीय समेत 40 देशों के लगभग 1500 प्रतिभागी शामिल होंगे. कार्यक्रम में तीन समानांतर सत्र होंगे.
केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला (Purshottam Rupala) ने कहा कि 'यह एक शानदार अवसर होगा क्योंकि हमारे भारतीय डेयरी क्षेत्र को पता चल जाएगा कि हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कहां हैं और हमारे पास क्या खास है, यह दिखाने का भी मौका मिलेगा.' उन्होंने कहा कि हमारी सरकार डेयरी फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए विशेष ध्यान दे रही है और इसका एक उदाहरण केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित 6000 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों की शुरुआत है. इस शिखर सम्मेलन के माध्यम से हमारे डेयरी किसानों को अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर मिलेगा.
पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि भारत दुनिया में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है. पशुपालन एवं डेयरी विभाग के सचिव मीनेश शाह द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार भारत सालाना 220 मिलियन मीट्रिक टन दूध का उत्पादन करता है, लेकिन जब निर्यात में हमारी स्थिति की बात आती है, तो यह वैश्विक आपूर्ति में 1% से भी कम योगदान देता है.
मीनेश शाह ने कहा, 'वैश्विक स्तर पर हम दूध के कुल उत्पादन में 26% का योगदान करते हैं और हम दुनिया में सबसे ज्यादा मवेशी रखने वाले देश हैं. भारत में डेयरी क्षेत्र की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि 6% है जबकि विश्व विकास दर केवल 2% है.' मीनेश शाह ने कहा यह आयोजन ऐसे समय में हो रहा है जब देश आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है. हम दिखाएंगे कि हमने 75 वर्षों में कितनी दूर की यात्रा की है और अगले 25 वर्षों में हम कहां तक पहुंचने का लक्ष्य रखते हैं.'
डेयरी फार्मिंग भारत में कृषि सकल घरेलू उत्पाद का 35% योगदान देता है. हालांकि भारत में डेयरी का औसत आकार बहुत छोटा है जिसमें प्रति किसान 2-3 जानवर होते हैं. न्यूजीलैंड में यह औसत लगभग 425 है, जो दुनिया में सबसे बड़ा है. अन्य देशों की तुलना में भारत में छोटी डेयरी पर बोलते हुए सचिव ने कहा कि यह विभिन्न देशों और भारत में स्थितियों और भूमि जोत क्षेत्रों में अंतर के कारण है.
उन्होंने कहा कि 'न्यूज़ीलैंड जैसे देशों में बड़े चारागाह वाले क्षेत्र हैं जहां डेयरी किसान अपने मवेशियों को खिलाने के लिए खुले में छोड़ देते हैं, लेकिन भारत में हमारे डेयरी किसानों के पास इतनी जगह नहीं है. हमारे पास सैकड़ों मवेशियों के साथ बड़े डेयरी फार्म हैं लेकिन जब औसत खेत के आकार की बात आती है तो यह कम होता है. शिखर सम्मेलन में तकनीकी सत्र के अलावा पोषण और आजीविका के लिए विशिष्ट सत्र होंगे. अंतरराष्ट्रीय डेयरी महासंघ के सहयोग से आयोजित किए जा रहे चार दिवसीय वैश्विक शिखर सम्मेलन का विषय पोषण और आजीविका होगा.
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