हैदराबाद : कॉटन या सूती के कपड़े हमारे वार्डरोब में सबसे आम परिधानों में से एक है. कॉटन के कपड़े बहुत आरामदायक, हाइपोएलर्जेनिक, टिकाऊ और सांस लेने योग्य होते है. सूती कपड़े दुनिया भर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले कपड़ों में से एक है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक यह प्राकृतिक कपड़ा दुनिया भर में जीवन बदलने वाला उत्पाद है, क्योंकि 32 मिलियन उत्पादकों का भरण-पोषण करता है और 5 महाद्वीपों के 80 देशों के 100 मिलियन से अधिक परिवारों को लाभ पहुंचाता है.
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🌍🌱 #विश्व_कपास_दिवस - आर्थिक विकास, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और गरीबी उन्मूलन में कपास उद्योग द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है।
— सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (@MIB_Hindi) October 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
सुदृढ़ होता भारत🇮🇳 का कपास पारिस्थितिकी तंत्र👇 pic.twitter.com/3PqNGrKeUI
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लोगों का मुहैया कराता है रोजगार
कॉटन उद्योग महज कपड़े बनाने का ही काम नहीं करता बल्कि कई लोगों के लिए रोजगार भी मुहैया कराता है. कॉटन उद्योग महिलाओं सहित कई ग्रामीण और मजदूरों के लिए रोजगार और आय का भी एक स्रोत है. इसलिए पूरी दुनिया में इसका प्रचार और इसके महत्व को समझाने के लिए एक दिन निर्धारित किया गया है. जिसे 'कपास डे' या 'कॉटन डे' के रुप में मनाते हैं.
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कॉटन या कपास उगाने में विश्व की केवल 2.1% खेती योग्य ज़मीन का उपयोग होता है, पर वह विश्व के 27% कपड़े की आवश्यकता पूरी करती है.
— UNHindi (@UNinHindi) October 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
वह विश्व में छोटी जोत के लाखों ग्रामीण किसानों की आजीविकाओं में योगदान देती है.
विश्व कपास दिवस पर @FAO से और जानें https://t.co/fkEoA42yk3 pic.twitter.com/vy9tvSmAgp
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वह विश्व में छोटी जोत के लाखों ग्रामीण किसानों की आजीविकाओं में योगदान देती है.
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वह विश्व में छोटी जोत के लाखों ग्रामीण किसानों की आजीविकाओं में योगदान देती है.
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बता दें, विश्व कपास दिवस 'World Cotton Day' 2023 हर साल 7 अक्टूबर को पूरी दुनिया में मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य कपास के लाभों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना और कपास के उत्पादन से होने वाले फायदे को बताना होता है.
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🌍🌱On #WorldCottonDay, we emphasise the pivotal role of the Cotton industry in economic development, international trade, and poverty alleviation. 📈
— Ministry of Information and Broadcasting (@MIB_India) October 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
India is the world's 2nd largest cotton producer & consumer globally; leading the way in this crucial sector, fostering growth… pic.twitter.com/rgh3adoQLh
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विश्व कपास दिवस का इतिहास
जानकारी के मुताबिक विश्व कपास दिवस की पहल 2019 में शुरू हुई, जब सब-सहारा अफ्रीका में चार कपास उत्पादकों- बेनिन, बुर्किना फासो, चाड और माली, जिन्हें कॉटन फोर के नाम से जाना जाता है, उन्होंने ने ही विश्व व्यापार संगठन को 7 अक्टूबर को विश्व कपास दिवस मनाने का प्रस्ताव दिया. जिसके बाद साल 2019 के बाद से हर साल यह दिन 7 अक्टूबर को सेलिब्रेट किया जाने लगा.
उत्पादन के क्षेत्र में भारत नंबर एक पर
कपास का प्रोडक्शन ना केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में बड़े पैमाने पर किया जाता है, इसीलिए कपास का उत्पादन हर साल काफी लोगों, जरूरतमंद लोगों को रोजगार देता है. आज भारत कॉटन प्रोडक्शन के क्षेत्र में पहले नंबर पर है. यहां ना सिर्फ कॉटन की खेती होती है बल्कि उसके उत्पादन, और इससे जुड़े उद्योगों से भी लाखों लोगों का घर चलता है. आंकड़ों की मानें तो भारत में हर साल करीब 62 साल टन कपास का उत्पादन किया जाता है. जो पूरी दुनिया के कपास उत्पादन का कुल 38 प्रतिशत है. वहीं कपास के उत्पादन में चीन दूसरे नंबर पर है.
'वर्ल्ड कॉटन डे' मनाने का मुख्य उद्देश्य कॉटन के उत्पादन, इससे बने उत्पादों का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करना है और कॉटन की टेक्नोलॉजी को समझना.
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