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आतंकवाद पर अंकुश लगाने के लिए बहुआयामी मोर्चे पर काम कर रही पुलिस : IGP

युवाओं को उग्रवाद के लिए प्रेरित करने और लुभाने वालों के खिलाफ जन सुरक्षा कानून (PSA) के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है. इसके अलावा युवाओं को हथियार उठाने से रोकने में पुलिस काफी हद तक सफल रही है. यह बात कश्मीर पुलिस महानिरीक्षक (IGP) विजय कुमार ने कही.

विजय कुमार
विजय कुमार
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Published : May 30, 2022, 10:53 PM IST

श्रीनगर : कश्मीर पुलिस महानिरीक्षक (IGP) विजय कुमार ने सोमवार को कहा कि स्थानीय युवाओं को उग्रवाद में शामिल होने से रोकने के लिए पुलिस बहुआयामी मोर्चे पर काम कर रही है. युवाओं को उग्रवाद के लिए प्रेरित करने और लुभाने वालों के खिलाफ जन सुरक्षा कानून (PSA) के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है.

यहां मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान कश्मीर IGP ने कहा कि युवाओं को हथियार उठाने से रोकने में पुलिस काफी हद तक सफल रही है. उन्होंने कहा, 'हम स्थानीय उग्रवादियों की भर्ती को रोकने के लिए बहुआयामी मोर्चों पर काम कर रहे हैं. इसमें माता-पिता का सहयोग बहुत जरूरी है. बड़ी संख्या में युवाओं को वापस लाने में माता-पिता की अहम भूमिका होती है. हम तकनीकी निगरानी के माध्यम से नए रंगरूटों को भी ट्रैक कर रहे थे और उन्हें वापस ला रहे थे.'

कश्मीर आईजीपी विजय कुमार बयान

पुलवामा मुठभेड़ के बारे में, IGP विजय कुमार ने कहा कि मारे गए दो स्थानीय थे और जैश-ए-मोहम्मद संगठन से जुड़े थे. उन्होंने कहा कि मारे गए लोगों की पहचान साकिब और आबिद के रूप में हुई है, जो 13 मई को पुलवामा के गुडुरा में पुलिस कांस्टेबल रियाज अहमद की हत्या में शामिल थे.

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों के साथ रविवार को रात भर चली मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकवादी मारे गए. पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी. पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस महीने की शुरुआत में पुलिस कांस्टेबल रियाज अहमद की हत्या में शामिल एक आतंकवादी भी इस मुठभेड़ में मारा गया. पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पुलवामा के गुंडीपुर में रविवार रात सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों का पता लगाने के लिए इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया था.

पढ़ें : पुलवामा मुठभेड़ में दो आतंकी ढेर, कांस्टेबल रियाज अहमद का हत्यारा भी शामिल

उन्होंने कहा कि तलाशी अभियान के दौरान जब सुरक्षा बलों का दल संदिग्ध स्थान की ओर बढ़ा, तो नजीर अहमद मीर नामक व्यक्ति के घर में छिपे आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई की गई और मुठभेड़ शुरू हो गई. अंधेरे के कारण किसी भी तरह की क्षति से बचने के लिए अभियान को रात के समय रोक दिया गया और तड़के फिर से शुरू किया गया. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, मारे गए दोनों आतंकवादी पुलिस पर हमले और नागरिकों पर अत्याचार सहित कई मामलों में शामिल समूहों का हिस्सा थे.

श्रीनगर : कश्मीर पुलिस महानिरीक्षक (IGP) विजय कुमार ने सोमवार को कहा कि स्थानीय युवाओं को उग्रवाद में शामिल होने से रोकने के लिए पुलिस बहुआयामी मोर्चे पर काम कर रही है. युवाओं को उग्रवाद के लिए प्रेरित करने और लुभाने वालों के खिलाफ जन सुरक्षा कानून (PSA) के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है.

यहां मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान कश्मीर IGP ने कहा कि युवाओं को हथियार उठाने से रोकने में पुलिस काफी हद तक सफल रही है. उन्होंने कहा, 'हम स्थानीय उग्रवादियों की भर्ती को रोकने के लिए बहुआयामी मोर्चों पर काम कर रहे हैं. इसमें माता-पिता का सहयोग बहुत जरूरी है. बड़ी संख्या में युवाओं को वापस लाने में माता-पिता की अहम भूमिका होती है. हम तकनीकी निगरानी के माध्यम से नए रंगरूटों को भी ट्रैक कर रहे थे और उन्हें वापस ला रहे थे.'

कश्मीर आईजीपी विजय कुमार बयान

पुलवामा मुठभेड़ के बारे में, IGP विजय कुमार ने कहा कि मारे गए दो स्थानीय थे और जैश-ए-मोहम्मद संगठन से जुड़े थे. उन्होंने कहा कि मारे गए लोगों की पहचान साकिब और आबिद के रूप में हुई है, जो 13 मई को पुलवामा के गुडुरा में पुलिस कांस्टेबल रियाज अहमद की हत्या में शामिल थे.

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों के साथ रविवार को रात भर चली मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकवादी मारे गए. पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी. पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस महीने की शुरुआत में पुलिस कांस्टेबल रियाज अहमद की हत्या में शामिल एक आतंकवादी भी इस मुठभेड़ में मारा गया. पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पुलवामा के गुंडीपुर में रविवार रात सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों का पता लगाने के लिए इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया था.

पढ़ें : पुलवामा मुठभेड़ में दो आतंकी ढेर, कांस्टेबल रियाज अहमद का हत्यारा भी शामिल

उन्होंने कहा कि तलाशी अभियान के दौरान जब सुरक्षा बलों का दल संदिग्ध स्थान की ओर बढ़ा, तो नजीर अहमद मीर नामक व्यक्ति के घर में छिपे आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई की गई और मुठभेड़ शुरू हो गई. अंधेरे के कारण किसी भी तरह की क्षति से बचने के लिए अभियान को रात के समय रोक दिया गया और तड़के फिर से शुरू किया गया. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, मारे गए दोनों आतंकवादी पुलिस पर हमले और नागरिकों पर अत्याचार सहित कई मामलों में शामिल समूहों का हिस्सा थे.

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