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अलायंस एयर, एयर इंडिया की तीन अन्य अनुषंगी कंपनियों का मौद्रिकरण अब शुरू होगा : दीपम सचिव - तुहिन कांता

दीपम के सचिव तुहिन कांता पांडेय ने कहा है कि एयर इंडिया के निजीकरण के बाद सरकार अब अलायंस एयर सहित उसकी चार अन्य सहायक कंपनियों और 14,700 करोड़ रुपये से अधिक की भूमि-भवन जैसी गैर-प्रमुख संपत्ति के मौद्रिकरण पर काम शुरू करेगी.

तुहिन कांता पांडेय
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Published : Oct 10, 2021, 6:57 PM IST

नई दिल्ली : निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांता पांडेय ने कहा है कि एयर इंडिया के निजीकरण के बाद सरकार अब अलायंस एयर सहित उसकी चार अन्य सहायक कंपनियों और 14,700 करोड़ रुपये से अधिक की भूमि-भवन जैसी गैर-प्रमुख संपत्ति के मौद्रिकरण पर काम शुरू करेगी.

सरकार ने आठ अक्टूबर को घोषणा की थी कि टाटा संस ने 18,000 करोड़ रुपये में कर्ज से लदी राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया के अधिग्रहण की बोली जीती है. इसमें 2,700 करोड़ रुपये का नकद भुगतान और 15,300 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज शामिल है. इस सौदे के दिसंबर अंत तक पूरा होने की उम्मीद है.

पांडेय ने कहा, 'दीपम अब एयर इंडिया की सहायक कंपनियों के मौद्रिकरण के लिए एक योजना पर काम करेगा. ये सहायक कंपनियां भारत सरकार की एयर इंडिया एसेट होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) के पास हैं.'

उन्होंने कहा, 'अनुषंगियों कंपनियों की बिक्री शुरू नहीं हो सकी क्योकि ये सभी एक-दूसरे से जुड़ी हैं. जब तक एयर इंडिया की बिक्री नहीं हो जाती, हम अन्य चीजों पर आगे नहीं बढ़ सकते.'

यह भी पढ़ें- एअर इंडिया विनिवेश : टाटा सन्स को मिली कमान, रतन टाटा बोले-वेलकम बैक

एयर इंडिया की बिक्री के लिए सरकार ने 2019 में एयर इंडिया समूह के कर्ज और गैर-प्रमुख संपत्तियों को रखने के लिए एक विशेष उद्देश्यीय कंपनी एआईएएचएल का गठन किया था.

एयर इंडिया की चार अनुषंगी कंपनियां - एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड, एयरलाइन एलाइड सर्विसेज लिमिटेड, एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड और होटल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड हैं.

(पीटीआई भाषा)

नई दिल्ली : निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांता पांडेय ने कहा है कि एयर इंडिया के निजीकरण के बाद सरकार अब अलायंस एयर सहित उसकी चार अन्य सहायक कंपनियों और 14,700 करोड़ रुपये से अधिक की भूमि-भवन जैसी गैर-प्रमुख संपत्ति के मौद्रिकरण पर काम शुरू करेगी.

सरकार ने आठ अक्टूबर को घोषणा की थी कि टाटा संस ने 18,000 करोड़ रुपये में कर्ज से लदी राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया के अधिग्रहण की बोली जीती है. इसमें 2,700 करोड़ रुपये का नकद भुगतान और 15,300 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज शामिल है. इस सौदे के दिसंबर अंत तक पूरा होने की उम्मीद है.

पांडेय ने कहा, 'दीपम अब एयर इंडिया की सहायक कंपनियों के मौद्रिकरण के लिए एक योजना पर काम करेगा. ये सहायक कंपनियां भारत सरकार की एयर इंडिया एसेट होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) के पास हैं.'

उन्होंने कहा, 'अनुषंगियों कंपनियों की बिक्री शुरू नहीं हो सकी क्योकि ये सभी एक-दूसरे से जुड़ी हैं. जब तक एयर इंडिया की बिक्री नहीं हो जाती, हम अन्य चीजों पर आगे नहीं बढ़ सकते.'

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एयर इंडिया की बिक्री के लिए सरकार ने 2019 में एयर इंडिया समूह के कर्ज और गैर-प्रमुख संपत्तियों को रखने के लिए एक विशेष उद्देश्यीय कंपनी एआईएएचएल का गठन किया था.

एयर इंडिया की चार अनुषंगी कंपनियां - एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड, एयरलाइन एलाइड सर्विसेज लिमिटेड, एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड और होटल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड हैं.

(पीटीआई भाषा)

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