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वंडर बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में मिली 100 साल से चली आ रही इस 'परंपरा' को जगह - कमलावरिपालम

आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के चिलकलुरिपेटा मंडल के कम्मावारी पालम गांव में स्थित मंदिर की झांकी को वंडर बुक ऑफ रिकार्ड्स में जगह मिली है. झांकी को 101.7 फीट ऊंचा और 14 फीट चौड़ा बनाया गया है.

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Published : Mar 18, 2021, 10:31 PM IST

अमरावती : आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में महाशिवरात्रि के पर्व पर कम्मावारी पालम गांव के स्थानीय द्वारा बनाए गए मंदिर की झांकी को वंडर बुक ऑफ रिकार्ड्स में जगह मिली है. यह ग्रामीणों के लिए खुशी की बात है.

महाशिवरात्रि गुंटूर जिले के कोटप्पकोंडा त्योहारों में से एक है. कमलावरिपालम, कवारू, मदिरला, यादवल्ली अप्पुराम, अमीन साहेब पालम, 15 शहर से आए शिवरात्रि के दिन कोटप्पकोंडा में विशेष आकर्षण थे.

मंदिर के प्राचीर 'प्रभा' को जगह

कोटप्पकोंडा थिरुनाला इस मायने में विशिष्ट है कि यह चिलकलुरिपेटा क्षेत्र से आता है. यह परंपरा 100 से अधिक वर्षों से चली आ रही है.

अमरावती : आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में महाशिवरात्रि के पर्व पर कम्मावारी पालम गांव के स्थानीय द्वारा बनाए गए मंदिर की झांकी को वंडर बुक ऑफ रिकार्ड्स में जगह मिली है. यह ग्रामीणों के लिए खुशी की बात है.

महाशिवरात्रि गुंटूर जिले के कोटप्पकोंडा त्योहारों में से एक है. कमलावरिपालम, कवारू, मदिरला, यादवल्ली अप्पुराम, अमीन साहेब पालम, 15 शहर से आए शिवरात्रि के दिन कोटप्पकोंडा में विशेष आकर्षण थे.

मंदिर के प्राचीर 'प्रभा' को जगह

कोटप्पकोंडा थिरुनाला इस मायने में विशिष्ट है कि यह चिलकलुरिपेटा क्षेत्र से आता है. यह परंपरा 100 से अधिक वर्षों से चली आ रही है.

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