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तमिलनाडु के मंदिरों में महिला पुजारी : फैसले का समर्थन और विरोध दोनों, जानिए तर्क - L Murugan women priests

तमिलनाडु हिंदू धर्म व धर्माथ मंत्री (Tamil Nadu Hindu Religious and Charitable Endowments Minister) पी के शेखर बाबू (P K Sekar Babu) ने एलान किया है कि जरूरी प्रशिक्षण के बाद महिलाओं को भी मंदिर में पुजारी नियुक्त किया जा सकता है. मंत्री की इस घोषणा का समर्थन भी हो रहा है और विरोध भी. विपक्ष ने इस कदम का स्वागत किया है. हालांकि, आरएसएस की हिंदू मुनानी समेत कई संगठनों ने इसका विरोध किया है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

विपक्ष ने किया सर्मथन
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Published : Jun 14, 2021, 10:28 PM IST

चेन्नई : तमिलनाडु हिंदू धर्म व धर्माथ मंत्री पी के शेखर बाबू (P K Sekar Babu) ने एलान किया है कि जरूरी प्रशिक्षण के बाद महिलाओं को भी मंदिर में पुजारी नियुक्त किया जा सकता है. उनकी इस घोषणा का समर्थन भी हो रहा है और विरोध भी.

तमिलनाडु भाजपा प्रमुख एल मुरुगन (BJP Tamil Nadu president L Murugan) ने कहा है कि प्राचीन दिनों से महिलाओं को 'आगम शास्त्र' में विशेषज्ञता है और वे यहां पास में मेलमरवथुर में स्थित आदिपराशक्ति जैसे मंदिरों में पूजा कर भी रही हैं. उन्होंने कहा कि अंडाल के पसुराम में पांचरात्र आगम (Paancharatra Agama) की उपासना पद्धति का प्रभाव देख सकता है.

भगवा दल ने समाज के सभी लोगों को पुजारी के तौर पर नियुक्त करने के कदम का स्वागत किया. मुरूगन ने कई ऐसे मंदिर बताए जहां विभिन्न जाति के लोग पहले से पुजारी का काम कर रहे हैं. वह जाहिर तौर पर यह संकेत दे रहे हैं कि प्रस्ताव पूरी तरह से नया नहीं है. उन्होंने एक बयान में कहा, 'हम लोगों को याद दिलाना चाहते हैं कि प्राचीन काल से हमारी तमिल संस्कृति में हमारे मंदिरों में अलग अलग जातियों के लोग और महिलाएं पुजारी रहे हैं.'

बता दें कि आगम शास्त्रों में मंदिरों में पूजा और अन्य अनुष्ठानों से संबंधित मानदंड और संरचना, मंदिरों के निर्माण शामिल हैं तथा पांचरात्र एक मत है.

महिलाओं की नियुक्ति का विरोध
विभिन्न हिंदू संगठनों में अलग अलग पदों पर काम कर चुके राम रविकुमार ने सभी जातियों के लोगों को पुजारी के पद पर नियुक्त करने के प्रस्ताव का स्वागत करते हुए महिलाओं को पुजारी नियुक्त (women priests appointment) करने का विरोध किया है और इसे परंपरा के खिलाफ बताया है.

सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश की मांग
आरएसएस की हिंदू मुनानी समेत कई संगठनों से जुड़ रहे और हिंदू तमिझर कटची के मुख्य संस्थापक रवि कुमार ने कहा, 'अगर आप आज यह स्वीकार कर लेते हैं तो कल वे सबरीमला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश देने की मांग करेंगे और इसका कोई अंत नहीं होगा तथा आखिर में अव्यवस्था होगी.'

यह भी पढ़ें- तमिलनाडु में पहली बार मंदिरों में होंगी महिला पुजारी, मंत्री ने किया एलान

गौरतलब है कि शनिवार को बाबू ने कहा था कि कई महिलाओं ने मंदिर में पुजारी के तौर पर सेवा देने की इच्छा व्यक्त की है और उन्हें इस पद पर 'आगम शास्त्रों' में प्रशिक्षित किए जाने के बाद नियुक्त किया जा सकता है और मामले को मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के संज्ञान में लाया गया है. उन्होंने कहा था कि हिंदुओं के सभी समाजों से संबंध रखने वालों लोगों को जल्द ही मंदिरों में पुजारी नियुक्त किया जाएगा.

(पीटीआई भाषा)

चेन्नई : तमिलनाडु हिंदू धर्म व धर्माथ मंत्री पी के शेखर बाबू (P K Sekar Babu) ने एलान किया है कि जरूरी प्रशिक्षण के बाद महिलाओं को भी मंदिर में पुजारी नियुक्त किया जा सकता है. उनकी इस घोषणा का समर्थन भी हो रहा है और विरोध भी.

तमिलनाडु भाजपा प्रमुख एल मुरुगन (BJP Tamil Nadu president L Murugan) ने कहा है कि प्राचीन दिनों से महिलाओं को 'आगम शास्त्र' में विशेषज्ञता है और वे यहां पास में मेलमरवथुर में स्थित आदिपराशक्ति जैसे मंदिरों में पूजा कर भी रही हैं. उन्होंने कहा कि अंडाल के पसुराम में पांचरात्र आगम (Paancharatra Agama) की उपासना पद्धति का प्रभाव देख सकता है.

भगवा दल ने समाज के सभी लोगों को पुजारी के तौर पर नियुक्त करने के कदम का स्वागत किया. मुरूगन ने कई ऐसे मंदिर बताए जहां विभिन्न जाति के लोग पहले से पुजारी का काम कर रहे हैं. वह जाहिर तौर पर यह संकेत दे रहे हैं कि प्रस्ताव पूरी तरह से नया नहीं है. उन्होंने एक बयान में कहा, 'हम लोगों को याद दिलाना चाहते हैं कि प्राचीन काल से हमारी तमिल संस्कृति में हमारे मंदिरों में अलग अलग जातियों के लोग और महिलाएं पुजारी रहे हैं.'

बता दें कि आगम शास्त्रों में मंदिरों में पूजा और अन्य अनुष्ठानों से संबंधित मानदंड और संरचना, मंदिरों के निर्माण शामिल हैं तथा पांचरात्र एक मत है.

महिलाओं की नियुक्ति का विरोध
विभिन्न हिंदू संगठनों में अलग अलग पदों पर काम कर चुके राम रविकुमार ने सभी जातियों के लोगों को पुजारी के पद पर नियुक्त करने के प्रस्ताव का स्वागत करते हुए महिलाओं को पुजारी नियुक्त (women priests appointment) करने का विरोध किया है और इसे परंपरा के खिलाफ बताया है.

सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश की मांग
आरएसएस की हिंदू मुनानी समेत कई संगठनों से जुड़ रहे और हिंदू तमिझर कटची के मुख्य संस्थापक रवि कुमार ने कहा, 'अगर आप आज यह स्वीकार कर लेते हैं तो कल वे सबरीमला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश देने की मांग करेंगे और इसका कोई अंत नहीं होगा तथा आखिर में अव्यवस्था होगी.'

यह भी पढ़ें- तमिलनाडु में पहली बार मंदिरों में होंगी महिला पुजारी, मंत्री ने किया एलान

गौरतलब है कि शनिवार को बाबू ने कहा था कि कई महिलाओं ने मंदिर में पुजारी के तौर पर सेवा देने की इच्छा व्यक्त की है और उन्हें इस पद पर 'आगम शास्त्रों' में प्रशिक्षित किए जाने के बाद नियुक्त किया जा सकता है और मामले को मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के संज्ञान में लाया गया है. उन्होंने कहा था कि हिंदुओं के सभी समाजों से संबंध रखने वालों लोगों को जल्द ही मंदिरों में पुजारी नियुक्त किया जाएगा.

(पीटीआई भाषा)

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