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कर्नाटक : मधुरा अशोक का 117 बार रक्तदान के साथ गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज

बेंगलुरु की रहने वाली मधुरा अशोक कुमार ने 117 बार रक्तदान करने की वजह से गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है. उन्होंने कहा कि वह जब तक स्वस्थ रहेंगी तब तक रक्तदान करती रहेंगी.

Guinness Book of Records made by donating blood
रक्तदान कर बनाया गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स
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Published : Jun 13, 2022, 4:15 PM IST

Updated : Jun 13, 2022, 5:12 PM IST

तुमकुरु (कर्नाटक): दुनिया में इससे बड़ा कोई दान नहीं है. हमें रक्तदान करके मानवता की सेवा करनी चाहिए. इसी उद्देश्य से बेंगलुरु की रहने वाली मधुरा अशोक कुमार ने 117 बार रक्तदान कर गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है. गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से कई समाज सेवा गतिविधियों में शामिल मधुरा अशोक कुमार को 180 से अधिक पुरस्कार मिल चुके हैं. वह अभी तक स्वेच्छा से 117 बार रक्तदान कर चुकी हैं.

मधुरा अशोक का 117 बार रक्तदान के साथ गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज

मधुरा अशोक कुमार को मधुरा ने तुमकुरु में सिद्धगंगा मठ में सिद्धलिंग श्री की उपस्थिति में प्रमाण पत्र प्रदान किया गया. इस दौरान हजारों बच्चों को रक्तदान के प्रति जागरूक किया गया. इस संबंध में मधुरा अशोक कुमार ने कहा कि मैंने रिकॉर्ड बनाने के लिए कभी रक्तदान नहीं किया.

उन्होंने कहा कि उनके ससुर के स्वतंत्रता सेनानी हैं और समाज सेवा उनके अंदर जन्म से ही है. उन्होंने कहा कि लायंस संगठन का सदस्य बनने के बाद से, मैंने 18 साल की उम्र से रक्तदान करना शुरू कर दिया था. उस दौरान मुझे पता चला कि लोगों को रक्त के लिए कितना परेशान होना पड़ता है. उन्होंने कहा कि वह जब तक स्वस्थ रहेंगी तब तक रक्तदान करती रहेंगी.

ये भी पढ़ें - इस दूल्हे और दुल्हन की हर ओर हो रही चर्चा, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज

तुमकुरु (कर्नाटक): दुनिया में इससे बड़ा कोई दान नहीं है. हमें रक्तदान करके मानवता की सेवा करनी चाहिए. इसी उद्देश्य से बेंगलुरु की रहने वाली मधुरा अशोक कुमार ने 117 बार रक्तदान कर गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है. गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से कई समाज सेवा गतिविधियों में शामिल मधुरा अशोक कुमार को 180 से अधिक पुरस्कार मिल चुके हैं. वह अभी तक स्वेच्छा से 117 बार रक्तदान कर चुकी हैं.

मधुरा अशोक का 117 बार रक्तदान के साथ गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज

मधुरा अशोक कुमार को मधुरा ने तुमकुरु में सिद्धगंगा मठ में सिद्धलिंग श्री की उपस्थिति में प्रमाण पत्र प्रदान किया गया. इस दौरान हजारों बच्चों को रक्तदान के प्रति जागरूक किया गया. इस संबंध में मधुरा अशोक कुमार ने कहा कि मैंने रिकॉर्ड बनाने के लिए कभी रक्तदान नहीं किया.

उन्होंने कहा कि उनके ससुर के स्वतंत्रता सेनानी हैं और समाज सेवा उनके अंदर जन्म से ही है. उन्होंने कहा कि लायंस संगठन का सदस्य बनने के बाद से, मैंने 18 साल की उम्र से रक्तदान करना शुरू कर दिया था. उस दौरान मुझे पता चला कि लोगों को रक्त के लिए कितना परेशान होना पड़ता है. उन्होंने कहा कि वह जब तक स्वस्थ रहेंगी तब तक रक्तदान करती रहेंगी.

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Last Updated : Jun 13, 2022, 5:12 PM IST
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