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गोल्ड मेडल दिलाकर खेलों में भी इतिहास रच रही भारतीय सेना

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Published : Aug 1, 2022, 7:38 PM IST

भारतीय सेना (Indian Army) खेलों में भी इतिहास रच रही है. कॉमनवेल्थ 2022 (CWG 2022) में भारत ने तीन गोल्ड मेडल जीते हैं जिनमें से दो सेना के जवानों ने दिलाए हैं. भारत की ओर से भेजे गए दल में 19 खिलाड़ी सेना से हैं. वरिष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरुआ की रिपोर्ट.

Jeremy Lalrinnunga Achinta Sheuli
जेरेमी लालरिनुंगा अचिंता शेउली

नई दिल्ली : कुछ समय पहले तक भारत को धीरज और ताकत वाले खेलों में 'खेल शक्ति' के रूप में नहीं जाना जाता था, लेकिन देश की 13 लाख की मजबूत सेना इस क्षेत्र में नया अध्याय गढ़ रही है. भारतीय सेना अपने दोहरे मंत्र 'कैच देम यंग' और 'अर्ली रिक्रूटमेंट' के साथ खेल के क्षेत्र में भी देश को मजबूती दे रही है. बर्मिंघम में चल रहे राष्ट्रमंडल खेलों में सोमवार (1 अगस्त, 2022) तक भारत ने तीन स्वर्ण पदकों जीते, जिनमें से दो भारतीय सेना के खिलाड़ियों के हैं.

रविवार को मिजोरम के आइजोल के रहने वाले जेरेमी लालरिनुंगा (Jeremy Lalrinnunga) ने वेटलिफ्टिंग में पुरुषों के 67 किग्रा वर्ग में गोल्ड मेडल जीता. जबकि पश्चिम बंगाल के देउलपुर के रहने वाले 20 वर्षीय अचिंता शेउली (Achinta Sheuli) ने 73 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता.

इतना ही नहीं दोनों ने क्रमश: 313 और 300 किग्रा भार उठाकर राष्ट्रमंडल खेलों के नए रिकॉर्ड स्थापित बनाए. खास बात यह है कि ये दोनों भारतीय सेना से हैं. इनकी खेल प्रतिभा को भारतीय सेना ने काफी पहले ही पहचान लिया था. जेरेमी लालरिनुंगा नायब सूबेदार हैं, वहीं शेउली सिग्नल कोर में हवलदार हैं. बहुत कम उम्र में दोनों की प्रतिभा की पहचान हो गई थी जिसके बाद दोनों ने आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट पुणे में दाखिला लिया.

वैसे तो 2001 से ही भारतीय सेना खेलों में पदक के लिए एक मिशन की तरह काम कर रही है. जिसमें 'मिशन ओलंपिक' के लिए 'मिशन ओलंपिक विंग' और 'मिशन ओलंपिक विंग नोड्स' के साथ अच्छी तरह से कार्यक्रम को लागू कर रही है. पहले से ही इस कार्यक्रम को एक समृद्ध ओलंपिक इनाम मिला है.

टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympic Games 2020) के स्वर्ण पदक विजेता जैवलिन थ्रो खिलाड़ी नीरज चोपड़ा कमर की चोट के कारण राष्ट्रमंडल खेल 2022 में गोल्ड जीतने से चूक गए. नीरज चोपड़ा भी सेना में नायब सूबेदार हैं. 2004 में एथेंस में डबल ट्रैप शूटिंग में राज्यवर्धन सिंह राठौर ने सिल्वर जीता था. इसी तरह से 2012 में लंदन में आयोजित खेलों में विजय कुमार ने 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में सिल्वर जाता था.

सेना के प्रयासों के मूल में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा प्रदान करना और विभिन्न खेलों में योग्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कोचों को नियुक्त करना शामिल है. इस पहल में एक दीर्घकालिक एथलीट विकास (LTAD) कार्यक्रम, खेल विज्ञान सुविधाओं का प्रावधान और एक मजबूत मनोवैज्ञानिक सुदृढ़ीकरण कार्यक्रम भी है. राष्ट्रमंडल खेलों 2022 में कुल 210 सदस्यीय मजबूत भारतीय प्रतिनिधिमंडल में से 19 भारतीय सेना के हैं.

भारतीय सेना से शामिल ये 19 खिलाड़ी भारोत्तोलन, पुरुषों की चार गुणा चार सौ रिले रेस, मैराथन, 10 किमी रेस वॉक, 3,000 मीटर स्टीपल चेज़, बॉक्सिंग, जिम्नास्टिक, कुश्ती, भाला फेंक, ट्रायथलॉन और पैरा तैराकी में भाग ले रहे हैं. बर्मिंघम 2022 खेल 28 जुलाई से शुरू हुए हैं जो 8 अगस्त को समाप्त होंगे.

पढ़ें- CWG 2022 : वेटलिफ्टर जेरेमी ने भारत को दिलाया दूसरा स्वर्ण, ये रिकॉर्ड किया अपने नाम

पढ़ें- CWG 2022: शेउली ने स्वर्ण पदक जीतने के बाद अपने पिता और भाई के योगदान को किया याद

नई दिल्ली : कुछ समय पहले तक भारत को धीरज और ताकत वाले खेलों में 'खेल शक्ति' के रूप में नहीं जाना जाता था, लेकिन देश की 13 लाख की मजबूत सेना इस क्षेत्र में नया अध्याय गढ़ रही है. भारतीय सेना अपने दोहरे मंत्र 'कैच देम यंग' और 'अर्ली रिक्रूटमेंट' के साथ खेल के क्षेत्र में भी देश को मजबूती दे रही है. बर्मिंघम में चल रहे राष्ट्रमंडल खेलों में सोमवार (1 अगस्त, 2022) तक भारत ने तीन स्वर्ण पदकों जीते, जिनमें से दो भारतीय सेना के खिलाड़ियों के हैं.

रविवार को मिजोरम के आइजोल के रहने वाले जेरेमी लालरिनुंगा (Jeremy Lalrinnunga) ने वेटलिफ्टिंग में पुरुषों के 67 किग्रा वर्ग में गोल्ड मेडल जीता. जबकि पश्चिम बंगाल के देउलपुर के रहने वाले 20 वर्षीय अचिंता शेउली (Achinta Sheuli) ने 73 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता.

इतना ही नहीं दोनों ने क्रमश: 313 और 300 किग्रा भार उठाकर राष्ट्रमंडल खेलों के नए रिकॉर्ड स्थापित बनाए. खास बात यह है कि ये दोनों भारतीय सेना से हैं. इनकी खेल प्रतिभा को भारतीय सेना ने काफी पहले ही पहचान लिया था. जेरेमी लालरिनुंगा नायब सूबेदार हैं, वहीं शेउली सिग्नल कोर में हवलदार हैं. बहुत कम उम्र में दोनों की प्रतिभा की पहचान हो गई थी जिसके बाद दोनों ने आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट पुणे में दाखिला लिया.

वैसे तो 2001 से ही भारतीय सेना खेलों में पदक के लिए एक मिशन की तरह काम कर रही है. जिसमें 'मिशन ओलंपिक' के लिए 'मिशन ओलंपिक विंग' और 'मिशन ओलंपिक विंग नोड्स' के साथ अच्छी तरह से कार्यक्रम को लागू कर रही है. पहले से ही इस कार्यक्रम को एक समृद्ध ओलंपिक इनाम मिला है.

टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympic Games 2020) के स्वर्ण पदक विजेता जैवलिन थ्रो खिलाड़ी नीरज चोपड़ा कमर की चोट के कारण राष्ट्रमंडल खेल 2022 में गोल्ड जीतने से चूक गए. नीरज चोपड़ा भी सेना में नायब सूबेदार हैं. 2004 में एथेंस में डबल ट्रैप शूटिंग में राज्यवर्धन सिंह राठौर ने सिल्वर जीता था. इसी तरह से 2012 में लंदन में आयोजित खेलों में विजय कुमार ने 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में सिल्वर जाता था.

सेना के प्रयासों के मूल में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा प्रदान करना और विभिन्न खेलों में योग्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कोचों को नियुक्त करना शामिल है. इस पहल में एक दीर्घकालिक एथलीट विकास (LTAD) कार्यक्रम, खेल विज्ञान सुविधाओं का प्रावधान और एक मजबूत मनोवैज्ञानिक सुदृढ़ीकरण कार्यक्रम भी है. राष्ट्रमंडल खेलों 2022 में कुल 210 सदस्यीय मजबूत भारतीय प्रतिनिधिमंडल में से 19 भारतीय सेना के हैं.

भारतीय सेना से शामिल ये 19 खिलाड़ी भारोत्तोलन, पुरुषों की चार गुणा चार सौ रिले रेस, मैराथन, 10 किमी रेस वॉक, 3,000 मीटर स्टीपल चेज़, बॉक्सिंग, जिम्नास्टिक, कुश्ती, भाला फेंक, ट्रायथलॉन और पैरा तैराकी में भाग ले रहे हैं. बर्मिंघम 2022 खेल 28 जुलाई से शुरू हुए हैं जो 8 अगस्त को समाप्त होंगे.

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