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विवाद बढ़ने पर इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने आत्मकथा का विमोचन टाला - unnecessary controversies

इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने अपनी आत्मकथा निलावु कुदिचा सिम्हंगल के विमोचल को टाल दिया है. पुस्तक में इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ शिवन को लेकर लिखे जाने के बाद से विवाद शुरू हो गया है. (S. Somanath, ISRO, unnecessary controversies)

ISRO Chairman S Somanath
इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ
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By IANS

Published : Nov 4, 2023, 6:59 PM IST

चेन्नई : प्रकाशन से पहले ही उनकी आत्‍मकथा को लेकर उत्पन्न विवादों से परेशान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने पुस्तक की औपचारिक रिलीज टालने का फैसला किया है. सोमनाथ ने बताया, 'किताब अभी तक प्रकाशित नहीं हुई है. मुझे लगता है कि कुछ समीक्षा प्रतियां प्रेस द्वारा देखी गई हैं. मैं इसकी रिलीज रोक रहा हूं, क्योंकि अनावश्यक विवाद पैदा हो गया है. पुस्तक का उद्देश्य युवाओं को संघर्षों को देखने और उनसे उबरने के लिए प्रेरित करना है.'

उन्होंने कहा कि मीडिया ने उन अंशों को उजागर किया है जो किताब का एक छोटा सा हिस्सा हैं. सोमनाथ ने एक समाचार रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा, 'मैं शीर्ष पर जाने के दौरान आने वाली चुनौतियों को उजागर करने की कोशिश कर रहा था. इसका मतलब यह नहीं है कि डॉ. के. शिवन (पूर्व इसरो प्रमुख) ने मुझे रोका या बाधित किया. मैं लेख की व्याख्या से असहमति जताता हूं.' जब उनसे पूछा गया कि क्या वह अपनी आत्मकथा के उन हिस्सों को संशोधित करेंगे जिनके कारण विवाद पैदा हुआ था, तो उन्होंने कहा, 'फिलहाल मैं प्रकाशित नहीं कर रहा हूं.'

कहा जाता है कि सोमनाथ ने अपनी आत्मकथा 'निलावु कुदिचा सिम्हंगल' (द लायंस दैट ड्रंक द मून) में उल्लेख किया है कि इसरो अध्‍यक्ष बनने के बाद डॉ. के. शिवन ने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक के रूप में डॉ. सोमनाथ की पदोन्नति में देरी की थी. सोमनाथ के अनुसार, वीएसएससी के पूर्व निदेशक बी.एन. सुरेश के हस्तक्षेप के बाद ही उन्हें पदोन्नत किया गया.

न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, सोमनाथ ने अपनी आत्मकथा में कहा है कि उन्‍हें (सोमनाथ को) इसरो अध्यक्ष बनने से रोकने के लिए यू.आर. राव अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक को अंतरिक्ष आयोग का सदस्य बनाया गया था. डॉ. शिवन विस्तार के लिए प्रयास कर रहे थे.

ये भी पढ़ें - Gaganyaan Mission : इसरो प्रमुख बोले, गगनयान मिशन के अगले चरण में महिलाओं को मिलेगी प्राथमिकता

चेन्नई : प्रकाशन से पहले ही उनकी आत्‍मकथा को लेकर उत्पन्न विवादों से परेशान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने पुस्तक की औपचारिक रिलीज टालने का फैसला किया है. सोमनाथ ने बताया, 'किताब अभी तक प्रकाशित नहीं हुई है. मुझे लगता है कि कुछ समीक्षा प्रतियां प्रेस द्वारा देखी गई हैं. मैं इसकी रिलीज रोक रहा हूं, क्योंकि अनावश्यक विवाद पैदा हो गया है. पुस्तक का उद्देश्य युवाओं को संघर्षों को देखने और उनसे उबरने के लिए प्रेरित करना है.'

उन्होंने कहा कि मीडिया ने उन अंशों को उजागर किया है जो किताब का एक छोटा सा हिस्सा हैं. सोमनाथ ने एक समाचार रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा, 'मैं शीर्ष पर जाने के दौरान आने वाली चुनौतियों को उजागर करने की कोशिश कर रहा था. इसका मतलब यह नहीं है कि डॉ. के. शिवन (पूर्व इसरो प्रमुख) ने मुझे रोका या बाधित किया. मैं लेख की व्याख्या से असहमति जताता हूं.' जब उनसे पूछा गया कि क्या वह अपनी आत्मकथा के उन हिस्सों को संशोधित करेंगे जिनके कारण विवाद पैदा हुआ था, तो उन्होंने कहा, 'फिलहाल मैं प्रकाशित नहीं कर रहा हूं.'

कहा जाता है कि सोमनाथ ने अपनी आत्मकथा 'निलावु कुदिचा सिम्हंगल' (द लायंस दैट ड्रंक द मून) में उल्लेख किया है कि इसरो अध्‍यक्ष बनने के बाद डॉ. के. शिवन ने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक के रूप में डॉ. सोमनाथ की पदोन्नति में देरी की थी. सोमनाथ के अनुसार, वीएसएससी के पूर्व निदेशक बी.एन. सुरेश के हस्तक्षेप के बाद ही उन्हें पदोन्नत किया गया.

न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, सोमनाथ ने अपनी आत्मकथा में कहा है कि उन्‍हें (सोमनाथ को) इसरो अध्यक्ष बनने से रोकने के लिए यू.आर. राव अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक को अंतरिक्ष आयोग का सदस्य बनाया गया था. डॉ. शिवन विस्तार के लिए प्रयास कर रहे थे.

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