मुंबई : महाराष्ट्र में जल्द ही सुपर मार्केट और किराना स्टोर में शराब उपलब्ध होगी. यह निर्णय गुरुवार को राज्य कैबिनेट की हुई बैठक में लिया गया. बैठक के बाद अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक ने सरकार के निर्णय के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मौजूदा शराब नीति में शराब को केवल दुकानों के माध्यम से बेचने की अनुमति है, जो 20 साल से लागू है. लेकिन यह नीति समाप्त हो गई है और अब सरकार एक संशोधित नीति लेकर आई है.
उन्होंने कहा कि कृषि जिंसों विशेषकर प्रदेश में किसानों की कृषि उपज और फलों का उचित मूल्य दिलाने के लिए यह निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देखा गया है कि फलों से शराब बनाने से किसानों को अधिक दाम मिलते हैं, इसलिए राज्य में सुपरमार्केट में शराब की बिक्री शुरू करने का निर्णय लिया गया है. राज्य में शराब की बिक्री से राजस्व बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है. मलिक ने कहा कि इसी तरह की नीतियां भाजपा शासित राज्यों हिमाचल प्रदेश और गोवा में लागू की गई हैं. इसी के तहत राज्य सरकार ने यह अहम फैसला लिया है. इसलिए, भाजपा को इस फैसले का विरोध करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.
इस मामले पर भाजपा नेता और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट कर कहा है कि महाराष्ट्र को मद्यराष्ट्र बनाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने किराने की दुकानों और सुपरमार्केट में शराब की बिक्री की अनुमति देने का फैसला किया है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'शराब पेट्रोल-डीजल से सस्ती होगी, शराब पर प्रतिबंध हटाकर बेचने की अनुमति होगी, महाराष्ट्र में नए शराब लाइसेंस जारी किए जाएंगे और अब सुपरमार्केट, किराना स्टोर से सीधी शराब बर्दाश्त नहीं की जाएगी.'
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देवेंद्र फडणवीस ने आगे ट्वीट किया कि पिछले दो वर्षों में राज्य सरकार ने किसानों, गरीबों, वंचितों को कोई सहायता नहीं दी है. सरकार की प्राथमिकता सिर्फ शराब है और महाविकास अघाड़ी की इस सरकार को कम से कम गरीबों की थोड़ी मदद करनी चाहिए.
वहीं 2020-21 के आंकड़ों को देखें तो देश में उत्पादित विदेशी शराब की बिक्री 20 करोड़ लीटर तक पहुंच गई. जबकि देशी शराब 32 करोड़ लीटर और बीयर 30 करोड़ लीटर बिकी. इसके अलावा महाराष्ट्र में लगभग 45 ऑपरेशनल वाइनरी हैं, जिनमें से 15 और 20 इकाइयां सीधे उत्पादों का विपणन करती हैं. बाकी केवल निर्माता हैं. भारत में वाइन उद्योग का कारोबार करीब 1,000 करोड़ रुपये का है. जिसमें से 65 फीसदी महाराष्ट्र से हैं. अधिकांश वाइनरी नासिक में स्थित हैं, जो भारत की लगभग 80 फीसदी वाइन का उत्पादन करती है, इसके बाद सांगली, पुणे, सोलापुर, बुलढाणा और अहमदनगर हैं.