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सोनिया की बैठक में शिवसेना, तो क्या यूपीए का हिस्सा बनेंगे उद्धव ?

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई बैठक में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी शामिल हुए, जिसके बाद विश्लेषकों का कहना है कि इस बैठक में उद्धव ठाकरे की मौजूदगी इस बात का स्पष्ट संकेत है कि आने वाले चुनाव में शिवसेना कांग्रेस का हाथ थामेगी.

शिवसेना
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Published : Aug 23, 2021, 7:44 PM IST

मुंबई : मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Shiv Sena chief Uddhav Thackeray ) भी कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) द्वारा बुलाई गई विपक्ष की बैठक में शामिल हुए. विश्लेषकों का कहना है कि इस बैठक में उद्धव ठाकरे की मौजूदगी इस बात का स्पष्ट संकेत है कि आने वाले चुनाव में शिवसेना कांग्रेस का हाथ थामेगी.

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 20 अगस्त को विपक्षी नेताओं की बैठक बुलाई गई थी. बैठक में करीब 19 पार्टियों के नेताओं ने भाग लिया. इनमें कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना, तृणमूल कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस, लोकतांत्रिक जनता दल, जेडीएस, रालोद, केरल कांग्रेस मनी, पीडीपी, डीएमके, एआईयूडीएफ और वीसीके शामिल हैं.

इस बैठक से सोनिया ने विपक्षी दलों से 2024 के लोकसभा चुनाव (2024 Lok Sabha elections) के लिए साथ आने की अपील की. बैठक में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि विपक्षी दलों को एकता चाहिए, देश में मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए विपक्ष की एकता जरूरी है.

ठाकरे ने कहा, 'अगर सभी विपक्षी दल (opposition parties) एक साथ आते हैं, तो हम केंद्र को एक विकल्प दे सकते हैं. हमें इस बारे में लोगों को विश्वास दिलाना होगा.'

इतना ही नहीं महाराष्ट्र में कांग्रेस और राकांपा के साथ महाविकास अघाड़ी की सरकार (Mahavikas Aghadi government) बनने के बाद भी शिवसेना की ओर से यूपीए में शामिल होने पर कोई टिप्पणी नहीं की गई.

हालांकि, विपक्ष की बैठक में उद्धव ठाकरे की मौजूदगी के बाद चर्चा शुरू हो गई है कि शिवसेना अब यूपीए में शामिल होगी.

विश्लेषकों का कहना है कि अगर 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद सत्ता की चाबी कांग्रेस के हाथ में आ जाती है, तो शिवसेना के लिए कांग्रेस का समर्थन करना जरूरी होगा, क्योंकि कांग्रेस ने उद्धव ठाकरे को राज्य का मुख्यमंत्री बनाने में शिवसेना की मदद की है.

इसलिए राजनीतिक विश्लेषक संदीप प्रधान (political analyst Sandeep Pradhan) का कहना है कि आने वाले समय में केंद्र में शिवसेना और कांग्रेस की सत्ता होगी.

पढ़ें - सत्ताधारियों का मेला और विपक्षियों का गठबंधन

राहुल गांधी के करीब संजय राउत
हालिया संसद के मानसून सत्र (monsoon session of Parliament) में शिवसेना सांसद संजय राउत ( Sanjay Raut) को लगातार कांग्रेस नेता राहुल गांधी ( Rahul Gandhi) के करीब देखा गया. शिवसेना ने संसद में कांग्रेस द्वारा उठाए गए हर कदम का समर्थन किया.

शिवसेना का स्वागत
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण (Former Chief Minister Ashok Chavan) ने यूपीए में शिवसेना के शामिल होने की बात करते हुए इसका स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने यूपीए के जरिए सभी विपक्षी पार्टियों को एक साथ लाने का काम किया है. अगर शिवसेना इस समूह में शामिल होना चाहती है, तो उनका स्वागत है.

कांग्रेस के सामने झुकी शिवसेना
भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्याय (Keshav Upadhyay) का कहना है कि बालासाहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) ने कहा था कि देश में कई समस्याओं के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है. उन्होंने आलोचना की कि उद्धव ठाकरे कांग्रेस के सामने घुटनों के बल बैठ गए.

मुंबई : मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Shiv Sena chief Uddhav Thackeray ) भी कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) द्वारा बुलाई गई विपक्ष की बैठक में शामिल हुए. विश्लेषकों का कहना है कि इस बैठक में उद्धव ठाकरे की मौजूदगी इस बात का स्पष्ट संकेत है कि आने वाले चुनाव में शिवसेना कांग्रेस का हाथ थामेगी.

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 20 अगस्त को विपक्षी नेताओं की बैठक बुलाई गई थी. बैठक में करीब 19 पार्टियों के नेताओं ने भाग लिया. इनमें कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना, तृणमूल कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस, लोकतांत्रिक जनता दल, जेडीएस, रालोद, केरल कांग्रेस मनी, पीडीपी, डीएमके, एआईयूडीएफ और वीसीके शामिल हैं.

इस बैठक से सोनिया ने विपक्षी दलों से 2024 के लोकसभा चुनाव (2024 Lok Sabha elections) के लिए साथ आने की अपील की. बैठक में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि विपक्षी दलों को एकता चाहिए, देश में मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए विपक्ष की एकता जरूरी है.

ठाकरे ने कहा, 'अगर सभी विपक्षी दल (opposition parties) एक साथ आते हैं, तो हम केंद्र को एक विकल्प दे सकते हैं. हमें इस बारे में लोगों को विश्वास दिलाना होगा.'

इतना ही नहीं महाराष्ट्र में कांग्रेस और राकांपा के साथ महाविकास अघाड़ी की सरकार (Mahavikas Aghadi government) बनने के बाद भी शिवसेना की ओर से यूपीए में शामिल होने पर कोई टिप्पणी नहीं की गई.

हालांकि, विपक्ष की बैठक में उद्धव ठाकरे की मौजूदगी के बाद चर्चा शुरू हो गई है कि शिवसेना अब यूपीए में शामिल होगी.

विश्लेषकों का कहना है कि अगर 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद सत्ता की चाबी कांग्रेस के हाथ में आ जाती है, तो शिवसेना के लिए कांग्रेस का समर्थन करना जरूरी होगा, क्योंकि कांग्रेस ने उद्धव ठाकरे को राज्य का मुख्यमंत्री बनाने में शिवसेना की मदद की है.

इसलिए राजनीतिक विश्लेषक संदीप प्रधान (political analyst Sandeep Pradhan) का कहना है कि आने वाले समय में केंद्र में शिवसेना और कांग्रेस की सत्ता होगी.

पढ़ें - सत्ताधारियों का मेला और विपक्षियों का गठबंधन

राहुल गांधी के करीब संजय राउत
हालिया संसद के मानसून सत्र (monsoon session of Parliament) में शिवसेना सांसद संजय राउत ( Sanjay Raut) को लगातार कांग्रेस नेता राहुल गांधी ( Rahul Gandhi) के करीब देखा गया. शिवसेना ने संसद में कांग्रेस द्वारा उठाए गए हर कदम का समर्थन किया.

शिवसेना का स्वागत
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण (Former Chief Minister Ashok Chavan) ने यूपीए में शिवसेना के शामिल होने की बात करते हुए इसका स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने यूपीए के जरिए सभी विपक्षी पार्टियों को एक साथ लाने का काम किया है. अगर शिवसेना इस समूह में शामिल होना चाहती है, तो उनका स्वागत है.

कांग्रेस के सामने झुकी शिवसेना
भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्याय (Keshav Upadhyay) का कहना है कि बालासाहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) ने कहा था कि देश में कई समस्याओं के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है. उन्होंने आलोचना की कि उद्धव ठाकरे कांग्रेस के सामने घुटनों के बल बैठ गए.

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