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केरल विधानसभा चुनाव: बड़ा सवाल- कौन लड़ेगा सीएम विजयन के खिलाफ चुनाव?

केरल विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां कमर कस चुकी हैं. देखना होगा कि सीएम पिनरई विजयन के खिलाफ कौन उम्मीदवार खड़ा होता है.

vijayan in kerala assembly polls
केरल विधानसभा चुनाव 2021
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Published : Mar 14, 2021, 4:39 PM IST

कन्नूर: केरल में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई है. सत्तारुढ़ और विपक्षी पार्टियां जोर-आजमाइश में जुट गई हैं. राज्य की सबसे वीआईपी धर्मदोम सीट चर्चा में है. केरल के मुख्यमंत्री और सीपीएम पोलित ब्यूरो के सदस्य पिनरई विजयन अपनी निर्वाचन सीट धर्मदोम से एक बार फिर किस्मत अजमा रहे हैं. वे लगातार यहां की जनता से जनादेश की मांग कर रहे हैं. कन्नूर जिले की धर्मदोम विधानसभा निर्वाचन सीट सभी का ध्यान आकर्षित कर रही है.

सीपीएम ने उम्मीदवारों की घोषणा करके चुनावी अभियान को आगे बढ़ाया है, वहीं, यूडीएफ और भाजपा ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी नहीं की है. पिनरई विजयन, जो चुनावों के लिए तैयार हैं, इस वजह से पहले ही धर्मदोम पहुंच चुके हैं और उन्होंने प्रचार भी शुरू कर दिया है. वहीं, सूत्रों से पता चला है कि यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट(यूडीएफ) और भारतीय जनता पार्टी अभी भी धर्मदोम से पिनरई विजयन के खिलाफ दमदार उम्मीदवार कैंडीडेट उतारने की योजना बना रहे हैं.

सूत्रों से पता चला है कि जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव और अंजारक्कंडी वंदिक्करन पेडिका के मूल निवासी सी रघुनाथ यूडीएफ की तरफ से चुनावी मैदान में उतारा जाएगा. बता दें, रघुनाथ पिछले 4 साल से यूडीएफ के चुनावी संयोजक की भूमिका निभा रहे हैं.

केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के प्रवक्ता शमा मोहम्मद और फॉरवर्ड ब्लॉक के अखिल भारतीय महासचिव जी देवराजन को सीएम विजयन के खिलाफ मैदान में उतारने पर विचार किया था. रमेश चेन्निथला ने दिल्ली में यह भी कहा था कि अगर वह राजी हों तो कांग्रेस नेतृत्व देवराज को सीट यहां से चुनावी मैदान में उतार सकता है. हालांकि, यूडीएफ और कांग्रेस के नेताओं का धर्मदोम में उम्मीदवार पर अभी फैसला नहीं हुआ है. 2016 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी धर्मदोम में तीसरे स्थान पर थी. वह भी विजयन के खिलाफ मैदान में उतरने के लिए सही उम्मीदवार की तलाश कर रही है.

जानकारी के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के सदस्य सीके पद्मनाभन को पार्टी धर्मदोम से उतारने की तैयारी में है. राज्य के नेताओं को पिनरई विजयन के खिलाफ सीके पद्मनाभन एक बहुत शक्तिशाली राजनेता मानते हैं. सीके पद्मनाभन भाजपा के लिए केरल के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं. सी के पद्मनाभन, जिन्होंने 1969 में भारतीय जनसंघ के माध्यम से सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया था, बाद में आरएसएस में शामिल हो गए थे. 1980 के दशक में जब भाजपा की स्थापना हुई, तब वह कोझिकोड जिले के महासचिव थे और बाद में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने. वर्तमान में सीके पद्मनाभन पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के सदस्य हैं.

पढ़ें: आजादी के बाद से कितनी बदल गई सियासत, जानें सानू मास्टर की जुबानी

धर्मदोम में मुख्यमंत्री के खिलाफ जो कोई भी चुनावी मैदान में खड़ा होगा, वह देशभर की मीडिया का ध्यान खींचेगा. बता दें, पिनरई विजयन पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के दिवाकरन को 36905 वोटों से हराकर विधानसभा पहुंचे थे.

कन्नूर: केरल में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई है. सत्तारुढ़ और विपक्षी पार्टियां जोर-आजमाइश में जुट गई हैं. राज्य की सबसे वीआईपी धर्मदोम सीट चर्चा में है. केरल के मुख्यमंत्री और सीपीएम पोलित ब्यूरो के सदस्य पिनरई विजयन अपनी निर्वाचन सीट धर्मदोम से एक बार फिर किस्मत अजमा रहे हैं. वे लगातार यहां की जनता से जनादेश की मांग कर रहे हैं. कन्नूर जिले की धर्मदोम विधानसभा निर्वाचन सीट सभी का ध्यान आकर्षित कर रही है.

सीपीएम ने उम्मीदवारों की घोषणा करके चुनावी अभियान को आगे बढ़ाया है, वहीं, यूडीएफ और भाजपा ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी नहीं की है. पिनरई विजयन, जो चुनावों के लिए तैयार हैं, इस वजह से पहले ही धर्मदोम पहुंच चुके हैं और उन्होंने प्रचार भी शुरू कर दिया है. वहीं, सूत्रों से पता चला है कि यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट(यूडीएफ) और भारतीय जनता पार्टी अभी भी धर्मदोम से पिनरई विजयन के खिलाफ दमदार उम्मीदवार कैंडीडेट उतारने की योजना बना रहे हैं.

सूत्रों से पता चला है कि जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव और अंजारक्कंडी वंदिक्करन पेडिका के मूल निवासी सी रघुनाथ यूडीएफ की तरफ से चुनावी मैदान में उतारा जाएगा. बता दें, रघुनाथ पिछले 4 साल से यूडीएफ के चुनावी संयोजक की भूमिका निभा रहे हैं.

केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के प्रवक्ता शमा मोहम्मद और फॉरवर्ड ब्लॉक के अखिल भारतीय महासचिव जी देवराजन को सीएम विजयन के खिलाफ मैदान में उतारने पर विचार किया था. रमेश चेन्निथला ने दिल्ली में यह भी कहा था कि अगर वह राजी हों तो कांग्रेस नेतृत्व देवराज को सीट यहां से चुनावी मैदान में उतार सकता है. हालांकि, यूडीएफ और कांग्रेस के नेताओं का धर्मदोम में उम्मीदवार पर अभी फैसला नहीं हुआ है. 2016 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी धर्मदोम में तीसरे स्थान पर थी. वह भी विजयन के खिलाफ मैदान में उतरने के लिए सही उम्मीदवार की तलाश कर रही है.

जानकारी के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के सदस्य सीके पद्मनाभन को पार्टी धर्मदोम से उतारने की तैयारी में है. राज्य के नेताओं को पिनरई विजयन के खिलाफ सीके पद्मनाभन एक बहुत शक्तिशाली राजनेता मानते हैं. सीके पद्मनाभन भाजपा के लिए केरल के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं. सी के पद्मनाभन, जिन्होंने 1969 में भारतीय जनसंघ के माध्यम से सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया था, बाद में आरएसएस में शामिल हो गए थे. 1980 के दशक में जब भाजपा की स्थापना हुई, तब वह कोझिकोड जिले के महासचिव थे और बाद में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने. वर्तमान में सीके पद्मनाभन पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के सदस्य हैं.

पढ़ें: आजादी के बाद से कितनी बदल गई सियासत, जानें सानू मास्टर की जुबानी

धर्मदोम में मुख्यमंत्री के खिलाफ जो कोई भी चुनावी मैदान में खड़ा होगा, वह देशभर की मीडिया का ध्यान खींचेगा. बता दें, पिनरई विजयन पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के दिवाकरन को 36905 वोटों से हराकर विधानसभा पहुंचे थे.

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