नई दिल्ली : तमिलनाडु के कुन्नूर के पास बुधवार दोपहर एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे में भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (first-ever Chief of Defence Staff) जनरल बिपिन रावत का निधन (General Bipin Rawat died) हो गया. उनके निधन के बाद यह सवाल उठता है कि देश का अघला सीडीएस का पद कौन संभालेगा.
तार्किक तौर पर वर्तमान सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Army chief General Manoj Mukund Naravane ) इस समय सबसे संभावित विकल्प प्रतीत होते हैं. 31 दिसंबर, 2019 को जनरल बिपिन रावत से भारत की 13 लाख-मजबूत सेना के प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण करने वाले जनरल नरवणे को अप्रैल 2022 तक अपने पद पर कार्य करना होगा, लेकिन अगर उन्हें अगले सीडीएस के रूप में नियुक्त किया जाता है, तो हो सकता है कि ऐसा न हो, उन्हें एक विस्तार मिलेगा जो कि 65 वर्ष की आयु तक हो सकता है या सीडीएस असाइनमेंट के लिए कम से कम तीन के लिए उन्हें चुना जा सकता है.
आदर्श रूप से सीडीएस वह होता है, जिसने तीन में से एक सेना का नेतृत्व का नेतृत्व किया हो, सेवा प्रमुखों का निश्चित कार्यकाल तीन वर्ष (fixed tenure of three years) या 62 वर्ष की आयु तक होता हो सकता है, जबकि सीडीएस का कार्यकाल निश्चित नहीं होता है.
सीडीएस सशस्त्र बलों का सबसे वरिष्ठ अधिकारी (senior most officer of the armed forces) होता है. फिलहाल सेना प्रमुख सेवारत सैन्य अधिकारियों में सबसे वरिष्ठ हैं, जबकि वर्तमान नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार (Navy chief Admiral R Hari Kumar) ने 30 नवंबर को पदभार ग्रहण करने के बाद नौसेना प्रमुख के रूप में सिर्फ आठ दिन बिताए हैं, IAF प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने 30 सितंबर को पदभार संभाला है.
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यदि वरिष्ठता के नियमों का पालन किया जाना है, तो जनरल नरवणे का पद या तो उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल योगेश कुमार जोशी या सेना के सेवारत उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल चंडी प्रसाद मोहंती द्वारा भरा जा सकता है. संयोग से लेफ्टिनेंट जनरल जोशी भारतीय वायुसेना और नौसेना दोनों प्रमुखों से वरिष्ठ हैं.