हैदराबाद : अंतर्राष्ट्रीय रेन्यूबल एनर्जी एजेंसी (IRENA ) के नए विश्लेषण से पता चला है कि नवीकरणीय ऊर्जा अब ऊर्जा का सबसे सस्ता रूप है और इसकी क्षमता अगले कुछ दशकों में महत्वपूर्ण रूप से बढ़ने वाली है. IRENA का कहना है कि रेन्यूबल ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता और विद्युतीकरण वैश्विक ऊर्जा ट्रांजीशन के केंद्र में हैं.
2020 के दौरान कोविड-19 महामारी के बावजूद यूरोप में कुल बिजली उत्पादन में नवीनीकरण की हिस्सेदारी 2019 की तुलना में हिस्सेदारी में चार प्रतिशत से अधिक थी.
IRENA विश्लेषण बताता है कि हर हाइड्रोजन का एक चौथाई हिस्सा ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए किया जाएगा उपयोग किया जाएगा.
इससे सड़क परिवहन के विद्युतीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम होगा, जबकि स्वच्छ हाइड्रोजन का उत्पादन किया गया रूप विमानन और शिपिंग में बढ़ती भूमिका निभाएगा.
इसके अलावा बेहतर निर्माण दक्षता हीटिंग और कूलिंग की आवश्यकता को कम कर देगी, इसे इलेक्ट्रिक हीट पंपों के माध्यम से शिफ्ट कर संतुलित किया जाएगा.
विश्लेषण से पता चलता है कि डायरेक्ट इलेक्ट्रिसिटी और इन डायरेक्ट इलेक्ट्रिसिटी का उपयोग ग्रीन हाईड्रोजन बनाने में किया जाएगा और सिनफ्यूएल (कोले से बनने वाले ईंधन) का उपयोग आज से 2050 तक कुल अंतिम ऊर्जा उपयोग का 60 फीसदी हो जाएगा, जो आज लगभग 21 फीसदी है.
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2050 तक बिजली की मांग आज के स्तर से 3-4 गुना बढ़ जाएगी. इसलिए यह एक विशाल बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है. यह बिजली क्षेत्र वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति और मांग का केंद्रीय स्तंभ बन जाएगा. इसने पिछले दशकों में जितनी बड़ी भूमिका निभाई है, उससे कहीं अधिक बड़ी भूमिका आने वाले समय में निभाएगा.
ऊर्जा क्षेत्र में पारंपरिक स्त्रोत जैसे कि तेल और गैस कंपनियां पहले से ही इस प्रवृत्ति को देख रही हैं और बिजली बाजार के खिलाड़ी बनने के लिए रणनीति विकसित कर रही हैं. हालांकि अभी यह देखना बाकी है कि आने वाले दशकों में कौन इस बाजार का प्रमुख खिलाड़ी बनेगा.