हैदराबाद: तेलंगाना के कई जिले बाढ़ की चपेट में है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने 2018 से राष्ट्रीय आपदा राहत कोष के तहत एक भी रुपया मंजूर नहीं किया है. टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष और मंत्री केटी रामाराव ने मंगलवार को एक ट्वीट में केंद्र सरकार पर आरोप लगाया. उन्होंने ट्वीट किया कि माननीय @PMOIndia क्या यही 'सबका साथ, सबका विकास' और सहकारी संघवाद का मतलब है? तेलंगाना भारी बाढ़ से जूझ रहा है, लेकिन 2018 से एनडीआरएफ के तहत एक भी रुपया नहीं दिया गया! न ही आपने 2020 हैदराबाद बाढ़ के लिए राहत की पेशकश की न ही 2022 के गोदावरी बाढ़ के लिए क्यों ?
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Hon’ble @PMOIndia Is this what “Sabka Saath, Sabka Vikas”& Co-operative federalism means?
— KTR (@KTRTRS) July 19, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Telangana has been reeling under heavy floods but not a single rupee granted under NDRF since 2018!
Neither did you offer relief to 2020 Hyderabad floods nor to 2022 Godavari floods. Why? pic.twitter.com/zcW1HK07vV
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— KTR (@KTRTRS) July 19, 2022
Telangana has been reeling under heavy floods but not a single rupee granted under NDRF since 2018!
Neither did you offer relief to 2020 Hyderabad floods nor to 2022 Godavari floods. Why? pic.twitter.com/zcW1HK07vVHon’ble @PMOIndia Is this what “Sabka Saath, Sabka Vikas”& Co-operative federalism means?
— KTR (@KTRTRS) July 19, 2022
Telangana has been reeling under heavy floods but not a single rupee granted under NDRF since 2018!
Neither did you offer relief to 2020 Hyderabad floods nor to 2022 Godavari floods. Why? pic.twitter.com/zcW1HK07vV
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पिछले हफ्ते उत्तरी तेलंगाना में लगातार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था. कई निचले इलाके जलमग्न हो गए. गोदावरी नदी उफान पर थी और मंदिर भद्राचलम के कई इलाकों में जल स्तर 70 फीट तक पहुंच गया था. एनडीआरएफ की टीमों और राज्य सरकार की मशीनरी ने निकासी और पुनर्वास गतिविधियों को अंजाम दिया. मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया.