हैदराबाद: कोरोना की उत्पत्ति को लेकर दुनियाभर के निशाने पर आए चीन में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. जिसने एक बार फिर पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी बजा दी है. लेकिन ऐसा नहीं है कि चीन में कोरोना के बहुत अधिक मामले सामने आ रहे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते एक हफ्ते में चीन में कोरोना के करीब 276 मामले सामने आए हैं. जो अन्य देशों के मुकाबले बहुत कम हैं. सवाल हैं कि इतन कम मामले आने के बावजूद चीन चिंतित क्यों है.
रद्द की गई बीजिंग मैराथन
चीन की राजधानी बीजिंग में अगले रविवार 31 अक्टूबर को एक मैराथन का आयोजन होना था लेकिन उसे फिलहाल रद्द करने का फैसला लिया गया है. चीन के बड़े खेल आयोजनों में से एक इस मैराथन का आयोजन साल 1981 से हर साल होता आया है लेकिन इस बार कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए फिलहाल इस आयोजन को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.
चीन में जिन इलाकों में संक्रमण बढ़ा है वहां लोगों की आवाजाही पर पाबंदी लगा दी गई है. वुहान में भी सिटी मैराथन को स्थगित किया गया है. जिसमें 26 हजार प्रतिभागी हिस्सा लेने वाले थे. वुहान वही शहर है जहां साल 2019 के आखिर में कोरोना वायरस के मामले सबसे पहले सामने आए थे. दोनों मैराथन के लिए किए गए रजिस्ट्रेशन रद्द करके रजिस्ट्रेशन फीस लौटाई जा रही है.
चीने में कोरोना के कितने मामले ?
चीनी मीडिया के मुताबिक चीन में कोरोना संक्रमण के 29 नए मामले आए हैं जिनमें से 6 गांसू प्रांत से हैं. जहां गांसू की राजधानी में लॉकडाउन लगा दिया गया है. चीन के हेल्थ कमीशन के मुताबिक बीते एक हफ्ते में कोरोना संक्रमण 11 राज्यों में फैल गया है.
चीन में सोमवार को कोरोना के 38 नए मामले सामने आए हैं. जिनमें से आधे इनर मंगोलिया से मिले हैं. इसके अलावा बीजिंग, गांसु, निंग्जिया और गुइझोउ में कोरोना के मामले बढ़े हैं. चीन के हेल्थ कमीशन के मुताबिक बीते एक हफ्ते में कोरोना संक्रमण 11 राज्यों में फैल गया है.
चीन ने उठाए हैं कई कदम
कई प्रांतो में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण चीन सरकार ने एहतियातन पाबंदियां लगानी शुरू कर दी हैं. कोरोना के नए मामलों की तादाद भले कम हो लेकिन चीन सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं.
- बीजिंग में 21 मामले सामने आने के बाद राजधानी के एक हिस्से को जोखिम वाला इलाका घोषित कर दिया गया है. होटलों में बुकिंग पर रोक लगा दी गई है. बीजिंग शून्य संक्रमण वाले शहरों यानि ऐसे शहरों में था जहां कोविड़-19 का एक भी मामला नहीं था.
- राजधानी बीजिंग में प्रवेश के नियमों को सख्त कर दिया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजिंग में आने के लिए नेगेटिव कोरोना रिपोर्ट के साथ 14 दिन तक क्वारंटीन रहना भी जरूरी होगा.
- गांसू प्रांत की राजधानी लानजू में एहतियातन लॉकडाउन लगा दिया गया है. 40 लाख की आबादी वाले इस शहर में भले सोमवार को 6 मामले आए हों लेकिन सभी लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी गई है. गांसू प्रांत के सभी पर्यटक स्थलों को फिलहाल बंद कर दिया गया है.
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VIDEO: Beijing residents queue for Covid-19 tests as China battles a new outbreak of the virus.
— AFP News Agency (@AFP) October 26, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
People have been advised not to leave the city unless necessary, although regular transport services out of Beijing continue as normal pic.twitter.com/GYxtKbRpeq
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- इससे पहले 20 अक्टूबर को चीन के दो उत्तरी क्षेत्रों में भी तालाबंदी कर दी गई है. इन दोनों इलाकों में 9 मामले सामने आए थे. मंगोलिया में भी इतने ही नए मरीज मिले हैं. जिन इलाकों में लॉकडाउन है वहां लोगों को घर में रहने के आदेश हैं और प्रशासन रोजमर्रा का सामान घर-घर पहुंचा रहा है.
- चीनी मीडिया के मुताबिक देश के 11 प्रांतों में कोरोना वायरस फैल रहा है. बीते एक हफ्ते में इन 11 प्रांतों में 100 से अधिक नए मामले सामने आए हैं. जिसे देखते हुए कोरोना की टेस्टिंग बढ़ा दी गई है. इन राज्यों से देश के अन्य हिस्सों के लिए यात्रा पर रोक लगा दी गई है.
- जिन इलाकों से संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं वहां यात्रा प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं. हवाई उड़ानें रद्द करने से लेकर स्कूल बंद करना शुरू हो गया है.
- प्रशासन ने ट्रेवल एजेंसियों पर राज्यों से बाहर टूर आयोजित करने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
- चीन ने तीन साल से 11 साल तक के बच्चों को भी टीका लगाने का ऐलान कर दिया है.
बंपर वैक्सीनेशन के बावजूद चीन की चिंता
आंकड़ों के मुताबिक चीन मे करीब कोरोना वैक्सीन की 200 करोड़ से अधिक डोज़ दी जा चुकी हैं. चीन के स्वास्थ्य महकमे के मुताबिक देश की 75 फीसदी आबादी यानि एक अरब से अधिक लोगों का कोविड टीकाकरण हो चुका है. लेकिन इसके बावजूद कोरोना के मामले सामने आए हैं और यही चीन की चिंता की सबसे बड़ी वजह है.
चीन पर लगते रहे हैं आंकड़े छिपाने के आरोप
अमेरिका से लेकर ब्राजील और भारत से लेकर स्पेन, इटली तक कई देश कोरोना की लहर झेल चुके हैं जिसमें लाखों लोगों की मौत हुई. ये आंकड़े इन देशों की तरफ से जारी किए गए थे, जिसके बाद दुनिया को इसकी जानकारी मिली. लेकिन चीन पर शुरू से ही कोविड संक्रमण के आंकड़े छिपाने का आरोप लगता रहा है. चीन सरकार आंकड़े छिपाने को लेकर दुनियाभर की आंखों की किरकिरी बनी रही है.
चीन का दावा है कि 2019 में पहला मामला भले चीन के वुहान शहर में सामने आया हो लेकिन चीन का दावा है कड़े प्रतिबंध लगाकर देश में संक्रमण को कंट्रोल किया गया. जिस वजह से वहां अब तक वहां 96,758 मामले सामने आए हैं. जिनमें से 4,636 लोगों की मौत हुई है, जबकि 91,558 लोग रिकवर हुए थे. चीन के मुताबिक देश में कोरोना के एक्टिव मामले 600 के करीब हैं. हालांकि चीन की तरफ से बताए जा रहे ये आंकड़े किसी के भी गले नहीं उतरेंगे.
चीन से ज्यादा मामले रूस और भारत में है
रूस और चीन भारत के दो बड़े पड़ोसी देश हैं. चीन से ज्यादा कोरोना के मामले रूस और भारत से सामने आ रहे हैं. बीते एक हफ्ते के आंकड़ों के मुताबिक रूस में रोजाना औसतन 35,000 से 40,000 नए मामले सामने आ रहे हैं. जबकि रोजाना औसतन 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है. भारत में भी बीते एक हफ्ते में कोरोना के रोजाना औसतन 15 हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं, जबकि रोजाना औसतन 400 से 500 लोगों के लिए कोरोना जानलेवा साबित हो रहा है.
अन्य देशों के कम मामलों के बावजूद क्यों चिंतित है चीन ?
रूस से लेकर अमेरिका और भारत तक में चीन से ज्यादा कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं और ये देश टीकाकरण के मामले में भी चीन से पीछे हैं. ऐसे में आखिर क्या वजह है कि चीन के माथे पर चिंता की लकीरें हैं.
1) डेल्टा वैरिएंट- चीन के विशेषज्ञों के मुताबिक चीन में सामने आने वाले नए मामले डेल्टा वैरिएंट की वजह से फैल रहे हैं. ये चीन का सबसे बड़ा डर है क्योंकि इसी डेल्टा वैरिएंट ने भारत में दूसरी लहर के दौरान कहर बरपाया था इसके अलावा ब्रिटेन में भी डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित मरीजों की अच्छी खासी तादाद सामने आई थी. विशेषज्ञों के मुताबिक चीन ने टेस्टिंग बढ़ा दी है, जिसके चलते आने वाले दिनों में और भी मामले सामने आ सकते हैं.
2) विंटर गेम्स- चीन में अगले साल फरवरी के दौरान विंटर ओलंपिक्स का आयोजन होना है. चीन की राजधानी बीजिंग में होने वाले इन खेलों के आयोजन में 80 से ज्यादा देशों के खिलाड़ी शिरकत करेंगे. हजारों खिलाड़ी और लाखों दर्शक इन खेलों को देखने पहुंचते हैं. लेकिन मेजबान होने के नाते चीन की चिंता वाजिब भी है. टोक्यो ओलंपिक 2020 का आयोजन भी कोरोना की वजह से तय समय पर नहीं हो पाया था. विंटर गेम्स में अब 100 दिन से भी कम का वक्त बचा है इसलिये चीन की चिंता जायज भी है.
3) वैक्सीनेशन के बाद लापरवाही- कोरोना संक्रमण की शुरुआत चीन से हुई लेकिन चीन ने पाबंदियों से लेकर वैक्सीनेशन के मामले जो तेजी दिखाई उसके बाद वहां हालात सबसे पहले सामान्य हो गए. जानकार मानते हैं कि इन सामान्य हालात में लोगों ने लापरवाही बरती. त्योहार और चीनी नव वर्ष के दौरान दिखी भीड़ में कोविड-19 प्रोटोकॉल का ध्यान नहीं रखा गया.
4) चीन की वैक्सीन का असर- चीन के दो टीकों सिनोफार्म और कोरोनावैक का इस्तेमाल कोविड टीकाकरण के लिए हो रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की हरी झंडी के बाद सिनोवैक बायोटैक के कोरोनावैक टीके को कई देशों में इस्तेमाल किया जा रहा है. विशेषज्ञों के मुताबिक चीन की ये कोरोना वैक्सीन दुनिया की अन्य वैक्सीन के मुकाबले कम कारगर है. चीन की वैक्सीन का इस्तेमाल करने वाले कई देशों जैसे बहरीन, सेशेल्स, चिली, तुर्की आदि में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं.
ऐसे में चीन की चिंताएं और अधिक बढ़ गई हैं. क्योंकि चीन की बड़ी आबादी का टीकाकरण इसी वैक्सीन से हुआ है और 100 करोड़ से अधिक लोगों का पूर्ण टीकाकरण होने के बाद भी कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने पर खतरे की घंटी सुनाई देने लगी है.
5) आर्थिक मोर्चे पर घाटा- चीन की आर्थिक स्थिति भी पिछले कई सालों के बाद बीती तिमाही में सबसे निम्न स्तर पर पहुंची है. कोयले और बिजली की कमी झेलते उद्योग अर्थव्यवस्था के पहिये की रफ्तार पर ब्रेक लगा रहे हैं. जिसके चलते देश में उत्पादन से लेकर रोजगार तक पर असर पड़ रहा है. ऐसे में चीन कोरोना की एक और लहर का जोखिम नहीं उठा सकता, इसलिये वो कम केस होने के बावजूद कड़े प्रतिबंध लगा रहा है.
दुनिया के लिए चीन फिर बना खतरा
चीन में कोरोना के मामले भले कम हों लेकिन डेल्टा वैरिएंट के चलते बढ़ते मामले फिक्र की बात हैं. भारत और रूस जैसे चीन के पड़ोसियों के लिए ये सबसे ज्यादा खतरे की बात हैं. वैसे बीते कुछ वक्त में लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील देने के बाद हवाई उड़ानों से लेकर व्यापार तक सब कुछ पटरी पर लौट रहा है. ऐसे में चीन में बढ़ते मामले दुनियाभर के लिए फिर से खतरे की घंटी बजा रहे हैं. डेल्टा वैरिएंट ब्रिटेन से लेकर भारत तक कई देशों में कहर बरपा चुका है. ऐसे में चीन के बढ़ते मामले दुनिया भर के लिए सावधान होने का इशारा है.
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