लखनऊ: लोकसभा चुनाव से पहले जहां दूसरी पार्टियां खुद को मजबूत करने में लगी हुई हैं. विरोधी दलों के नेताओं को तोड़कर अपने साथ जोड़ रही हैं, वहीं बहुजन समाज पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले खुद ही टूटती जा रही है. उनके अपने ही उन्हें गहरे जख्म दे रहे हैं. पार्टी में रहते हुए भी पार्टी के साथ नहीं रहते. बसपा के एक ऐसे ही सांसद थे दानिश अली, जो कहने को तो पार्टी के सांसद थे, लेकिन पिछले कई साल से उन्हें पार्टी से कोई मतलब ही नहीं था.
मायावती ने दानिश अली को क्यों किया निलंबितः वह अन्य पार्टियों के नेताओं से तो गले मिलते थे लेकिन बसपा सुप्रीमो मायावती से मुलाकात तो दूर सोशल मीडिया पर भी बसपा सुप्रीमो से कोई वास्ता नहीं रखते थे. यही वजह है कि शनिवार को बसपा सुप्रीमो मायावती के निर्देश पर पार्टी ने दानिश अली को निलंबित कर दिया. बहुजन समाज पार्टी के अपने ही नेता पार्टी से दगा कर रहे हैं. इसका खामियाजा उन नेताओं को भी भुगतना पड़ रहा है और असर पार्टी पर भी खूब पड़ रहा है.
बसपा के लिए क्या है सबसे बड़ी चिंताः लगातार हो रही नेताओं पर कार्रवाई और उनकी पार्टी से विदाई बसपा सुप्रीमो के लिए चिंता का सबब तो है लेकिन वे इसे स्वीकार करने से परहेज कर रही हैं. पिछले कुछ सालों से बसपा के तमाम नेता पार्टी छोड़कर जा चुके हैं और कई नेताओं को पार्टी के खिलाफ गतिविधियों में संलिप्त रहने के आरोप में बसपा से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.
बसपा ने इमरान मसूद को भी पार्टी से बाहर निकाला थाः कुछ माह पहले बहुजन समाज पार्टी ने इमरान मसूद को पार्टी से बाहर निकाला था तो उन्होंने कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया और अब अमरोहा से बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली पर गाज गिरी है. कहा जाता है, दानिश अली कहने भर को बहुजन समाज पार्टी के सांसद थे. उनका पिछले काफी सालों से पार्टी से कोई मतलब नहीं था. पार्टी के किसी कार्यक्रम में शिरकत नहीं करते थे. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती तक की नहीं सुनते थे.
बसपा के किसी पोस्ट पर रिएक्ट नहीं करते थे दानिश अलीः यही नहीं बहुजन समाज पार्टी की तरफ से सोशल मीडिया पर किए जाने वाले पोस्ट को न तो रिपोस्ट करते थे और न ही पार्टी के किसी कदम की सराहना ही करते थे. यहां तक कि पार्टी की तरफ से उठाए गए कदमों को लेकर भी उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं होती थी. "ईटीवी भारत" ने जब अमरोहा से बसपा सांसद दानिश अली का एक्स हैंडल खंगाला तो पिछले एक साल में सीधे तौर पर उन्होंने पार्टी के लिए कोई पोस्ट नहीं की थी.
महुआ मोईत्रा पर दानिश का स्टैंड बसपा से अलग रहाः चार राज्यों में बहुजन समाज पार्टी विधानसभा चुनाव लड़ी, उस पर भी दानिश अली ने कोई कमेंट नहीं किया. ऐसे में राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह सब कुछ मायावती को काफी नागवार गुजरा और उन्होंने कार्रवाई कर दी. वैसे सांसद दानिश अली सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. सदन में भी खूब बोलते हैं. टीएमसी सांसद महुआ मोईत्रा के मामले की उन्होंने खूब वकालत की. लेकिन, पार्टी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं थी.
दानिश ने राहुल गांधी के साथ की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर कीः दानिश अली लगातार महुआ मोईत्रा के साथ खड़े थे. पार्टी इस पर बारीकी से नजर रख रही थी. इतना ही नहीं जब संसद में विवाद हुआ तो दानिश अली के घर पर कांग्रेस पार्टी के सांसद राहुल गांधी मिलने पहुंचे. इसकी फोटो भी उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर की. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की भी फोटो साझा की. सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर भी उन्होंने पोस्ट किया. उत्तर प्रदेश सरकार की समाजवादी पार्टी नेता आजम खान पर कार्रवाई को लेकर भी उनकी पोस्ट आई, लेकिन बसपा कुछ भी करती रही, इससे उनका लेना देना नहीं रहा.