नई दिल्ली : पिछले दिनों तमिलनाडु के होसुर इलाके में एक इलेक्ट्रिक बाइक में अचानक आग लग गई. बाइक मालिक और स्थानीय लोगों ने आग बुझाने का प्रयास किया. आग थोड़ी कम हुई तो किसी ने उस पर पानी फेंक दिया. इसके बाद तेज आवाज के साथ ई-स्कूटर में विस्फोट हो गया. एक मई की रात भोपाल में चार्जिंग के दौरान एक पुलिस कॉन्स्टेबल की ई-बाइक जल गई. पिछले दो महीनों में एक के बाद ऐसी कई घटनाएं हो गईं, जिससे ई-स्कूटर की सेफ्टी पर सवाल उठने लगे. ई-स्कूटर बनाने वाली कंपनी ओला, जितेंद्र इलेक्ट्रिक, ओकीनावा और प्योर ने अपने 7000 वाहनों को बाजार से वापस मंगा लिया. रोड ट्रांसपोर्ट और हाइवे मिनिस्ट्री ने (MORTH) ने 25 अप्रैल को इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों की मीटिंग बुलाई थी. इस मीटिंग में कंपनियों को आग लगने की घटनाओं की जांच पूरी होने तक नए वाहनों के लॉन्च नहीं करने की सलाह दी गई.
इसके बाद भी ई-स्कूटर में आग लगने की कई घटनाएं सामने आईं हैं.
- शनिवार रात एक मई को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के निशातपुरा रहने वाले कॉन्स्टेबल की इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लग गई. बताया जा रहा कि चार्जिंग के दौरान स्कूटर में अचानक आग लग गई. कॉन्सटेबल राहुल ने दो महीने पहले ही स्कूटर खरीदा था.
- तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले में 30 अप्रैल को एक और ओकिनावा इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लग गई. कृष्णागिरी जिले के होसुर निवासी सतीश ने पिछले साल ओकिनावा का इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदा था. शनिवारसुबह सतीश अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर से ऑफिस के लिए निकले. कुछ ही देर में उन्होंने देखा कि सीट के नीचे से धुंआ निकल रहा है. सीट उठाने के तुरंत बाद, उन्होंने आग देखी और देखते ही देखते उनका स्कूटर धू-धू कर जल गया.
- कुछ दिन पहले 20 अप्रैल को तेलंगाना के निजामाबाद में प्योर के इलेक्ट्रिक बाइक की बैटरी फटने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हुए थे. बैटरी को चार्ज करते समय यह हादसा हुआ था. चार्ज करते समय इलेक्ट्रिक बाइक की बैटरी जोरदार धमाके के साथ फट गई थी.
- 23 अप्रैल को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में ई-स्कूटर की बैटरी में विस्फोट के कारण एक शख्स की मौत हो गई. 22 अप्रैल को बूम मोटर्स की इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने के बाद कोटाकोंडा शिवकुमार ने उसे पूरी रात के लिए चार्जिंग में लगा दिया था. चार्जिंग के दौरान बैटरी फट गई. झुलसने और दम घुटने से कोटाकोंडा शिवकुमार की मौत हो गई थी.
- 9 अप्रैल को नासिक में मुंबई-आगरा नेशनल हाइवे पर इलेक्ट्रिक स्कूटर ले जा रहे एक कंटेनर ट्रक में आग लग गई. हादसे में कंटेनर में रखे जितेंद्र इलेक्ट्रिक कंपनी के 20 इलेक्ट्रिक स्कूटर जलकर राख हो गए.
- 25 मार्च को तमिलनाडु के बेल्लोर में जार्चिंग के दौरान एक नई ई-स्कूटर में विस्फोट और आग लगने से पिता-पुत्री की दर्दनाक मौत हो गई थी. ई-स्कूटर को कमरे में चार्जिंग में लगाकर पिता पुत्री दोनों सो रहे थे. परिवार ने भी हाल ही में ई-स्कूटर खरीदा था.
- 26 मार्च को पुणे में ओला के S1 प्रो इलेक्ट्रिक स्कूटर में अचानक आग लग गई थी. ओला ने स्कूटर के इस मॉडल को 2021 में लॉन्च किया था. इसके बाद तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले में ओकीनावा के ई-स्कूटर में आग लगी थी. इसके अलावा 30 मार्च को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नै में प्योर कंपनी की ई-स्कूटर जलकर राख हो गई थी.
आग लगने के लिए कौन है जिम्मेदार : पहली नजर में ऐसी घटनाओं की जिम्मेदार चीन में निर्मित लिथियम-ऑयन बैटरियां हैं. इसके बाद मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट जैसे बैटरी में लीकेज और बाहरी डैमेज भी आग लगने का कारण बन सकती है. यूजर्स की असावधानी और अवेयरनेस में कमी से भी ई-वीइकल में आग लगती है. एक्सपर्ट मानते हैं कि कई बार लोग भीषण गर्मी और बारिश में लॉन्ग ड्राइव करने के तुरंत बाद स्कूटर को चार्जिंग में लगा देते हैं. ओवर चार्जिंग एक तरह से यह खतरे का दावत देने जैसा है. ई-स्कूटर का इस्तेमाल करने वालों को छोटी-छोटी सावधानियों पर ध्यान देना होगा. अनलिमिटेड टाइम तक गाड़ी को चार्ज करना भी अभी खतरे से खाली नहीं है. रोड ट्रांसपोर्ट और हाइवे मिनिस्ट्री ने कंपनियों से कहा है कि वह ई-स्कूटर बेचने के दौरान चार्जिंग सेफ्टी और आग की घटनाओं से बचने के लिए उपभोक्ताओं को जागरूक करें.
ई-वीइकल में लगी आग पर नहीं डालें पानी : आम तौर पर पानी डालने से आग बुझ जाती है, मगर इलेक्ट्रिक वाहन के मामले में ऐसा नहीं है. एक्सपर्टस का मानना है कि किसी भी परिस्थिति में इलेक्ट्रिक वाहनों में आग पर काबू पाने के लिए पानी का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. अब इसके कारण को समझें पानी के डालते ही इलेक्ट्रिक वाहनों की लिथियम-ऑयन बैटरियों में कार्बनिक-आधारित इलेक्ट्रोलाइट्स होने के कारण रासायनिक प्रतिक्रिया होने की आशंका बढ़ जाती है. पानी के साथ डालने पर हाइड्रोजन गैस और लिथियम हाइड्रोक्साइड निकलती है. हाइड्रोजन के कारण आग भड़क भी सकती है. अधिकतर इलेक्ट्रिक कार और बाइक में चीन में बनी लिथियम आयन बैटरी लगी होती है. चीन दुनिया में उपयोग होने वाली लिथियम-ऑयन बैटरी के निर्माण में 70 फीसदी की हिस्सेदारी रखता है. भारत की अधिकतर कंपनियां भी इलेक्ट्रिक वाहनों में चीन में बनी बैटरी लगाते हैं.
पानी न डालें तो उपाय क्या है ? : रेस एनर्जी के सीईओ अरुण श्रेयस की सलाह है कि इलेक्ट्रिक वीइकल में आग की लपटों को बुझाने के लिए पानी का इस्तेमाल करना खतरनाक है, इसलिए आग बुझाने के लिए एबीसी पाउडर का उपयोग करें. एबीसी पाउडर का छिड़काव ईवी बैटरी पर एक परत बनाता है, जिससे नुकसान को रोका जा सकता है. आर ई-वाहन बनाने वाली कंपनियों से इसकी जानकारी ले सकते हैं. यह देश के सभी शहरों में उपलब्ध है. देखने में यह ऑफिसों और बिल्डिंगों में लगाए गे पोर्टेबल फायर सिलेंडर जैसा दिखता है. यह ई-कॉमर्स वेबसाइट पर भी उपलब्ध है. इसकी कीमत 1000 रुपये प्रति 2 किलो पाउडर से शुरू होती है. आमतौर पर, पाउडर हल्के पीले रंग का होता है, जिसे मोनो अमोनियम फॉस्फेट के साथ मिलाया जाता है.
हैदराबाद के डिस्ट्रिक्ट फायर ऑफिसर श्रीनिवास रेड्डी का कहना है कि अभी तक इलेक्ट्रिक वाहनों में लगी आग के कारणों का विश्लेषण नहीं किया गया है. सेफ्टी की जांच की जा रही है. सरकार और कंपनियां भी इसकी स्टडी कर रही है मगर एसीबी पाउडर का इस्तेमाल आग लगने पर किया जा सकता है. यदि एबीसी पाउडर उपलब्ध नहीं है तो सूखी रेत को आग पर फेंका जा सकता है। गीली रेत का प्रयोग नहीं करना चाहिए. पानी तो हरगिज नहीं.
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