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डब्ल्यूएचओ ने कोरोना से निबटने में असम सरकार के प्रयासों को सराहा - विश्व स्वास्थ्य संगठन

कोरोना महामारी ने निबटने में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने असम सरकार की कोशिशों की सराहना की है. संगठन का कहना है कि राज्य ने वायरस का पता लगाने, आइसोलेशन, उपचार और इसके फैलने के तरीके को समझते हुए तीव्र प्रतिक्रिया दी.

डब्ल्यूएचओ ने कोरोना से निबटने में असम सरकार के प्रयासों को सराहा
डब्ल्यूएचओ ने कोरोना से निबटने में असम सरकार के प्रयासों को सराहा
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Published : Dec 16, 2020, 7:45 PM IST

नई दिल्ली : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ने के असम सरकार के प्रयासों की सराहना की है. डब्ल्यूएचओ ने बयान जारी कर कहा कि असम ने कोरोना की भारी चुनौतियों से निबटने के भरसक प्रयास किए. वहां के अधिकारियों ने समुदायों की जरूरतों के मद्देनजर एक मजबूत सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) दृष्टिकोण के महत्व को मान्यता दी.

संगठन ने कहा कि संकट के समय में पीएचसी समुदाय को संलग्न करने और सेवा को अधिक सुलभ बनाने के लिए एक ठोस तरीका है. यह यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (UHC) प्राप्त करने और सभी के लिए स्वास्थ्य सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि असम ने वायरस का पता लगाने, आइसोलेशन, उपचार और इसके फैलने के तरीके को समझते हुए तीव्र प्रतिक्रिया दी.

यूएचसी भागीदारी कार्यक्रम के माध्यम से वैश्विक स्वास्थ्य प्रहरी, पहले से ही असम राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, जब कोरोना महामारी ने राज्य भर में पीएचसी केंद्रों को मजबूत किया.

वर्तमान में असम में 3540 सक्रिय मामले हैं, जबकि 2,10,401 लोग पहले ही कोविड-19 बीमारी से ठीक हो चुके हैं. राज्य में, अब तक 1004 मौतें दर्ज की गईं हैं.

उल्लेखनीय है कि सात मई से एक महीने के लिए सरकार ने सभी 28,000 गांवों में असम सामुदायिक निगरानी योजना का सख्ती से निरीक्षण किया.

डब्ल्यूएचओ ने कहा, 'सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं या मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने संभावित मामलों की सूची बनाने के लिए डोर-टू-डोर दौरा किया और उन्हें टीम के सदस्यों के साथ जोड़ने के लिए अगले दिन स्क्रीनिंग भी की.

गौरतलब है कि स्क्रीनिंग की पहल की सफलता के बाद, राज्य सरकार ने दूसरे चरण में कदम रखा.

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि गहन परीक्षण ने कई कोरोना रोगियों की पहचान करने में मदद की. इससे समय पर रोगियों का उपचार और उनका अलगाव करना संभव हो सका. साथ ही वायरस को फैलने से रोकने में भी मदद मिली.

आपको बता दें कि डब्ल्यूएचओ कई सरकारी समितियों में भाग लेता है, जो असम में स्वास्थ्य नीति और कार्यान्वयन मामलों की देखरेख करती है.

यह भी पढ़ें : मलेरिया मामले में दूसरे देशों की तुलना में भारत सबसे बेहतर स्थिति मेंः डब्ल्यूएचओ

डब्ल्यूएचओ के कुछ प्रत्यक्ष हस्तक्षेप में मानक संचालन प्रक्रियाओं का विकास और विभिन्न पहलों पर मार्गदर्शन शामिल हैं.

असम के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिसाइल (एनएचएम) के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. दीपज्योति डेका ने कहा कि डब्ल्यूएचओ असम में स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने और यूएचसी के लक्ष्यों को पूरा तकनीकी सहायता का विस्तार कर रहा है. कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से, डब्ल्यूएचओ गुणवत्ता स्वास्थ्य देखभाल देने के लिए विभिन्न स्वास्थ्य पहलों में राज्य का समर्थन कर रहा है. डब्ल्यूएचओ का समय पर समर्थन राज्य के लिए अत्यधिक उपयोगी साबित हुआ है.

दिलचस्प बात यह है कि असम सरकार ने एक जनवरी से कोविड 19 महामारी के कारण राज्य में लगाए गए सभी शैक्षणिक प्रतिबंधों को वापस लेने का भी फैसला किया है.

नई दिल्ली : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ने के असम सरकार के प्रयासों की सराहना की है. डब्ल्यूएचओ ने बयान जारी कर कहा कि असम ने कोरोना की भारी चुनौतियों से निबटने के भरसक प्रयास किए. वहां के अधिकारियों ने समुदायों की जरूरतों के मद्देनजर एक मजबूत सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) दृष्टिकोण के महत्व को मान्यता दी.

संगठन ने कहा कि संकट के समय में पीएचसी समुदाय को संलग्न करने और सेवा को अधिक सुलभ बनाने के लिए एक ठोस तरीका है. यह यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (UHC) प्राप्त करने और सभी के लिए स्वास्थ्य सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि असम ने वायरस का पता लगाने, आइसोलेशन, उपचार और इसके फैलने के तरीके को समझते हुए तीव्र प्रतिक्रिया दी.

यूएचसी भागीदारी कार्यक्रम के माध्यम से वैश्विक स्वास्थ्य प्रहरी, पहले से ही असम राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, जब कोरोना महामारी ने राज्य भर में पीएचसी केंद्रों को मजबूत किया.

वर्तमान में असम में 3540 सक्रिय मामले हैं, जबकि 2,10,401 लोग पहले ही कोविड-19 बीमारी से ठीक हो चुके हैं. राज्य में, अब तक 1004 मौतें दर्ज की गईं हैं.

उल्लेखनीय है कि सात मई से एक महीने के लिए सरकार ने सभी 28,000 गांवों में असम सामुदायिक निगरानी योजना का सख्ती से निरीक्षण किया.

डब्ल्यूएचओ ने कहा, 'सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं या मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने संभावित मामलों की सूची बनाने के लिए डोर-टू-डोर दौरा किया और उन्हें टीम के सदस्यों के साथ जोड़ने के लिए अगले दिन स्क्रीनिंग भी की.

गौरतलब है कि स्क्रीनिंग की पहल की सफलता के बाद, राज्य सरकार ने दूसरे चरण में कदम रखा.

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि गहन परीक्षण ने कई कोरोना रोगियों की पहचान करने में मदद की. इससे समय पर रोगियों का उपचार और उनका अलगाव करना संभव हो सका. साथ ही वायरस को फैलने से रोकने में भी मदद मिली.

आपको बता दें कि डब्ल्यूएचओ कई सरकारी समितियों में भाग लेता है, जो असम में स्वास्थ्य नीति और कार्यान्वयन मामलों की देखरेख करती है.

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डब्ल्यूएचओ के कुछ प्रत्यक्ष हस्तक्षेप में मानक संचालन प्रक्रियाओं का विकास और विभिन्न पहलों पर मार्गदर्शन शामिल हैं.

असम के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिसाइल (एनएचएम) के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. दीपज्योति डेका ने कहा कि डब्ल्यूएचओ असम में स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने और यूएचसी के लक्ष्यों को पूरा तकनीकी सहायता का विस्तार कर रहा है. कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से, डब्ल्यूएचओ गुणवत्ता स्वास्थ्य देखभाल देने के लिए विभिन्न स्वास्थ्य पहलों में राज्य का समर्थन कर रहा है. डब्ल्यूएचओ का समय पर समर्थन राज्य के लिए अत्यधिक उपयोगी साबित हुआ है.

दिलचस्प बात यह है कि असम सरकार ने एक जनवरी से कोविड 19 महामारी के कारण राज्य में लगाए गए सभी शैक्षणिक प्रतिबंधों को वापस लेने का भी फैसला किया है.

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