हैदराबाद: अरूसा आलम, बीते दो दिन से पंजाब की सियासत में इस नाम की चर्चा है. इस नाम के सहारे कांग्रेस से अलग हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह पर पंजाब की कांग्रेस सरकार के मंत्री निशाना साध रहे हैं. कैप्टन पर वार हुआ तो पलटवार भी उसी अंदाज़ में हुआ. लेकिन सवाल है कि आखिर कौन है ये अरूसा आलम और अमरिंदर सिंह को कभी उनके अपने रहे नेता ही क्यों घेर रहे हैं ?
कौन है अरूसा आलम ?
अरूसा आलम पाकिस्तान की पत्रकार हैं, जो रक्षा संबंधी मामले देखती हैं. भारत में उनकी पहचान पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की महिला मित्र के रूप में रही है. अरूसा शादीशुदा हैं और उनके दो बच्चे हैं. अरूसा की मां अकलीन अख्तर (Akleen Akhtar)1970 के दशक में पाकिस्तान की राजनीति में सक्रिय रहीं. उन्हें सैन्य प्रतिष्ठानों का बहुत करीबी माना जाता था, जिसके चलते उन्हें 'जनरल रानी' कहा जाता था. अरूसा को अपनी मां से ही सैन्य नेटवर्क विरासत में मिला, यही वजह रही कि जब वो पत्रकार बनीं तो उन्होंने रक्षा क्षेत्र से जुड़े मामलों की रिपोर्टिंग चुनी.
अरूसा आलम ने लंबे वक्त तक पाकिस्तानी सेना से जुड़े मामलों की रिपोर्टिंग की. पाकिस्तान में वो अगस्ता-90बी पनडुब्बी सौदों का खुलासा करने के लिए जानी जाती हैं. उन्होंने इन सौदों को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की जिसकी बदौलत 1997 में पाकिस्तान के तत्कालीन नौसेना प्रमुख मंसूरुल हक (Mansurul Haq) की गिरफ्तारी हुई.
हमेशा चर्चाओं में रही है कैप्टन और अरूसा की करीबी
कैप्टन अमरिंदर सिंह 2004 में जब पाकिस्तान गए थे तब अरूसा से उनकी पहली मुलाकात हुई थी. उसके बाद दोनों में दोस्ती हो गई और मुलाकातों का सिलसिला भी चल निकला. अरूसा कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिलने के लिए पाकिस्तान से भारत आती रही. दोनों की दोस्ती और मिलने की खबरें अखबारों और टीवी की सुर्खियां बनने लगीं. साल 2007 में जब अरूसा और कैप्टन अमरिंदर सिंह को कई बार एक साथ देखा गया तो भारत से लेकर पाकिस्तानी मीडिया तक इसकी चर्चा होने लगी.
साल 2017 में कैप्टन अमरिंदर सिंह दूसरी बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने तो उनके शपथ ग्रहण समारोह में भी अरूसा आलम ने शिरकत की थी. अरूसा आलम ने इस समारोह में वीवीआईपी के तौर पर मौजूद रहीं थी.
जब उड़ी थी दोनों के अफेयर्स की ख़बरें
साल 2007 में अमरिंदर सिंह और अरूसा की मुलाकात ने खूब सुर्खियां बटोंरी थी. उस वक्त मीडिया में दोनों के अफेयर्स की खबरें भी चल रहीं थीं. तब चंडीगढ़ में मीडिया के साथ इन अफवाहों को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि वो दोनों अच्छे दोस्त हैं और हमेशा रहेंगे. हालांकि उसके बाद भी दोनों की मुलाकात ने हमेशा चर्चा में बनी रही.
पटियाला से दूर चंडीगढ़ से करीब
कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री रहते हुए अरूसा आलम का जब भी भारत आना हुआ है तो उनका आना-जाना सिर्फ चंडीगढ़ में सीएम आवास पर ही रहा है. वो पटियाला जाने से बचती रही हैं, बता दें कि अमरिंदर सिंह का घर पटियाला में है और कहा जाता है कि रूसा आलम के साथ कैप्टन अमरिंदर सिंह का नाम जुड़ना परिवार को रास नहीं आता है.
शिमला में मना था अरूसा का जन्मदिन
21 मई को अरूसा आलम का जन्मदिन होता है. साल 2017 में अरूसा आलम ने अपना जन्मदिन भारत में मनाया था. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से कुछ किलोमीटर दूर मशोबरा स्थित फरीदकोट हाउस में अरूसा आलम का जन्मदिन मनाया गया था. इस दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह भी मौजूद थे, याद रहे कि उस वक्त वो दूसरी बार पंजाब के मुख्यमंत्री बन चुके थे. ये खबर भी उस दौरान मीडिया में छाई थी. अरूसा के जन्मदिन की पार्टी में अमरिंदर सिंह के कुछ खास दोस्त ही शामिल हुए थे.
कैप्टन की बायोग्राफी में अरूसा पर एक चैप्टर
कैप्टन अमरिंदर सिंह की बायोग्राफी 'कैप्टन अमरिंदर सिंह : द पीपल्स महाराजा' में भी दोनों के रिश्ते पर एक चैप्टर है. इमसें अरूसा ने कहा है कि अमरिंदर के साथ उनकी दोस्ती खूबसूरत है। लंबे समय तक चलेगी और उन्हें इस रिश्ते पर गर्व है। अरूसा कैप्टन को महाराज साहिब बुलाती हैं.
अरूसा को लेकर कई बार उठे सवाल
अरूसा आलम और कैप्टन अमरिंदर सिंह की हर मुलाकात के बाद चर्चाएं होती रहीं और विवाद भी, समय-समय पर पंजाब की राजनीति में उनका नाम आता रहता है. 2018 में वरिष्ठ पत्रकार सीमा मुस्तफा ने उन्हें पंजाब की पहली महिला (first lady) बताकर उन्हें सीधे-सीधे अमरिंदर सिंह के साथ जोड़ा था. वहीं लेखिका सोभा डे ने अरूसा को कैप्टन का लिव-इन-पार्टनर बताया था और आम आदमी पार्टी के नाते सुखपाल खैरा ने भी उनके चंडीगढ़ आवास पर रहने को लेकर सवाल उठाए थे.
कैप्टन की पत्नी ने रिश्ते पर कभी कुछ नहीं बोला
कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परणीत कौर उसी पटियाला लोकसभा सीट से सांसद हैं जिससे कभी कैप्टन अमरिंदर सिंह लोकसभा पहुंचे थे. मनमोहन सिंह की सरकार में परणीत कौर विदेश राज्य मंत्री भी रह चुकी हैं. 2014 में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पटियाला शहर से विधायक रहते हैं लोकसभा चुनाव लड़ा और जीतने के बाद उसी विधानसभा सीट से जीत हासिल कर परणीत कौर पंजाब विधानसभा पहुंची. कैप्टन अमरिंदर सिंह और अरूसा आलम को लेकर मीडिया भी जितनी भी बातें होती रही हों लेकिन परणीत कौर ने इस मसले पर कभी कुछ भी नहीं बोला.
फिलहाल क्यों सुर्खियों में है अरूसा का नाम ?
दरअसल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अमरिंदर सिंह बागी रुख अपनाते हुए अपनी अलग पार्टी बनाने का ऐलान कर चुके हैं. इसके बाद से ही उनका और पंजाब कांग्रेस के बीच जैसे छत्तीस का आंकड़ा हो गया है. पंजाब सरकार के मंत्री और नेता कैप्टन अमरिंदर पर लगातार हमलावर हैं. एक- दूसरे पर वार-पलटवार जारी है लेकिन शुक्रवार को इस विवाद में पाकिस्तानी पत्रकार अरूसा आलम का नाम भी जुड़ गया. पंजाब के डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा ने कहा 'वे अब कह रहे हैं कि यहां आईएसआई का खतरा है। हम इसमें महिला के कनेक्शन की जांच करेंगे. कैप्टन पिछले साढ़े चार साल से पाकिस्तान से आ रहे ड्रोन का मुद्दा उठाते रहे हैं'. पंजाब के डीजीपी को बकायदा इसकी जांच के लिए कह दिया गया अरूसा आलम के आईएसआई के साथ क्या लिंक है?
दरअसल कैप्टन पहले से पाकिस्तान को लेकर हमलावर होते रहे हैं, इस बीच सिद्धू के पाकिस्तान प्रेम को लेकर भी वो निशाने साधते रहे हैं. अब जब अरूसा आलम को लेकर वार हुआ तो कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी पलटवार करते हुए ट्वीट किया कि. ‘सुखजिंदर आप मेरी कैबिनेट में मंत्री थे, आपको कभी अरूसा आलम के बारे में शिकायत करते नहीं सुना, वह 16 सालों से भारत सरकार की मंजूरी लेकर आती रही हैं, आप एनडीए और कांग्रेस की अगुआई वाली यूपीए सरकार पर भी पाकिस्तान की आईएसआई से मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं’
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अमरिंदर सिंह ने कहा कि "मुझे इस बात की चिंता है कि जब आतंकवाद का ख़तरा ज़्यादा है और त्योहार नज़दीक हैं, तब क़ानून और व्यवस्था बनाए रखने पर ध्यान देने की बजाय आपने पंजाब की सुरक्षा की क़ीमत पर डीजीपी को आधारहीन जाँच में लगा दिया है." इस तरह से दोनों तरफ से आरुसा को लेकर जमकर बयानबाजी हुई. आखिर में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अरूसा की वो तस्वीर ट्वीट की जिसमें वो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से हाथ मिलाती हुई दिख रही हैं. जिसके बाद फिलहाल ट्विटर पर ये सियासी जंग थम गई गई है.
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