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Papalpreet Singh: कौन है अमृतपाल सिंह का करीबी पपलप्रीत सिंह, क्यों कहा जाता है उसे अमृतपाल का सबसे बड़ा राजदार

अमृतसर के कठूनांगल से गिरफ्तार अमृतपाल सिंह का साथी पपलप्रीत सिंह एक बार फिर चर्चा में है. पपलप्रीत सिंह को अमृतपाल का विश्वासपात्र भी कहा जाता है.

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Published : Apr 10, 2023, 11:06 PM IST

चंडीगढ़: पपलप्रीत सिंह, वह नाम है जिसने अमृतपाल सिंह का साथ सबसे ज्यादा दिया है. अमृतपाल के साथी पपलप्रीत सिंह को अमृतपाल के बाकी साथियों से ज्यादा खास बताया गया है. दोनों की विचारधारा भी एक ही है. अमृतपाल का यह खास दोस्त अमृतसर के कठूनांगल से पुलिस की गिरफ्त में है. इतना तो साफ है कि भागने के बाद अमृतपाल सिंह के साथ पपलप्रीत सिंह की जो भी फोटो वायरल हुई, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पपलप्रीत सिंह अमृतपाल सिंह के सबसे करीबीयों में से एक है.

जिस दिन से अमृतपाल सिंह दुबई से पंजाब लौटे हैं, अमृतपाल सिंह के साथ कई विवाद जुड़े रहे हैं. अमृतपाल सिंह के अलगाववादी भाषणों के समर्थन में प्रतिक्रियाएं भी आती रही हैं. लेकिन अमृतपाल सिंह के फरार होने के बाद और अब उनकी गिरफ्तारी की खबर से जो नाम फिर से सुर्खियां बटोर रहा है, उसकी अपनी एक अलग पहचान है.

किसान परिवार से संबंध: दरअसल, 40 साल के पपलप्रीत सिंह किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. पपलप्रीत के एक्टिविस्ट बनने की शुरुआत साल 2007 में कुछ खास घटनाओं के बाद हुई बताई जाती है. ये वो साल हैं जब पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में जगतार सिंह हवारा और बलवंत सिंह राजोआना को मौत की सजा सुनाई गई थी. उसी वर्ष, अकाल तख्त ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को ईशनिंदा के एक मामले में क्षमा कर दिया.

2015 का सरबत खालसा: पपलप्रीत सिंह लगातार सजा पूरी कर चुके सिख कैदियों की रिहाई की वकालत करते रहे हैं. ये कैदी 1990 से जेल में हैं. पपलप्रीत सिंह 2015 के सरबत खालसा के बाद उभरे. 2016 में, पपलप्रीत सिंह अमृतसर में सिमरनजीत सिंह मान की शिरोमणि अकाली दल में शामिल हो गए. उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में बरनाला से सिमरनजीत सिंह मान के लिए जमकर प्रचार किया था. हालांकि, मान ने इस चुनाव में खराब प्रदर्शन किया और उन्हें इस सीट पर चार फीसदी से भी कम वोट मिले. इसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया.

अमृतपाल सिंह को समर्पित सोशल मीडिया मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो पपलप्रीत एक आजाद इंसान है. इसके चाहने वालों की कमी नहीं है. उनका प्रोफाइल भारत में प्रतिबंधित है. कई वीडियो में पपलप्रीत सिंह मारे गए उग्रवादियों के परिवारों, खालिस्तान समर्थकों और बुद्धिजीवियों से बातचीत करते दिखते हैं. हालांकि पपलप्रीत सिंह का इंस्टाग्राम पिछले साल से अमृतपाल सिंह को समर्पित है.

गौरतलब है कि 2016 में एक इंटरव्यू में पपलप्रीत सिंह ने कहा था कि उनकी मुख्य प्रेरणा खालिस्तान के भिंडरावाला टाइगर फोर्स के संस्थापक गुरबचन सिंह मनोचल हैं. यह भी कहा गया है कि वास्तव में अमृतपाल सिंह और पपलप्रीत सिंह ने सरकार के खिलाफ बगावती साजिश रची थी. मीडिया में भी यह दावा किया गया है.

ये भी पढ़ें: Amritpal Singh Case: पपलप्रीत सिंह की गिरफ्तारी के बाद मीडिया के सामने आया उसका परिवार, मां बोली- मेरा बेटा बेकसूर

चंडीगढ़: पपलप्रीत सिंह, वह नाम है जिसने अमृतपाल सिंह का साथ सबसे ज्यादा दिया है. अमृतपाल के साथी पपलप्रीत सिंह को अमृतपाल के बाकी साथियों से ज्यादा खास बताया गया है. दोनों की विचारधारा भी एक ही है. अमृतपाल का यह खास दोस्त अमृतसर के कठूनांगल से पुलिस की गिरफ्त में है. इतना तो साफ है कि भागने के बाद अमृतपाल सिंह के साथ पपलप्रीत सिंह की जो भी फोटो वायरल हुई, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पपलप्रीत सिंह अमृतपाल सिंह के सबसे करीबीयों में से एक है.

जिस दिन से अमृतपाल सिंह दुबई से पंजाब लौटे हैं, अमृतपाल सिंह के साथ कई विवाद जुड़े रहे हैं. अमृतपाल सिंह के अलगाववादी भाषणों के समर्थन में प्रतिक्रियाएं भी आती रही हैं. लेकिन अमृतपाल सिंह के फरार होने के बाद और अब उनकी गिरफ्तारी की खबर से जो नाम फिर से सुर्खियां बटोर रहा है, उसकी अपनी एक अलग पहचान है.

किसान परिवार से संबंध: दरअसल, 40 साल के पपलप्रीत सिंह किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. पपलप्रीत के एक्टिविस्ट बनने की शुरुआत साल 2007 में कुछ खास घटनाओं के बाद हुई बताई जाती है. ये वो साल हैं जब पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में जगतार सिंह हवारा और बलवंत सिंह राजोआना को मौत की सजा सुनाई गई थी. उसी वर्ष, अकाल तख्त ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को ईशनिंदा के एक मामले में क्षमा कर दिया.

2015 का सरबत खालसा: पपलप्रीत सिंह लगातार सजा पूरी कर चुके सिख कैदियों की रिहाई की वकालत करते रहे हैं. ये कैदी 1990 से जेल में हैं. पपलप्रीत सिंह 2015 के सरबत खालसा के बाद उभरे. 2016 में, पपलप्रीत सिंह अमृतसर में सिमरनजीत सिंह मान की शिरोमणि अकाली दल में शामिल हो गए. उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में बरनाला से सिमरनजीत सिंह मान के लिए जमकर प्रचार किया था. हालांकि, मान ने इस चुनाव में खराब प्रदर्शन किया और उन्हें इस सीट पर चार फीसदी से भी कम वोट मिले. इसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया.

अमृतपाल सिंह को समर्पित सोशल मीडिया मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो पपलप्रीत एक आजाद इंसान है. इसके चाहने वालों की कमी नहीं है. उनका प्रोफाइल भारत में प्रतिबंधित है. कई वीडियो में पपलप्रीत सिंह मारे गए उग्रवादियों के परिवारों, खालिस्तान समर्थकों और बुद्धिजीवियों से बातचीत करते दिखते हैं. हालांकि पपलप्रीत सिंह का इंस्टाग्राम पिछले साल से अमृतपाल सिंह को समर्पित है.

गौरतलब है कि 2016 में एक इंटरव्यू में पपलप्रीत सिंह ने कहा था कि उनकी मुख्य प्रेरणा खालिस्तान के भिंडरावाला टाइगर फोर्स के संस्थापक गुरबचन सिंह मनोचल हैं. यह भी कहा गया है कि वास्तव में अमृतपाल सिंह और पपलप्रीत सिंह ने सरकार के खिलाफ बगावती साजिश रची थी. मीडिया में भी यह दावा किया गया है.

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