गोपालगंज : नादान बच्चे जब भी कोई नयी जीज पाते हैं तो कौतूहल वश उसे अपनी प्रवृत्ति के मुताबिक मुंह में डाल लेते हैं, ये बच्चों की फितरत है. ऐसे में अक्सर ये सुनने को मिलता है कि अमूक बच्चे ने सिक्का निगल लिया तो कहीं बोतल का ढक्कन गले में फंस गया. ताजा मामला बिहार में गोपालगंज के माझागढ़ थाना क्षेत्र का है, जहां छवही तक्की गांव के रहने वाले बच्चे ने सीटी निगल ली है. नतीजा ये हुआ कि उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. सीटी न तो बाहर आ रही थी और न ही पेट में जा पा रही है. सीटी गले में अटक कर रह गई. खास बात ये है कि जब बच्चा सांस ले रहा था तो सीटी बज रही थी. जिससे परिजनों को यकीन हो गया कि गले में सीटी अटकी हुई है.
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बच्चे के गले में अटकी सीटी : बच्चे की ये दशा देखकर परिजन हैरान परेशान थे. उसे तुरंत गोपालगंज सदर अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां डॉक्टरों ने उसे इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया. डॉक्टर्स ने जांच के बाद परिजनों से पूछा कि सीटी कैसे अटकी? तो उन्होंने बताया कि '' मेरा बेटा बच्चों के साथ सीटी बजाकर खेल रहा था, तभी सीटी हाथ से फिसलकर गले में अटक गई. सांस के रास्ते में सीटी के फंसे होने से दिक्कत आ रही है, सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है.''
ऐसे हुआ चमत्कार : गोपलगंज सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने काफी जुगत लगाई लेकिन जब सीटी नहीं निकली तो उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया. डॉक्टर्स को फेल होता देख परिजन भी घबरा गए. उसे एक निजी नर्सिंग होम लेकर गए जहां प्राइवेट स्वास्थ्य कर्मी राजकुमार ने कैथेटर की मदद से उसके गले में अटकी सीटी को सही सलामत बाहर निकाल दिया. सीटी के बाहर आते ही बच्चे और परिजनों ने राहत की सांस ली.
सावधान रहें परिजन ! : ये घटना चेतावनी है उन बच्चों के लिए जो अनायास ही हर सामान मुंह में डाल लेते हैं. अगर किसी के साथ कोई ऐसा हादसा हो जाए तो क्या होगा? गनीमत रही कि गोलू के गले का ऑपरेशन नहीं करना पड़ा, और सीटी किसी तरह बाहर निकल गई. नहीं तो आगे चलकर बड़ी दिक्कतें पेश आतीं. परिजनों को भी इस बात का ध्यान देना चाहिए कि बच्चों को निगलने वाली हर चीज़ से दूर रखें.