नई दिल्ली : सरकार ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय विद्यालय (केवी) खोलना एक सतत प्रक्रिया है, इन्हें मानकों के आधार पर खोला जाता है और यह कहना गलत है कि भारत सरकार इन विद्यालयों को नहीं खोलना चाहती है. लोकसभा में केंद्रीय विद्यालय खोलने को लेकर कुछ सदस्यों के सवालों के जवाब में शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यह बात कही.
प्रधान ने कहा कि मैं बहुत जिम्मेदारी के साथ कहना चाहता हूं कि केंद्रीय विद्यालय स्थापित करने के संबंध में क्षेत्रवार लंबित मुद्दों और केंद्रीय विद्यालय संगठन के रूख के बारे में लिखित में सदस्यों को अवगत कराऊंगा. उन्होंने कहा कि इस विषय पर कुछ विसंगतियां हैं लेकिन यह कहना अनुचित है कि भारत सरकार केंद्रीय विद्यालय नहीं खोलना चाहती है.
मंत्री ने कहा कि हम मानकों के आधार पर इन्हें खोलना चाहते हैं. हर बार दो-तीन साल पर एक बैच निकलता है. लगभग हर जिले में केवी खुले हैं. उन्होंने कहा कि हमें यह समझना होगा कि बच्चों की पढ़ाई की संवैधानिक व्यवस्था में इन विद्यालयों में केंद्रीय कर्मचारियों के बच्चों को पढ़ाने की व्यवस्था है.
एक प्रश्न के लिखित उत्तर में शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि पूरे देश में एक समान शिक्षा प्रदान करने हेतु रक्षा, अर्द्धसैनिक कर्मियों, केंद्रीय स्वायत्त निकायों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, केंद्रीय उच्च शिक्षण संस्थान सहित केंद्र सरकार के कर्मियों के बच्चों की शैक्षिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय विद्यालय खोले जाते हैं.
उन्होंने कहा कि नये केंद्रीय विद्यालय खोलने के प्रस्तावों पर तभी विचार किया जाता है जब भारत सरकार के मंत्रालयों एवं विभागों / राज्य सरकारों एवं संघ राज्य क्षेत्र के प्रशासनों द्वारा प्रायोजित किया जाता है तथा नया केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिये संसाधनों की प्रतिबद्धता व्यक्त की जाती है. मंत्री ने कहा कि राज्य/क्षेत्र/जिले के आधार पर केंद्रीय विद्यालय नहीं खोले जाते हैं.
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