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माइक्रो डोनेशन अभियान से बीजेपी को क्या मिल रहा संकेत?

विश्व की सबसे बड़ी पार्टी (worlds biggest party) होने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी को लगभग 3 महीने में अपने कार्यकर्ताओं, पार्टी नेताओं और पदाधिकारियों से मात्र एक करोड़ का ही चंदा मिल पाया है. जबकि एनआरआई द्वारा मिलने वाले चंदे में अभी भी पार्टी सबसे ज्यादा डोनेशन पाती है. ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट.

micro donation campaign
माइक्रो डोनेशन अभियान
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Published : Feb 5, 2022, 8:36 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी ने माइक्रो डोनेशन अभियान (BJP micro donation campaign) की शुरुआत दिसंबर में की थी. जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री ने पार्टी को ₹1000 पार्टी फंड में दान देते हुए किया था. इसके बाद तमाम केंद्रीय मंत्रियों ने पार्टी फंड में डोनेशन देने के बाद उसके स्क्रीनशॉट अपने अपने टि्वटर हैंडल पर डाले थे. ताकि देश भर में ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ता और पदाधिकारी पार्टी फंड में दान कर सकें और उन्हें उत्साहित किया जा सके.

यह अभियान जनसंघ के नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि 11 फरवरी तक चलना है. दिसंबर से शुरू हुए इस अभियान में पिछले मंगलवार तक मात्र एक करोड़ ही जमा हो पाए थे. पार्टी के विश्वास्त सूत्र ने बताया कि मंगलवार को पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ की गई वर्चुअल बैठक में इस बात को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा ने चिंता जताई. उन्होंने नेताओं और पदधिकार्यों को ज्यादा से ज्यादा सदस्य बनाने और उन्हें पार्टी से जोड़ने का अभियान चलाने की नसीहत दी है.

पार्टी ने इस माइक्रो डोनेशन अभियान के तहत कम से कम ₹5 पार्टी फंड में देय राशि तय की थी और पिछले मंगलवार को पार्टी की हुई वर्चुअल बैठक में पार्टी अध्यक्ष को बताया गया कि पार्टी फंड में अब तक मात्र ₹10000000 ही जमा हुए हैं. यह अभियान 11 फरवरी तक यानी और सिर्फ 6 दिनों तक ही चलना है. ऐसे में अंदर खाने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में पार्टी के प्रति सदस्यों की घटती रुचि और लोकप्रियता को देखते हुए इसे प्रधानमंत्री की लोकप्रियता से भी जोड़ कर देखा जा रहा है, जो पार्टी के लिए चिंता का सबब है.

पांच राज्यों का चुनाव चल रहा है और 2 साल बाद 2024 में लोकसभा चुनाव है. उससे पहले कई राज्यों में पार्टी को भाग्य आजमाना है. ऐसे में 2014 से तुलना करके देखा जाए तो यह डोनेशन अभियान एक संकेत दे रहा है कि पार्टी के नेताओं और प्रधानमंत्री की विश्वसनीयता को लेकर लोगों में विश्वास कम हुआ है और इसे ही लेकर पार्टी फिर से सदस्यता अभियान की शुरुआत करने जा रही है. बीजेपी के 18 करोड़ कार्यकर्ता हैं और पार्टी फंड में यह डोनेशन कार्यकर्ताओं से ही मांगे गए थे.

यह भी पढ़ें- 'स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी' संत रामानुजाचार्यजी के ज्ञान, वैराग्य और आदर्शों की प्रतीक : PM मोदी

इस संबंध में नाम न लेने की शर्त पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव का कहना है कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसमें ऐसी कोई नाराजगी नहीं जताई बल्कि उन्होंने इस अभियान पर सभी को ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इससे पार्टी की लोकप्रियता या प्रधानमंत्री की लोकप्रियता से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह माइक्रो डोनेशन अभियान है और इसमें किसी को भी प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता है. इसमें देय राशि भी मात्र ₹5 ही तय की गई थी ताकि आम जनों को कोई भार ना पड़े इसीलिए यह राशि बहुत कम नहीं आंकी जा सकती. उन्होंने ये भी कहा कि अभी 6 दिन और बाकी हैं जिसमें और भी डोनेशन आएगा.

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी ने माइक्रो डोनेशन अभियान (BJP micro donation campaign) की शुरुआत दिसंबर में की थी. जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री ने पार्टी को ₹1000 पार्टी फंड में दान देते हुए किया था. इसके बाद तमाम केंद्रीय मंत्रियों ने पार्टी फंड में डोनेशन देने के बाद उसके स्क्रीनशॉट अपने अपने टि्वटर हैंडल पर डाले थे. ताकि देश भर में ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ता और पदाधिकारी पार्टी फंड में दान कर सकें और उन्हें उत्साहित किया जा सके.

यह अभियान जनसंघ के नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि 11 फरवरी तक चलना है. दिसंबर से शुरू हुए इस अभियान में पिछले मंगलवार तक मात्र एक करोड़ ही जमा हो पाए थे. पार्टी के विश्वास्त सूत्र ने बताया कि मंगलवार को पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ की गई वर्चुअल बैठक में इस बात को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा ने चिंता जताई. उन्होंने नेताओं और पदधिकार्यों को ज्यादा से ज्यादा सदस्य बनाने और उन्हें पार्टी से जोड़ने का अभियान चलाने की नसीहत दी है.

पार्टी ने इस माइक्रो डोनेशन अभियान के तहत कम से कम ₹5 पार्टी फंड में देय राशि तय की थी और पिछले मंगलवार को पार्टी की हुई वर्चुअल बैठक में पार्टी अध्यक्ष को बताया गया कि पार्टी फंड में अब तक मात्र ₹10000000 ही जमा हुए हैं. यह अभियान 11 फरवरी तक यानी और सिर्फ 6 दिनों तक ही चलना है. ऐसे में अंदर खाने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में पार्टी के प्रति सदस्यों की घटती रुचि और लोकप्रियता को देखते हुए इसे प्रधानमंत्री की लोकप्रियता से भी जोड़ कर देखा जा रहा है, जो पार्टी के लिए चिंता का सबब है.

पांच राज्यों का चुनाव चल रहा है और 2 साल बाद 2024 में लोकसभा चुनाव है. उससे पहले कई राज्यों में पार्टी को भाग्य आजमाना है. ऐसे में 2014 से तुलना करके देखा जाए तो यह डोनेशन अभियान एक संकेत दे रहा है कि पार्टी के नेताओं और प्रधानमंत्री की विश्वसनीयता को लेकर लोगों में विश्वास कम हुआ है और इसे ही लेकर पार्टी फिर से सदस्यता अभियान की शुरुआत करने जा रही है. बीजेपी के 18 करोड़ कार्यकर्ता हैं और पार्टी फंड में यह डोनेशन कार्यकर्ताओं से ही मांगे गए थे.

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इस संबंध में नाम न लेने की शर्त पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव का कहना है कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसमें ऐसी कोई नाराजगी नहीं जताई बल्कि उन्होंने इस अभियान पर सभी को ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इससे पार्टी की लोकप्रियता या प्रधानमंत्री की लोकप्रियता से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह माइक्रो डोनेशन अभियान है और इसमें किसी को भी प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता है. इसमें देय राशि भी मात्र ₹5 ही तय की गई थी ताकि आम जनों को कोई भार ना पड़े इसीलिए यह राशि बहुत कम नहीं आंकी जा सकती. उन्होंने ये भी कहा कि अभी 6 दिन और बाकी हैं जिसमें और भी डोनेशन आएगा.

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