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G20 Summit: जयराम ने PM Modi के पहले जी20 भाषण का किया जिक्र, बोले- वादे को पूरा नहीं कर पाए - जी20 शिखर सम्मेलन

कांग्रेस महासचिव और मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले जी20 शिखर सम्मेलन को याद करते हुए कहा कि पीएम मोदी विदेशों से बेहिसाब काला धन लाने की बात कही थी. रमेश ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी अपने वादे को पूरा करने में विफल रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Jairam Ramesh news
जयराम रमेश की फाइल फोटो.
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 7, 2023, 9:25 AM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में अपने पहले जी20 शिखर सम्मेलन में बेहिसाब काला धन वापस लाने की बात कही थी. हालांकि, 'अडाणी विवाद' से यह पता चलता है कि वह अपनी बात पर अमल करने में विफल रहे. जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला जी20 शिखर सम्मेलन नवंबर 2014 में ब्रिस्बेन में हुआ था.

  • https://t.co/hXgDMPn11I

    Prime Minister Narendra Modi's very first G20 Summit was in November 2014 at Brisbane.

    He waxed eloquent on tax havens and bringing back unaccounted money, and expressed strong support to all initiatives to facilitate exchange of information and closer… pic.twitter.com/XYLpsbSKVS

    — Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जयराम रमेश ने बुधवार को 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि वहां उन्होंने टैक्स हेवेन में जमा बेहिसाब काला धन वापस लाने बात की थी. उन्होंने कहा कि तब पीएम ने सूचना के आदान-प्रदान और अन्य अर्थव्यवस्थाओं के साथ घनिष्ठ समन्वय की सुविधा के लिए सभी पहलों के लिए मजबूत समर्थन व्यक्त किया था.

जयराम रमेश ने अपने पोस्ट में लिखा कि शब्द तो ठीक हैं लेकिन जो अधिक मायने रखता है वह है इरादा और संबंधित कार्य. मोदानी गाथा में नवीनतम सूचनाओं से पता चलता है कि आठ में से छह फंड - जिनका अडाणी समूह से संबंध था और जो कथित तौर पर उसकी ओर से धन ले जा रहे थे और स्टॉक की कीमतों में हेरफेर कर रहे थे - बंद कर दिए गए हैं.

उन्होंने लिखा कि विश्लेषकों का मानना है कि यदि सेबी अपनी अस्पष्ट (मोदी-निर्मित?) मूर्खता से जाग गई होती और पहले ही इन फंडों की जांच कर लेती, तो उन्हें इन संस्थाओं के अंतिम लाभार्थियों के बारे में जानकारी मिल सकती थी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने ऐसा क्यों होने दिया? केवल जेपीसी ही इसका उत्तर दे सकती है.

इससे पहले बुधवार को ही दिन में, जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस ने संसद के आगामी विशेष सत्र के दौरान 'अडाणी' मामले से लेकर 'केंद्र-राज्य संबंधों को हो रहे नुकसान' जैसे नौ मुद्दों पर केंद्र को घेरने का फैसला किया है. पिछले हफ्ते, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा था कि उनकी सरकार अडाणी समूह पर जांच नहीं कर सकती क्योंकि नुकसान अडाणी को नहीं बल्कि किसी और को होगा.

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राहुल गांधी ने रायपुर में कहा था कि क्या कारण है कि नरेंद्र मोदी जी अडाणी पर जांच नहीं कर रहे हैं? भारत के पीएम अडाणी पर जांच नहीं कर सकते. क्योंकि जांच के बाद नुकसान अडाणी को नहीं बल्कि किसी और को होगा.

(एएनआई)

नई दिल्ली : कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में अपने पहले जी20 शिखर सम्मेलन में बेहिसाब काला धन वापस लाने की बात कही थी. हालांकि, 'अडाणी विवाद' से यह पता चलता है कि वह अपनी बात पर अमल करने में विफल रहे. जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला जी20 शिखर सम्मेलन नवंबर 2014 में ब्रिस्बेन में हुआ था.

  • https://t.co/hXgDMPn11I

    Prime Minister Narendra Modi's very first G20 Summit was in November 2014 at Brisbane.

    He waxed eloquent on tax havens and bringing back unaccounted money, and expressed strong support to all initiatives to facilitate exchange of information and closer… pic.twitter.com/XYLpsbSKVS

    — Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जयराम रमेश ने बुधवार को 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि वहां उन्होंने टैक्स हेवेन में जमा बेहिसाब काला धन वापस लाने बात की थी. उन्होंने कहा कि तब पीएम ने सूचना के आदान-प्रदान और अन्य अर्थव्यवस्थाओं के साथ घनिष्ठ समन्वय की सुविधा के लिए सभी पहलों के लिए मजबूत समर्थन व्यक्त किया था.

जयराम रमेश ने अपने पोस्ट में लिखा कि शब्द तो ठीक हैं लेकिन जो अधिक मायने रखता है वह है इरादा और संबंधित कार्य. मोदानी गाथा में नवीनतम सूचनाओं से पता चलता है कि आठ में से छह फंड - जिनका अडाणी समूह से संबंध था और जो कथित तौर पर उसकी ओर से धन ले जा रहे थे और स्टॉक की कीमतों में हेरफेर कर रहे थे - बंद कर दिए गए हैं.

उन्होंने लिखा कि विश्लेषकों का मानना है कि यदि सेबी अपनी अस्पष्ट (मोदी-निर्मित?) मूर्खता से जाग गई होती और पहले ही इन फंडों की जांच कर लेती, तो उन्हें इन संस्थाओं के अंतिम लाभार्थियों के बारे में जानकारी मिल सकती थी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने ऐसा क्यों होने दिया? केवल जेपीसी ही इसका उत्तर दे सकती है.

इससे पहले बुधवार को ही दिन में, जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस ने संसद के आगामी विशेष सत्र के दौरान 'अडाणी' मामले से लेकर 'केंद्र-राज्य संबंधों को हो रहे नुकसान' जैसे नौ मुद्दों पर केंद्र को घेरने का फैसला किया है. पिछले हफ्ते, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा था कि उनकी सरकार अडाणी समूह पर जांच नहीं कर सकती क्योंकि नुकसान अडाणी को नहीं बल्कि किसी और को होगा.

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राहुल गांधी ने रायपुर में कहा था कि क्या कारण है कि नरेंद्र मोदी जी अडाणी पर जांच नहीं कर रहे हैं? भारत के पीएम अडाणी पर जांच नहीं कर सकते. क्योंकि जांच के बाद नुकसान अडाणी को नहीं बल्कि किसी और को होगा.

(एएनआई)

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