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कट्टरवादी कैबिनेट के साथ किस तरह की सरकार चलाएगा तालिबान?

सामरिक विशेषज्ञ सुशांत सरीन (strategic expert Sushant Sareen ) ने ईटीवी भारत की संवाददाता चंद्रकला चौधरी से बात करते हुए कहा कि तालिबान ने जिस तरह कैबिनेट का गठन किया है, उसके साथ वे किस तरह की सरकार चला पाएंगे?

ईटीवी भारत से बात करते सुशांत सरीन
ईटीवी भारत से बात करते सुशांत सरीन
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Published : Sep 8, 2021, 8:22 PM IST

Updated : Sep 8, 2021, 9:53 PM IST

नई दिल्ली : तालिबान सरकार के गठन की घोषणा पर टिप्पणी करते हुए सामरिक विशेषज्ञ सुशांत सरीन (strategic expert Sushant Sareen ) ने कहा है कि तालिबान ने जिस सरकार की घोषणा की उसमें कोई हैरान करने वाली बात नहीं है.

मोहम्मद हसन अखुंद (Mohammad Hasan Akhund), जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादियों (UN-designated terrorists) में से एक है को कैबिनेट में अपने कट्टरपंथी कोर समूह द्वारा अफगानिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में घोषित किए जाने पर उन्होंने कहा कि जिस सरकार की घोषणा हुई है, उसका पहले से अंदाजा था. इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है, हो सकता है कुछ चेहरे इधर-उधर हों.

ईटीवी भारत से बात करते सामरिक विशेषज्ञ सुशांत सरीन

उन्होंने कहा कि अधिकांश लोगों की एक ही दिलचस्पी थी कि तालिबान के विभिन्न गुटों के बीच संतुलन क्या होगा और संतुलन कैसे बनाए रखा जाएगा, लेकिन जिस किसी को भी यह उम्मीद थी कि तालिबान सरकार किसी तरह का 'उदारवाद का पोस्टर-बॉय' (poster-boy of liberalism) बनने जा रही है, वह भ्रम था.

तालिबान ने कभी किसी को यह आभास नहीं होने दिया कि वे बहुत उदार सरकार के साथ आ रहे हैं, निश्चित रूप से ऐसा बिल्कुल नहीं है.

उन्होंने कहा कि फिलहाल तो ऐसा लगता है कि उन्हें सभी महत्वपूर्ण पदों पर अपना हिस्सा मिल गया है.

पढ़ें - अफगानिस्तान में तालिबान सरकार : मुल्ला हसन प्रधानमंत्री, मुल्ला बरादर डिप्टी पीएम

तालिबान का व्यवहार अफगानिस्तान में किसी भी शिक्षित, योग्य व्यक्ति को अलग-थलग (educated, qualified person in Afghanistan) करने वाला है. जिस तरह कैबिनेट है, उसके साथ वे किस तरह की सरकार चला पाएंगे?

विशेषज्ञ ने कहा कि जिन लोगों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी के रूप में नामित किया गया है, वे अब कैबिनेट मंत्री (cabinet ministers) हैं. क्या दुनिया इसे यूं ही स्वीकार कर लेगी?

नई दिल्ली : तालिबान सरकार के गठन की घोषणा पर टिप्पणी करते हुए सामरिक विशेषज्ञ सुशांत सरीन (strategic expert Sushant Sareen ) ने कहा है कि तालिबान ने जिस सरकार की घोषणा की उसमें कोई हैरान करने वाली बात नहीं है.

मोहम्मद हसन अखुंद (Mohammad Hasan Akhund), जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादियों (UN-designated terrorists) में से एक है को कैबिनेट में अपने कट्टरपंथी कोर समूह द्वारा अफगानिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में घोषित किए जाने पर उन्होंने कहा कि जिस सरकार की घोषणा हुई है, उसका पहले से अंदाजा था. इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है, हो सकता है कुछ चेहरे इधर-उधर हों.

ईटीवी भारत से बात करते सामरिक विशेषज्ञ सुशांत सरीन

उन्होंने कहा कि अधिकांश लोगों की एक ही दिलचस्पी थी कि तालिबान के विभिन्न गुटों के बीच संतुलन क्या होगा और संतुलन कैसे बनाए रखा जाएगा, लेकिन जिस किसी को भी यह उम्मीद थी कि तालिबान सरकार किसी तरह का 'उदारवाद का पोस्टर-बॉय' (poster-boy of liberalism) बनने जा रही है, वह भ्रम था.

तालिबान ने कभी किसी को यह आभास नहीं होने दिया कि वे बहुत उदार सरकार के साथ आ रहे हैं, निश्चित रूप से ऐसा बिल्कुल नहीं है.

उन्होंने कहा कि फिलहाल तो ऐसा लगता है कि उन्हें सभी महत्वपूर्ण पदों पर अपना हिस्सा मिल गया है.

पढ़ें - अफगानिस्तान में तालिबान सरकार : मुल्ला हसन प्रधानमंत्री, मुल्ला बरादर डिप्टी पीएम

तालिबान का व्यवहार अफगानिस्तान में किसी भी शिक्षित, योग्य व्यक्ति को अलग-थलग (educated, qualified person in Afghanistan) करने वाला है. जिस तरह कैबिनेट है, उसके साथ वे किस तरह की सरकार चला पाएंगे?

विशेषज्ञ ने कहा कि जिन लोगों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी के रूप में नामित किया गया है, वे अब कैबिनेट मंत्री (cabinet ministers) हैं. क्या दुनिया इसे यूं ही स्वीकार कर लेगी?

Last Updated : Sep 8, 2021, 9:53 PM IST
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