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rave party : रेव पार्टी में म्यूजिक, ड्रग्स और सेक्स का कॉकटेल कैसे बनाते हैं रैवर्स ?

आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद कोर्डेलिया क्रूज में रेव पार्टी की चर्चा सुर्खियों में है. आखिर 'रेव पार्टी' क्या होती है. ऐसी पार्टियों में चुने हुए ग्रुप के लोग शामिल होते हैं. इसलिए आम लोग यह मानते हैं कि 'रेव पार्टी' का ऐसी महफिल है, जहां पैसे वाले नौजवान नशे के साथ मौज-मस्ती करते हैं. लोगों का सोचना बहुत हद तक सही भी है..और जानें रेव पार्टी के बारे में ?

what is rave party
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Published : Oct 6, 2021, 4:27 PM IST

हैदराबाद : मेट्रोपॉलिटिन शहरों में होने वाली 'रेव पार्टी' मौज-मस्ती का बड़ा अड्डा बनती जा रही है. रेव का मतलब होता है मौज-मस्ती से भरी जोशीली महफिल. हाई वोल्टेज धुनों और ड्रग्स के नशे के बीच थिरकते युवा 'रैवर्स' कहे जाते हैं. इन पार्टियों में शामिल होने के लिए 'रैवर्स' लाखों रुपये ख़र्च करने पड़ते हैं. इसकी एंट्री फीस ही लाखों में होती है. लाइट साउंड, गाना, खाना और गैर कानूनी तौर पर नशे की व्यवस्था आयोजक करते हैं, इसलिए यह पार्टी रईसों में लोकप्रिय है. ऐसी पार्टियों का खुलेआम नहीं होता है, इसलिए एंट्री खुलेआम नहीं होती. वैसे जब रेव कल्चर ने दुनिया में जोर पकड़ा था, तभी पार्टी के लिए खाली पड़े गोदाम, फॉर्म हाउस और अंडरग्राउंड वेयरहाउस जैसी जगह मुफीद साबित हुई थी.

what is rave party
दिल्ली के रिसॉर्ट में रेव पार्टी . file photo

रेव पार्टी में नशे की एंट्री

माना जाता है कि कहा जाता है कि 'रेव' शब्द की उत्पत्ति 1950 के दशक में लंदन में हुई थी, जहां इसका इस्तेमाल 'वाइल्ड बोहेमियन पार्टियों' के संदर्भ में किया गया था. 60 के दशक में उन्माद से भरपूर गाने रैव पार्टियों में पॉपुलर हुए. 70 के दशक में हिप्पी कल्चर ने रेव कल्चर में सेंध लगाई. नशा, डांस, स्वच्छंद लाइफस्टाइल के कारण हिप्पी यूरोप, अमेरिका, एशिया में पहुंच गए. नशाखोरी और सेक्स के लिए मशहूर हिप्पियों पर कार्रवाइयां भी हुईं. 1980 के दशक में युवाओं के बीच रेव पार्टियां फिर लोकप्रिय हुई थीं. अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को और लॉस एंजिल्स जैसे अमेरिकी शहरों में होने वाली पार्टियों में डांस और म्यूजिक के साथ नशे ने एंट्री ली.

सुनसान इलाके रहे हैं रैवर्स की पसंद

इस बीच इंग्लैंड में एसिड हाउस म्यूजिक पॉपुलर हुआ. एसिड हाउस की लोकप्रियता के साथ वहां रेव पार्टियां होने लगीं. 1988 तक पूरे ब्रिटेन के क्लबों, खाली पड़े गोदामों और खेतों में रेव पार्टियां होने लगीं. इसके बाद पूरे यूरोप में रेव कल्चर फलने-फूलने लगा. स्पेन में एक द्वीप इबीसा रेव पार्टी के लिए प्रसिद्ध हो गई थीं, जहां ब्रिटिश, इतालवी, ग्रीक, आयरिश और जर्मन युवा अक्सर आते थे. 90 के दशक में आते-आते दुनियाभर के कई देशों में रेव पार्टियों का चलन बढ़ने लगा यानी पूरी दुनिया में जोशीली पार्टियां होने लगीं.

भारत में रेव पार्टियां, गोवा से हुई थी शुरुआत

1970 के दशक में हिप्पियों ने गोवा और हिमाचल प्रदेश को अपना ठिकाना बनाया था. प्रतिबंध के बाद इन हिप्पियों ने गोवा में रेव पार्टियों का चलन शुरू किया. 90 के दशक में हिमाचल की कुल्लू घाटी, बेंगलुरु, पुणे, मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता, चेन्नई समेत कई शहर रेव हॉटस्पॉट बन गए. रेव पार्टियों में डांस, मस्ती, धमाल, शराब, शवाब, बेरोकटोक हर बात की छूट होती है. कुछ रेव पार्टियों में सेक्स के लिए ‘चिल रूम्‍स' भी होते हैं. रंग-बिरंगी लाइट्स, अवैध ड्रग्स, बेसुध होकर नाचते लोग रेव पार्टियों में अक्सर देखने को मिलते हैं. इनमें कोकीन, पार्टी ड्रग या एमडीएमए, एमडी, एलएसडी, जीएचबी, कैनबिस, हैश, केटामाइन, एम्फ़ैटेमिन और मेथामफेटामाइन जैसी अवैध दवाओं का जादू सिर चढ़कर बोलता है. नारकोटिक्स एजेंसियां ड्रग सप्लायर्स और बस्ट रैकेट को गिरफ्तार करने के लिए अक्सर रेव पार्टियों पर छापेमारी करती हैं.

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कर्नाटक के बेंगलुरु में रेव पार्टी . file photo

कोड वर्ड से चलता है भारत में कारोबार

भारत में रेव पार्टियां सीक्रेट होती हैं. इसका सारा खेल कोड वर्ड से चलता है. इस तरह की पार्टियों के लिए वो खास थीम रखते हैं और किसी नामी डीजे को बुलाते हैं. इस पार्टी की तारीख तय करने के बाद उसे रेव पार्टी के शौकीन लोगों के बीच में फैलाया जाता है. रेव पार्टी के लिए जब पार्टी का संदेश एक शख्स को मिलता है तो वह आगे अन्य साथियों को पार्टी की जानकारी देते चले जाता है. एक्साइज विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से वह कोड में इस पार्टी का प्रचार करते हैं. आम लोग इसके बारे में समझ ही नहीं पाते हैं. रेव पार्टी आयोजित करने वालों का यह मकसद नहीं होता कि वह नए लोगों को बुलाए. यह काम उनके लिए पुराने ग्राहक ही करते हैं. इसलिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल केवल उन तक पार्टी की थीम, डीजे, तारीख आदि बताने के लिए किया जाता है. सोशल मीडिया पर डाले गए कोड को भी पार्टी में शामिल होने वाले लोग ही समझ पाते हैं. इन पार्टियों में बड़ी संख्या में विदेशी लोग भी शामिल होते हैं.

रेव पार्टी का नया अवतार, नाम है फेस्टिवल

जब भारत में नशीली पार्टियां रेव के नाम से नाम कमा रही हैं वहीं अब विदेशों में ऐसी पार्टियों ने नया लबादा ओढ़ लिया है. यूरोप में सेक्स और नशे से मशहूर पार्टियों को फेस्टिवल कहा जा रहा है. इंडियन रैवर्स अभी ऐसी गुप्त पार्टियों को रेव ही कहते हैं. रेव पार्टियां ड्रग लेने वालों और बेचने वालों के लिए एक सुरक्षित जगह होती हैं. मगर आप ऐसी पार्टियों से दूर ही रहें वरना ड्रग्स के ओवरडोज के अलावा कानून भी सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है.

हैदराबाद : मेट्रोपॉलिटिन शहरों में होने वाली 'रेव पार्टी' मौज-मस्ती का बड़ा अड्डा बनती जा रही है. रेव का मतलब होता है मौज-मस्ती से भरी जोशीली महफिल. हाई वोल्टेज धुनों और ड्रग्स के नशे के बीच थिरकते युवा 'रैवर्स' कहे जाते हैं. इन पार्टियों में शामिल होने के लिए 'रैवर्स' लाखों रुपये ख़र्च करने पड़ते हैं. इसकी एंट्री फीस ही लाखों में होती है. लाइट साउंड, गाना, खाना और गैर कानूनी तौर पर नशे की व्यवस्था आयोजक करते हैं, इसलिए यह पार्टी रईसों में लोकप्रिय है. ऐसी पार्टियों का खुलेआम नहीं होता है, इसलिए एंट्री खुलेआम नहीं होती. वैसे जब रेव कल्चर ने दुनिया में जोर पकड़ा था, तभी पार्टी के लिए खाली पड़े गोदाम, फॉर्म हाउस और अंडरग्राउंड वेयरहाउस जैसी जगह मुफीद साबित हुई थी.

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दिल्ली के रिसॉर्ट में रेव पार्टी . file photo

रेव पार्टी में नशे की एंट्री

माना जाता है कि कहा जाता है कि 'रेव' शब्द की उत्पत्ति 1950 के दशक में लंदन में हुई थी, जहां इसका इस्तेमाल 'वाइल्ड बोहेमियन पार्टियों' के संदर्भ में किया गया था. 60 के दशक में उन्माद से भरपूर गाने रैव पार्टियों में पॉपुलर हुए. 70 के दशक में हिप्पी कल्चर ने रेव कल्चर में सेंध लगाई. नशा, डांस, स्वच्छंद लाइफस्टाइल के कारण हिप्पी यूरोप, अमेरिका, एशिया में पहुंच गए. नशाखोरी और सेक्स के लिए मशहूर हिप्पियों पर कार्रवाइयां भी हुईं. 1980 के दशक में युवाओं के बीच रेव पार्टियां फिर लोकप्रिय हुई थीं. अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को और लॉस एंजिल्स जैसे अमेरिकी शहरों में होने वाली पार्टियों में डांस और म्यूजिक के साथ नशे ने एंट्री ली.

सुनसान इलाके रहे हैं रैवर्स की पसंद

इस बीच इंग्लैंड में एसिड हाउस म्यूजिक पॉपुलर हुआ. एसिड हाउस की लोकप्रियता के साथ वहां रेव पार्टियां होने लगीं. 1988 तक पूरे ब्रिटेन के क्लबों, खाली पड़े गोदामों और खेतों में रेव पार्टियां होने लगीं. इसके बाद पूरे यूरोप में रेव कल्चर फलने-फूलने लगा. स्पेन में एक द्वीप इबीसा रेव पार्टी के लिए प्रसिद्ध हो गई थीं, जहां ब्रिटिश, इतालवी, ग्रीक, आयरिश और जर्मन युवा अक्सर आते थे. 90 के दशक में आते-आते दुनियाभर के कई देशों में रेव पार्टियों का चलन बढ़ने लगा यानी पूरी दुनिया में जोशीली पार्टियां होने लगीं.

भारत में रेव पार्टियां, गोवा से हुई थी शुरुआत

1970 के दशक में हिप्पियों ने गोवा और हिमाचल प्रदेश को अपना ठिकाना बनाया था. प्रतिबंध के बाद इन हिप्पियों ने गोवा में रेव पार्टियों का चलन शुरू किया. 90 के दशक में हिमाचल की कुल्लू घाटी, बेंगलुरु, पुणे, मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता, चेन्नई समेत कई शहर रेव हॉटस्पॉट बन गए. रेव पार्टियों में डांस, मस्ती, धमाल, शराब, शवाब, बेरोकटोक हर बात की छूट होती है. कुछ रेव पार्टियों में सेक्स के लिए ‘चिल रूम्‍स' भी होते हैं. रंग-बिरंगी लाइट्स, अवैध ड्रग्स, बेसुध होकर नाचते लोग रेव पार्टियों में अक्सर देखने को मिलते हैं. इनमें कोकीन, पार्टी ड्रग या एमडीएमए, एमडी, एलएसडी, जीएचबी, कैनबिस, हैश, केटामाइन, एम्फ़ैटेमिन और मेथामफेटामाइन जैसी अवैध दवाओं का जादू सिर चढ़कर बोलता है. नारकोटिक्स एजेंसियां ड्रग सप्लायर्स और बस्ट रैकेट को गिरफ्तार करने के लिए अक्सर रेव पार्टियों पर छापेमारी करती हैं.

what is rave party
कर्नाटक के बेंगलुरु में रेव पार्टी . file photo

कोड वर्ड से चलता है भारत में कारोबार

भारत में रेव पार्टियां सीक्रेट होती हैं. इसका सारा खेल कोड वर्ड से चलता है. इस तरह की पार्टियों के लिए वो खास थीम रखते हैं और किसी नामी डीजे को बुलाते हैं. इस पार्टी की तारीख तय करने के बाद उसे रेव पार्टी के शौकीन लोगों के बीच में फैलाया जाता है. रेव पार्टी के लिए जब पार्टी का संदेश एक शख्स को मिलता है तो वह आगे अन्य साथियों को पार्टी की जानकारी देते चले जाता है. एक्साइज विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से वह कोड में इस पार्टी का प्रचार करते हैं. आम लोग इसके बारे में समझ ही नहीं पाते हैं. रेव पार्टी आयोजित करने वालों का यह मकसद नहीं होता कि वह नए लोगों को बुलाए. यह काम उनके लिए पुराने ग्राहक ही करते हैं. इसलिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल केवल उन तक पार्टी की थीम, डीजे, तारीख आदि बताने के लिए किया जाता है. सोशल मीडिया पर डाले गए कोड को भी पार्टी में शामिल होने वाले लोग ही समझ पाते हैं. इन पार्टियों में बड़ी संख्या में विदेशी लोग भी शामिल होते हैं.

रेव पार्टी का नया अवतार, नाम है फेस्टिवल

जब भारत में नशीली पार्टियां रेव के नाम से नाम कमा रही हैं वहीं अब विदेशों में ऐसी पार्टियों ने नया लबादा ओढ़ लिया है. यूरोप में सेक्स और नशे से मशहूर पार्टियों को फेस्टिवल कहा जा रहा है. इंडियन रैवर्स अभी ऐसी गुप्त पार्टियों को रेव ही कहते हैं. रेव पार्टियां ड्रग लेने वालों और बेचने वालों के लिए एक सुरक्षित जगह होती हैं. मगर आप ऐसी पार्टियों से दूर ही रहें वरना ड्रग्स के ओवरडोज के अलावा कानून भी सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है.

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