नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में कथित शिक्षक भर्ती घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में हस्तक्षेप करने से सोमवार को इनकार कर दिया और कहा कि वह मामले की जांच में बाधा नहीं डाल सकता है. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने बनर्जी को कानून के तहत उपलब्ध उपचारात्मक कदम उठाने की अनुमति दी लेकिन कलकत्ता उच्च न्यायालय के 18 मई के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. पीठ ने कहा, "हम आदेश में हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं क्योंकि इससे जांच बाधित होगी. याचिकाकर्ता कानून के तहत उपलब्ध उपचारात्मक उपायों का लाभ उठा सकता है."
उच्चतम न्यायालय ने तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर 26 मई को रोक लगा दी थी. उच्च न्यायालय ने अपने पूर्व के एक आदेश को वापस लेने का अनुरोध करने वाली बनर्जी की याचिका को खारिज करते हुए यह जुर्माना लगाया था. आदेश में कहा गया था कि सीबीआई और ईडी पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले के मामलों में उनसे पूछताछ कर सकते हैं. शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के फैसले के बाकी हिस्से पर रोक नहीं लगाई थी जिसमें कहा गया था कि केंदीय जांच एजेंसियां तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी से इन मामलों के संबंध में पूछताछ कर सकती है. अभिषेक बनर्जी टीमएसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे हैं.
उच्चतम न्यायालय ने 28 अप्रैल को कलकत्ता उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को, पश्चिम बंगाल 'स्कूल भर्ती घोटाले' के मामले में सुनवाई किसी और न्यायाधीश को सौंपने का निर्देश दिया था. इससे कुछ दिन पहले उच्चतम न्यायालय ने एक टेलीविजन चैनल को दिये गये न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय के साक्षात्कार को लेकर अप्रसन्नता जताई थी, जिसमें उन्होंने इस विवाद पर अपनी बात रखी थी.
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गौरतलब है कि मामले की जांच के सिलसिले में सीबीआई ने 20 मई को बनर्जी से नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी. बनर्जी ने अपनी याचिका में शीर्ष अदालत से यह निर्देश देने का अनुरोध किया कि एजेंसी उनके खिलाफ कोई कठोर कदम न उठाए. अभिषेक बनर्जी का नाम घोटाले में एक आरोपी कुंतल घोष द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में सामने आया था. घोष ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय एजेंसियां उस पर भर्ती घोटाले में बनर्जी का नाम लेने का दबाव बना रही हैं. सीबीआई स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती से जुड़े मामले में आपराधिक पहलू की जांच कर रही है, जबकि प्रवर्तन निदेशालय इसमें हुई कथित अनियमितताओं में धन के लेन-देन की जांच कर रहा है.
(पीटीआई-भाषा)