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Respiratory Infection in West Bengal: पश्चिम बंगाल में पिछले ढाई महीने में श्वसन संबंधी संक्रमण के 12,343 मामले आए सामने

पिछले ढाई महीने में पश्चिम बंगाल में श्वसन संबंधी संक्रमण के 12,343 मामले सामने आए हैं. एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि इस संक्रमण से अभी तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है.

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Published : Mar 14, 2023, 11:53 AM IST

Respiratory infection in West Benga
श्वसन संबंधी संक्रमण

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में पिछले ढाई महीने में तीव्र श्वसन (एक्यूट रेस्पिरेटरी) संक्रमण के कुल 12,343 मामले सामने आए हैं. इनमें से अधिकतर मामले बच्चों में पाए गए हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने सोमवार को बताया कि अब तक 19 लोगों की इस संक्रमण से मौत हुई है, जिनमें से 13 लोग पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे. अधिकारी ने कहा, 'संक्रमण से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है और अस्पतालों में प्रतिदिन इसके 800 मरीज की जगह अब हर दिन 600 मरीज भर्ती हो रहे हैं.'

मुख्य सचिव एचके द्विवेदी (Chief Secretary HK Dwivedi) की अध्यक्षता में एआरआई पर गठित एक उच्च स्तरीय कार्य बल ने सोमवार को बैठक की और फैसला किया कि निजी अस्पतालों में काम करने वाले चिकित्सकों और निजी चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. अधिकारी ने बताया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिशियन (आईएपी) अपने सदस्यों को इसको लेकर सतर्क करेंगे.

ये भी पढ़ें- Adenovirus Alert : लगातार बढ़ रहे हैं मौत के मामले, इस राज्य में एडेनोवायरस संक्रमितों की संख्या अधिक

उन्होंने कहा कि लक्षणों की शुरुआती पहचान के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सामान्य जानकारी और परामर्श दिया जाएगा.' अधिकारी ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं का घर-घर जाकर जागरूकता फैलाने का अभियान भी तेज किया जाएगा.

क्या है तीव्र श्वसन (एक्यूट रेस्पिरेटरी) संक्रमण: यह सांस से संबंधित बीमारी है. इसमें सांस लेने में सहायक अंग जैसे गला, नाक, फेफड़े और श्वास नली में संक्रमण होने पर सांस लेने में कठिनाई होती है. यह संक्रमण वायरस, बैक्टीरिया और कवक (fungus) के कारण होता है. इसमें श्वसन संक्रमण के साथ सर्दी या फ्लू फी हो सकता है.

(पीटीआई-भाषा)

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में पिछले ढाई महीने में तीव्र श्वसन (एक्यूट रेस्पिरेटरी) संक्रमण के कुल 12,343 मामले सामने आए हैं. इनमें से अधिकतर मामले बच्चों में पाए गए हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने सोमवार को बताया कि अब तक 19 लोगों की इस संक्रमण से मौत हुई है, जिनमें से 13 लोग पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे. अधिकारी ने कहा, 'संक्रमण से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है और अस्पतालों में प्रतिदिन इसके 800 मरीज की जगह अब हर दिन 600 मरीज भर्ती हो रहे हैं.'

मुख्य सचिव एचके द्विवेदी (Chief Secretary HK Dwivedi) की अध्यक्षता में एआरआई पर गठित एक उच्च स्तरीय कार्य बल ने सोमवार को बैठक की और फैसला किया कि निजी अस्पतालों में काम करने वाले चिकित्सकों और निजी चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. अधिकारी ने बताया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिशियन (आईएपी) अपने सदस्यों को इसको लेकर सतर्क करेंगे.

ये भी पढ़ें- Adenovirus Alert : लगातार बढ़ रहे हैं मौत के मामले, इस राज्य में एडेनोवायरस संक्रमितों की संख्या अधिक

उन्होंने कहा कि लक्षणों की शुरुआती पहचान के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सामान्य जानकारी और परामर्श दिया जाएगा.' अधिकारी ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं का घर-घर जाकर जागरूकता फैलाने का अभियान भी तेज किया जाएगा.

क्या है तीव्र श्वसन (एक्यूट रेस्पिरेटरी) संक्रमण: यह सांस से संबंधित बीमारी है. इसमें सांस लेने में सहायक अंग जैसे गला, नाक, फेफड़े और श्वास नली में संक्रमण होने पर सांस लेने में कठिनाई होती है. यह संक्रमण वायरस, बैक्टीरिया और कवक (fungus) के कारण होता है. इसमें श्वसन संक्रमण के साथ सर्दी या फ्लू फी हो सकता है.

(पीटीआई-भाषा)

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