गुवाहाटी: पश्चिम बंगाल में हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनावों के बाद भी राज्य में अशांति बनी हुई है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पश्चिम बंगाल के विजयी प्रत्याशियों सहित 65 बीजेपी कार्यकर्ताओं ने असम में शरण ली है. ये सभी लोग पश्चिम बंगाल के मालदा और हबीबपुर जिलों की ग्राम पंचायतों से आते हैं. ,65 लोगों के ग्रुप में 27 ऐसे निर्वाचित प्रतिनिधि हैं, जिनका कहना है कि उनको लगातार डराया और धमकाया जा रहा है. ऐसे में वो अपने परिवार के साथ असम में शरण लेने के लिए पहुंचे हैं. कुछ ने तो अपनी गोद में बच्चे भी ले लिए है.
असम में शरण लेने पहुंचे 65 लोगों के ग्रुप ने ईटीवी भारत के साथ अपना दर्द साझा किया है. उनका कहना है कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने प्रशासन के साथ मिलकर उन्हें शारीरिक और मानसिक यातनाएं दीं और जान से मारने की धमकियां दीं, जिसके बाद उन्होंने भागकर असम में शरण ली है.
उन्होंने बताया कि टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने उनको लुभाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने टीएमसी में शामिल होने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उनको और उनके परिवार को खतरा पैदा हो गया है. उन्होंने अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गुवाहाटी में शरण ली है. उन्होंने हालात स्थिर होने पर घर लौटने की उम्मीद जताई है. उन्हें पंचायत चुनाव जीतने की खुशी का अनुभव हुआ था, लेकिन अब उनके चेहरे पर डर का गहरा भाव झलक रहा है.
गुवाहाटी में भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें आवास, भोजन और जीविका सहित आवश्यक सुविधाएं प्रदान की हैं. इस बीच पार्टी नेतृत्व उनकी स्थिति पर सक्रियता से नजर रख रहा है. पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमिटी की रिपोर्ट सामने आ गई है. दरअसल, पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव 2023 के लिए 8 जुलाई को हुए मतदान के दौरान राज्य के अलग-अलग हिस्सों में कई मतदान केंद्रों पर हिंसा की खबरें आईं थीं. चुनाव संबंधी हिंसा में 18 लोग मारे गए थे.