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बंगाल पंचायत चुनाव: नाम वापस लेने वालों की संख्‍या 2018 के मुकाबले कम - candidates withdrawal is less than previous

पश्चिम बंगाल में आठ जुलाई को पंचायत चुनाव होने हैं. लेकिन इस बार पिछली बार के मुकाबले बहुत कम लोगों ने नामांकन वापस लिया है. पिछली बार 2018 में चुनाव हुए थे. राज्‍य निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में यह जानकारी दी.

calcutta hc
कलकत्ता हाईकोर्ट
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Published : Jun 29, 2023, 6:40 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनावों के लिए नामांकन वापस लेने वालों की संख्‍या इस बार काफी कम रही है. राज्‍य निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को कलकत्‍ता उच्‍च न्‍यायालय को यह जानकारी दी. इसमें कहा गया है कि इस बार वैध नामांकन की संख्या भी काफी अधिक है.

इस संबंध में राज्य चुनाव आयोग द्वारा अदालत में दायर एक हलफनामे में कहा गया है कि कुल 2,28,158 वैध नामांकन के मुकाबले इस बार नामांकन वापस लेने वालों की संख्या सिर्फ 20,612 थी. हलफनामे के अनुसार, 2018 में कुल वैध नामांकनों की संख्या 1,33,673 थी जिनमें से 23,619 ने नाम वापस ले लिया था.

आयोग द्वारा अदालत में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, इस बार नामांकन अधिक थे, लेकिन 2018 की तुलना में नाम वापसी कम हुई थी. आयोग ने कलकत्ता उच्च न्यायालय को 754 शिकायतें प्राप्त होने की भी जानकारी दी है. नामांकन चरण के दौरान अनियमितताओं और इनमें से प्रत्येक मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं.

आयोग ने अदालत को बताया कि राज्य में संवेदनशील बूथ की पहचान की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है. सभी जिला मजिस्ट्रेटों और जिला पुलिस अधीक्षकों को इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा है.

आयोग ने कहा है कि पिछले ग्रामीण निकाय चुनावों के अनुभव के आधार पर संवेदनशील बूथों की पहचान की जा रही है. उसने दावा किया कि कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश के मुताबिक सभी चुनाव बूथों के सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखे जाएंगे.

कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम की खंडपीठ ने बुधवार को आयोग को इस तरह से काम करने की सलाह दी ताकि आम लोगों का उस पर विश्वास बहाल हो सके.

आगामी पंचायत के लिए केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती पर आयोग के खिलाफ दायर अदालत की अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति शिवगणम ने राज्‍य निर्वाचन आयोग के वकील से कहा, “आप लगातार अदालत से कह रहे हैं कि आपने सारी व्यवस्था कर ली है. आप जो भी करें आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आम लोगों का विश्वास बहाल हो. आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करके लोगों का विश्वास जीतना चाहिए.''

ये भी पढ़ें : Bengal Panchayat elections 2023: 'हिंसा पर राज्यपाल के बयानों से विवाद की नई चिंगारी भड़की'

(आईएएनएस)

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनावों के लिए नामांकन वापस लेने वालों की संख्‍या इस बार काफी कम रही है. राज्‍य निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को कलकत्‍ता उच्‍च न्‍यायालय को यह जानकारी दी. इसमें कहा गया है कि इस बार वैध नामांकन की संख्या भी काफी अधिक है.

इस संबंध में राज्य चुनाव आयोग द्वारा अदालत में दायर एक हलफनामे में कहा गया है कि कुल 2,28,158 वैध नामांकन के मुकाबले इस बार नामांकन वापस लेने वालों की संख्या सिर्फ 20,612 थी. हलफनामे के अनुसार, 2018 में कुल वैध नामांकनों की संख्या 1,33,673 थी जिनमें से 23,619 ने नाम वापस ले लिया था.

आयोग द्वारा अदालत में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, इस बार नामांकन अधिक थे, लेकिन 2018 की तुलना में नाम वापसी कम हुई थी. आयोग ने कलकत्ता उच्च न्यायालय को 754 शिकायतें प्राप्त होने की भी जानकारी दी है. नामांकन चरण के दौरान अनियमितताओं और इनमें से प्रत्येक मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं.

आयोग ने अदालत को बताया कि राज्य में संवेदनशील बूथ की पहचान की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है. सभी जिला मजिस्ट्रेटों और जिला पुलिस अधीक्षकों को इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा है.

आयोग ने कहा है कि पिछले ग्रामीण निकाय चुनावों के अनुभव के आधार पर संवेदनशील बूथों की पहचान की जा रही है. उसने दावा किया कि कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश के मुताबिक सभी चुनाव बूथों के सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखे जाएंगे.

कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम की खंडपीठ ने बुधवार को आयोग को इस तरह से काम करने की सलाह दी ताकि आम लोगों का उस पर विश्वास बहाल हो सके.

आगामी पंचायत के लिए केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती पर आयोग के खिलाफ दायर अदालत की अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति शिवगणम ने राज्‍य निर्वाचन आयोग के वकील से कहा, “आप लगातार अदालत से कह रहे हैं कि आपने सारी व्यवस्था कर ली है. आप जो भी करें आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आम लोगों का विश्वास बहाल हो. आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करके लोगों का विश्वास जीतना चाहिए.''

ये भी पढ़ें : Bengal Panchayat elections 2023: 'हिंसा पर राज्यपाल के बयानों से विवाद की नई चिंगारी भड़की'

(आईएएनएस)

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