बांकुरा (पश्चिम बंगाल): पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले में एक विचित्र घटना घटी जहां शनिवार को एक व्यक्ति अपने राशन कार्ड पर अपना नाम दर्ज कराने के लिए एक सरकारी अधिकारी के वाहन के सामने कुत्ते की तरह भौंकने लगा. जिले के केशिकोल गांव के निवासी श्रीकांत दत्ता के रूप में पहचाने जाने वाले व्यक्ति ने दावा किया कि उसने अब तक तीन बार आधिकारिक दस्तावेज में अपना नाम सुधार के लिए आवेदन किया था, लेकिन सुधार कभी नहीं हुआ.
दत्ता ने ईटीवी भारत को बताया, "तीसरी बार मेरा नाम श्रीकांत दत्ता के बजाय श्रीकांत कुट्टा (हिंदी में 'कुत्ता') लिखा गया. मैं इससे मानसिक रूप से परेशान था." इसके बाद, उन्होंने मामले को अपने हाथों में लेने का फैसला किया. जब उन्हें पता चला कि संयुक्त खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) का वाहन उनके क्षेत्र से गुजर रहा है, तो उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए, दत्ता ने कार की खिड़की के पास भौंकना शुरू कर दिया, जहां अधिकारी बैठे थे.
वायरल हुए वीडियो में बांकुड़ा ब्लॉक-2 के ज्वाइंट बीडीओ के वाहन के आगे खड़े दत्ता भौंकते नजर आ रहे हैं. वीडियो में ड्राइवर के बगल में बैठे बीडीओ को वाहन रुकवाते हुए और कागज लेते हुए दूसरे अधिकारी को सौंपते हुए भी देखा जा सकता है. ज्वाइंट बीडीओ भी अधिकारी को कुछ न कुछ निर्देश देते नजर आए. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो से सरकार की बड़ी किरकिरी हुई है.
दत्ता ने कहा, "मैं एक साल से अपने राशन कार्ड पर अपना नाम सुधारने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन हर बार मेरा नाम गलत लिखा गया. मैं निराश हो गया और जिस तरह से उन्होंने मुझे चित्रित किया, उसका विरोध करने का फैसला किया." मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आम लोगों को बुनियादी सरकारी सुविधाएं प्रदान करने के लिए 'दुआरे सरकार' (आपके द्वार पर सरकार) की शुरुआत की. प्रारंभ में, मेरा नाम मेरे राशन कार्ड पर 'श्रीकांत मोंडल' के रूप में दिखाई दिया, जिसके बाद मैं दुआरे सरकार शिविर में गया और बदलाव के लिए आवेदन किया.
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"अगली बार इसे 'श्रीकांता दत्ता' के रूप में छापा गया था. मैं श्रीकांति हूं, श्रीकांता नहीं और इसलिए मैंने फिर से बदलाव के लिए आवेदन किया और इस बार यह 'श्रीकांति कुट्टा' के रूप में आया. यह मज़ाकीय है. मैं कितनी बार इन लोगों के पीछे भागूंगा? जब मैं संयुक्त बीडीओ के पास गया तो उन्होंने मुझसे बात करने से मना कर दिया. ये सरकारी अधिकारी लोगों के लिए काम करने वाले होते हैं, लेकिन वे ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे कि हम उनसे कोई एहसान मांग रहे हों. इसलिए मैंने इस तरह विरोध करने का फैसला किया.'
हालांकि जिला प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से कोई टिप्पणी उपलब्ध नहीं थी, दत्ता ने कहा कि उन्होंने एक दो दिनों में गलती को सुधारने का वादा किया है.